तीसरा विश्व युद्ध दूर नहीं, जेलेंस्की तानाशाह है...', डोनाल्ड ट्रंप के बयान से पूरी दुनिया चिंतित

ट्रम्प का चौंकाने वाला बयान: मेरे पास तीसरे विश्व युद्ध को रोकने की योजना है
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एक और चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने अपने शब्दों में कहा, "अगर बाइडन प्रशासन एक साल और शासन करता तो पूरी दुनिया विश्व युद्ध लड़ रही होती। लेकिन अब जब मैं अमेरिका की गद्दी पर बैठा हूं तो ऐसा कुछ नहीं होगा।" इस बयान के माध्यम से ट्रम्प ने न केवल बिडेन के पुराने शासन की आलोचना की, बल्कि विश्व युद्ध को रोकने के अपने बड़े विचारों और योजना का भी संकेत दिया।

ट्रम्प के अनुसार, वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक दबाव के बीच, मध्य पूर्व और यूरोप के कुछ क्षेत्रों में चल रहे युद्ध को रोकने के लिए उनके पास विशिष्ट और व्यापक योजनाएँ हैं। ट्रम्प ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "मेरे पास विश्व युद्ध रोकने की योजना है।" उनका मानना ​​है कि यदि वे शासन करेंगे तो पूरे विश्व में शांति और सद्भाव प्रभावी रूप से स्थापित हो सकेगा।

आज की तीव्र राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के बीच ट्रम्प के बयान चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। कई राजनीतिक विश्लेषकों और विदेश नीति विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे बयानों का विश्व के राजनीतिक परिदृश्य में भारत सहित अन्य देशों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि विश्व के प्रमुख देशों के बीच प्रतिस्पर्धा और सामाजिक-आर्थिक तनाव के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक दृष्टिकोण के बीच तनाव उत्पन्न होता है।

ट्रम्प के बयान पर पुरानी व्यवस्था के विरोधियों और समर्थकों दोनों की ओर से प्रतिक्रिया आई है। जहां कुछ लोग उनके आदर्शवादी और महत्वपूर्ण विचारों से प्रेरित हैं, वहीं अन्य का कहना है कि यह महज एक राजनीतिक विवाद है।

अंत में ट्रम्प ने कहा, "मैं अपना शासन शुरू करने जा रहा हूं और मैं विश्व युद्ध को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि ट्रम्प अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से वैश्विक शांति स्थापित करने के लिए उत्सुक हैं और उनकी यह योजना विश्व राजनीति में एक बड़े संकट को हल करने का प्रयास माना जा रहा है।

लेख प्रकाशित | Thu | 20 Feb 2025 | 9:35 PM

अमेरिका के 6 राज्यों में बाढ़, 14 लोगों की मौत:कुछ इलाकों में तापमान माइनस 60 डिग्री पहुंचा; 9 करोड़ लोग भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं

ध्रुवीय भंवर: 6 राज्यों में भीषण ठंड और बचाव अभियान

छह अमेरिकी राज्यों - केंटकी, जॉर्जिया, वर्जीनिया, वेस्ट वर्जीनिया, टेनेसी और इंडियाना में ध्रुवीय भंवर के कारण हर दिन 90 मिलियन लोग भीषण ठंड का सामना कर रहे हैं। केंटुकी में शीत लहर का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा है, जहां 12 लोगों की मृत्यु की सूचना है, जबकि वेस्ट वर्जीनिया और जॉर्जिया में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु की सूचना है।

सीबीसी न्यूज़ के अनुसार, ध्रुवीय भंवर के कारण पूर्वी राज्यों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इस शीत लहर के कारण स्कूल बंद हो गए हैं, पाइपें टूट गई हैं, 14,000 से अधिक घरों की बिजली गुल हो गई है तथा 17,000 स्थानों पर पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप्प हो गई है।

राष्ट्रीय मौसम सेवा के मौसम विज्ञानी एंड्रयू ओरिसन ने कहा कि मध्य अमेरिका के कुछ हिस्सों में तापमान -50 से -60 डिग्री तक गिर गया है। इस स्थिति ने स्थानीय समुदाय में काफी चिंता पैदा कर दी है।

वेस्ट वर्जीनिया के गवर्नर पैट्रिक मॉरिसी ने कहा कि जल स्तर में लगातार वृद्धि के कारण कई लोग दुखद रूप से लापता हो गए हैं। बचाव दलों ने केंटकी और आसपास के क्षेत्रों में 1,000 से अधिक लोगों को बचाया है, जो इस कठिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक है।

इन सभी घटनाओं का अमेरिका के पूर्वी राज्यों में सार्वजनिक जीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। ठंड के गंभीर प्रभावों को कम करने और लोगों की सुरक्षा के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर तत्काल उपाय किए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बचाव बल लगातार स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं और उनसे भविष्य में ऐसी स्थितियों के प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए उचित व्यवस्था करने की अपेक्षा की जाती है।

लेख प्रकाशित | Wed | 19 Feb 2025 | 9:39 PM

कतर के अमीर का राष्ट्रपति भवन में स्वागत: गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता शुरू हुई

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल-थानी का दो दिवसीय भारत दौरे पर हवाई अड्डे पर स्वागत किया

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल-थानी का भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जो देश की प्रगति और कतर के अमीर के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गया है।

17 फरवरी की रात को भारत पहुंचे अमीर अल-थानी अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान देश के वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं के साथ बैठकें भी करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आयोजित स्वागत समारोह में शामिल हुए, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी उपस्थित थे।

इस द्विपक्षीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और कतर के अमीर के बीच द्विपक्षीय चर्चा शुरू हो गई है। इन चर्चाओं में व्यापार, ऊर्जा, सुरक्षा और राजनीतिक संबंधों पर चर्चा शामिल होने की उम्मीद है। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ बैठक भी होगी और राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा, जिससे देश के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और राजनीतिक प्रतिष्ठा की पुष्टि होगी।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और कतर के बीच संबंधों को मजबूत करना तथा दोनों देशों की आर्थिक और ऊर्जा नीतियों में सहयोग बढ़ाना है। ऐसे समय में जब कतर भारत की एलएनजी और एलपीजी आवश्यकताओं की आपूर्ति में एक प्रमुख साझेदार है, इस यात्रा को भारत के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय साझेदारी की दिशा में कदम उठाने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

ऐसे अवसरों पर प्रधानमंत्री मोदी का सरल और खुला स्वभाव तथा विदेश मंत्री जयशंकर के सत्यनिष्ठ वक्तव्य देश की अंतर्राष्ट्रीय नीतियों को और अधिक मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण प्रेरणा प्रदान करते हैं। कतर के अमीर की दो दिवसीय यात्रा से अब नए द्विपक्षीय संबंधों के निर्माण तथा वैश्विक राजनीतिक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को और मजबूत करने की उम्मीद है।

लेख प्रकाशित | Tue | 18 Feb 2025 | 9:10 PM

जेपी मॉर्गन चेस के सीईओ डिमन ने भारतीय-अमेरिकियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की, ट्रंप भड़के

जे.पी. मॉर्गन चेस के सीईओ जेमी डिमन के भाषण से विवादस्पद टिप्पणी


अमेरिका के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में लौटने के साथ, रोजमर्रा की जिंदगी में नए उच्च-स्तरीय तनाव और बहसें उभर रही हैं। इस संदर्भ में जे.पी. मॉर्गन चेस के सीईओ **जेमी डिमन** का एक ऑडियो लीक होने के बाद विवाद का माहौल पैदा हो गया है। इस लीक हुए ऑडियो में डिमन ने भारतीय मूल के सीएफपीबी निदेशक **रोहित चोपड़ा** के बारे में अत्यधिक अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।

कोलंबस, ओहियो में अपने सहकर्मियों के साथ चर्चा में डिमन ने कहा, "कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन काम करना होगा। कोई अवकाश नहीं दिया जाएगा।" इसके साथ ही उन्होंने रोहित चोपड़ा के बारे में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा, "उनका नाम जो भी हो, सीएफपीबी के भारतीय-अमेरिकी निदेशक रोहित चोपड़ा अहंकारी हैं और कोई भी उन तक नहीं पहुंच सकता। उन्होंने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है और अमेरिका की समस्याएं बढ़ा दी हैं।"

इस बयानबाजी से सोशल मीडिया और विदेशी वित्तीय समुदाय में व्यापक आक्रोश और चिंता पैदा हो गई है। कई वित्तीय विश्लेषकों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्यों ने इस विवाद को 'हमारे आर्थिक और सांस्कृतिक मूल्यों के साथ खिलवाड़' के रूप में देखना शुरू कर दिया है।

डिमन के बयान से आर्थिक क्षेत्र में भी गरमागरम बहस छिड़ गई है। कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि वित्तीय नेताओं और प्रधानमंत्री की ऐसी भाषा अल्पावधि में विदेशी निवेशकों के लिए हानिकारक साबित हो सकती है, खासकर तब जब भारत और अन्य देशों के बीच व्यापार संबंधों को और अधिक सकारात्मक बनाने के लिए तनाव है।

विपक्षी राजनीतिक नेता और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य इस प्रकार के भाषण पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त कर रहे हैं। उनका मानना ​​है कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और राजनीतिक चर्चाओं में सहयोग और पारस्परिक मान्यता अधिक महत्वपूर्ण है।

यह विवादास्पद ऑडियो लीक और इससे उठे सवाल अभी भी बहस के केंद्र में हैं। डिमन की टिप्पणियों और भड़काऊ भाषा पर अब आगे और अधिक जांच और बहस होने की उम्मीद है।

लेख प्रकाशित | Mon | 17 Feb 2025 | 9:30 PM

ट्रम्प बोले- पुतिन यूक्रेन युद्ध खत्म करना चाहते हैं: कहा- मैं जल्द ही उनसे मिलूंगा, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी उपराष्ट्रपति यूएई से मिलेंगे

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के इच्छुक हैं। ट्रम्प ने 17 फरवरी को पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की, जिसमें उन्होंने युद्ध समाप्त करने पर चर्चा की। ट्रम्प ने सऊदी अरब में बैठक की संभावना का उल्लेख किया, जबकि पुतिन को मास्को आमंत्रित किया। ट्रम्प ने अपने चुनाव अभियान में दावा किया था कि वे शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर युद्ध समाप्त कर देंगे।

संयुक्त अरब अमीरात में राजनयिक प्रयास: यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की और रूसी उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंच गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात में अंतर्राष्ट्रीय रक्षा प्रदर्शनी (आईडीईएक्स) आयोजित की गई है, जहां दोनों देश हथियारों का प्रदर्शन कर रहे हैं। मंटुरोव ने यूएई के राष्ट्रपति के साथ रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की, लेकिन युद्ध के बारे में बातचीत की पुष्टि नहीं हुई है। ज़ेलेंस्की के एजेंडे का विवरण सार्वजनिक नहीं है, लेकिन शांति वार्ता के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं।

प्रमुख बिंदु: 1. ट्रम्प-पुतिन संपर्क: युद्ध समाप्त करने के लिए चर्चा और संभावित बैठकें।
2. ट्रम्प का चुनावी दावा: 24 घंटे में युद्ध समाप्त करने का वादा।
3. यूएई की भूमिका: आईडीईएक्स प्रदर्शनी और यूक्रेन-रूस में राजनयिक उपस्थिति, लेकिन कोई प्रत्यक्ष वार्ता नहीं।
4. अनिश्चितता: ज़ेलेंस्की और मंटुरोव की यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है, लेकिन शांति प्रयासों की संभावना है।


महत्वपूर्ण तत्व: - ट्रम्प की भावी राजनीतिक भूमिका और युद्ध पर प्रभाव।
- संयुक्त अरब अमीरात जैसे तटस्थ देशों द्वारा कूटनीति को बढ़ावा देना।
- युद्ध को समाप्त करने के लिए बहुआयामी प्रयास, लेकिन वास्तविक प्रगति अस्पष्ट।

लेख प्रकाशित | Mon | 17 Feb 2025 | 6:21 PM

कतर के अमीर 17 फरवरी को आएंगे भारत: पीएम मोदी से द्विपक्षीय वार्ता, जानें भारत के लिए क्यों खास है कतर?

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की भारत यात्रा - ऊर्जा और व्यापार के लिए नई दिशा

कतर के प्रसिद्ध उद्योगपति एवं राजनीतिक नेता अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी 17 फरवरी से भारत की यात्रा पर आएंगे। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान उनके साथ मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापार प्रतिनिधियों सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार, तमीम अल-थानी द्विपक्षीय चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। 18 फरवरी को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और राष्ट्रपति मुर्मू उनके सम्मान में रात्रिभोज का आयोजन करेंगे।

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत-कतर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। ऐसे समय में जब भारत, जिसकी एलएनजी और एलपीजी आवश्यकताएं काफी हद तक कतर पर निर्भर हैं - भारत की एलएनजी का 50% और एलपीजी का 30% कतर द्वारा पूरा किया जाता है - कतर के साथ व्यापार को भारत के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहा है। 2023-24 में भारत और कतर के बीच व्यापार 14.04 बिलियन डॉलर होगा, जिसमें भारत का व्यापार घाटा 10.64 बिलियन डॉलर होगा। विशेष रूप से, भारत कतर से 9.71 अरब डॉलर मूल्य की पेट्रोलियम गैस खरीदता है और कतर भारत से 1.33 हजार करोड़ रुपये मूल्य का चावल खरीदता है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इससे पहले 30 दिसंबर 2024 को दोहा की अपनी चौथी कतर यात्रा की थी, जो एक साल में उनकी चौथी यात्रा थी। अब एक बार फिर इस विवादित क्षेत्र के साथ संवाद और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का अवसर मिलने से भारत और कतर के बीच व्यापार की एक नई ऊर्जा और दिशा बन रही है।

इस बैठक के माध्यम से दोनों देशों के नेताओं ने वैश्विक तनाव के बीच लगातार विकसित हो रहे ऊर्जा बाजार में सहयोग और विश्वसनीयता प्रदर्शित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

लेख प्रकाशित | Sun | 16 Feb 2025 | 8:49 PM

जयशंकर ने कहा- लोकतंत्र को लेकर पश्चिमी देशों के दोहरे मापदंड हैं: वे लोकतंत्र को अपनी व्यवस्था मानते हैं, लेकिन दूसरे देशों में सत्तावादी सत्ता को बढ़ावा देते हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन 2025 में भाग लिया। इस सम्मेलन के दौरान उन्होंने लोकतंत्र के प्रति भारत की मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की और पश्चिमी देशों के दोहरे मानदंडों पर सवाल उठाए। जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देश एक ओर लोकतंत्र को बढ़ावा देते हैं, वहीं दूसरी ओर वैश्विक दक्षिण के कुछ देशों में गैर-लोकतांत्रिक तत्वों को बढ़ावा देते हैं।

जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत के लिए लोकतंत्र सिर्फ एक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक पूर्ण वादा है।’’ उन्होंने हाल ही में दिल्ली में हुए नगर निगम चुनावों का जिक्र किया, जहां मतदान के बाद उनकी उंगली पर स्याही लगाई गई थी। उन्होंने भारत की चुनाव प्रणाली की मजबूती पर गर्व व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि 90 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से 70 करोड़ से अधिक लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया। लगभग 66% मतदान के साथ, मतों की गिनती उसी दिन पूरी हो गई, और परिणाम बिना किसी विवाद के घोषित कर दिए गए। जयशंकर ने इस बात पर जोर देते हुए कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं और यह पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत होता जा रहा है, कहा कि पिछले कुछ दशकों में मतदान प्रतिशत में 20% की वृद्धि हुई है।

म्यूनिख सम्मेलन में जयशंकर के साथ नॉर्वे की प्रधानमंत्री, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन और वारसॉ के मेयर रफाल ट्रैसजैक भी पैनल में शामिल हुए। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ऐतिहासिक रूप से एक खुला और सहिष्णु समाज रहा है। भारत के लोग अपना नेतृत्व चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं, जो भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अद्वितीय बनाता है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत का लोकतंत्र किसी के मापदंड पर निर्भर नहीं करता है। पश्चिमी देश अपने मानकों और स्वार्थ के अनुसार अन्य देशों के लोकतंत्र को निशाना बनाते हैं, जो सही नहीं है।

जयशंकर के बयानों से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत लोकतंत्र की मजबूती और अपने संवैधानिक मूल्यों पर अडिग है। भारत अब विश्व मंच पर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और अपनी लोकतांत्रिक उपलब्धियों पर गर्व कर रहा है।

लेख प्रकाशित | Sat | 15 Feb 2025 | 8:54 PM

कौन है वो पाकिस्तानी कारोबारी जिसे ट्रंप भारत भेजेंगे: अमेरिकी राष्ट्रपति ने उसे सबसे बुरा इंसान बताया; मोदी ने ट्रंप को धन्यवाद दिया

मोदी-ट्रंप मीटिंग में पाकिस्तानी उद्योगपति तहव्वुर राणा पर चर्चा- कौन है ये विवादित कारोबारी?

13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में एक पाकिस्तानी व्यापारी तहव्वुर राणा पर भी चर्चा हुई।

बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने राष्ट्रपति ट्रम्प से तहव्वुर राणा के बारे में सवाल पूछा। जवाब में ट्रम्प ने राणा को "दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक" कहा। उन्होंने साफ तौर पर कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि राणा को भारत को सौंपा जा रहा है। अब वह वहां जाएंगे और न्याय का सामना करेंगे।'

प्रधानमंत्री मोदी ने राणा को भारत को सौंपने के लिए ट्रंप को धन्यवाद भी दिया। तहव्वुर राणा पर लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का आरोप है, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल था। राणा पर मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड डेविड हेडली की मदद करने का आरोप है।

अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राणा के भारत प्रत्यर्पण की जानकारी भी पुष्टि हो गई है।

इस घटना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

लेख प्रकाशित | Fri | 14 Feb 2025 | 9:06 PM

ट्रम्प ने पुतिन-जेलेन्स्की से बात की: कहा- युद्ध रोकने के लिए जल्द चर्चा होगी; अमेरिका ने कहा- यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा

ट्रम्प ने पुतिन और ज़ेलेंस्की से बात की, युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता शुरू करने पर सहमति जताई

वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की। यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए तुरंत वार्ता शुरू करने पर सहमति बन गई है।

ट्रम्प ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया कि, "पुतिन और ज़ेलेंस्की के साथ महत्वपूर्ण वार्ता हुई। दोनों देश तुरंत वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए। हमारे देशों के प्रतिनिधि जल्द ही एक बैठक करेंगे।"

फोन पर बातचीत के दौरान ट्रम्प और पुतिन कथित तौर पर एक-दूसरे के देशों का दौरा करने पर भी सहमत हुए। हालाँकि, इस यात्रा की तारीख अभी घोषित नहीं की गई है।

दूसरी ओर, ट्रम्प प्रशासन द्वारा यूक्रेन के प्रति नीति में बड़े बदलाव के संकेत मिले हैं। बेल्जियम स्थित नाटो मुख्यालय में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने स्पष्ट किया कि, "अमेरिका अब यूक्रेन को वह आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान नहीं करेगा जो वह पहले करता था।"

उन्होंने यह भी कहा, "ट्रम्प नाटो में यूक्रेन की सदस्यता का समर्थन नहीं करते हैं। युद्ध को समाप्त करने के लिए शांति समझौता आवश्यक है, लेकिन यूक्रेन का 2014 से पहले की सीमाओं पर लौटना संभव नहीं है।"

इन हालिया घटनाक्रमों ने यूरोप और नाटो देशों पर चिंता के बादल छा दिए हैं, जबकि रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान की आशा के संकेत उभर रहे हैं।

लेख प्रकाशित | Thu | 13 Feb 2025 | 9:46 PM

फ्रांस में मोदी को सावरकर की याद:फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ मार्सिले शहर पहुंचे, ब्रिटिश कैद से भागकर यहां पहुंचे थे सावरकर

पीएम मोदी का फ्रांस दौरा: मार्सिले में वीर सावरकर को याद किया, वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया

मार्सिले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। मंगलवार रात वह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले शहर पहुंचे, जहां उन्होंने वीर सावरकर को याद किया और कहा कि भारत की आजादी में मार्सिले का विशेष महत्व रहा है।

मार्सिले और सावरकर का इतिहास 1910 में विनायक दामोदर सावरकर को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया और ब्रिटिश सरकार उन्हें जहाज से भारत ले जा रही थी। जब जहाज मार्सिले पहुंचा तो सावरकर ने समुद्र में कूदकर भागने की कोशिश की, लेकिन अंग्रेजों ने उन्हें वहीं फिर पकड़ लिया। फ्रांस ने इस घटना का विरोध किया और मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तक पहुंच गया।

विश्व युद्ध के शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी मजार्गेस युद्ध कब्रिस्तान पहुंचे, जहां उन्होंने प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने मार्सिले में भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया और वहां भारतीय समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने फ्रांस में रहने वाले भारतीयों के साथ संबंधों को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

मैक्रों के साथ द्विपक्षीय चर्चा पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें रक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर महत्वपूर्ण समझौते हो सकते हैं।

लेख प्रकाशित | Wed | 12 Feb 2025 | 9:11 PM

सातवीं बार फ्रांस पहुंचे PM मोदी: कल AI समिट में शामिल होंगे, भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देंगे; 2 दिन में अमेरिका के लिए रवाना हो जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गए हैं। इस यात्रा के दौरान वह एआई शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके बाद वे 12 फरवरी को अमेरिका के लिए रवाना होंगे।

यह प्रधानमंत्री मोदी की सातवीं फ्रांस यात्रा है। आखिरी बार वह 2023 में फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस (बैस्टिल दिवस) समारोह में भाग लेने के लिए फ्रांस गए थे। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के मार्सिले शहर में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का दौरा करेंगे। इसके अलावा, वह मजारग्यूस युद्ध कब्रिस्तान में प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

फ्रांस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति मैक्रों के निमंत्रण पर वह 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे। उन्होंने एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता के लिए अपना उत्साह व्यक्त किया। फ्रांस से वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर अमेरिका जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति ट्रम्प से मिलने के लिए उत्सुक हैं और उनके पहले कार्यकाल के दौरान उनके साथ काम करना एक अच्छा अनुभव था।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा को भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी अमेरिकी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देने का मुद्दा एजेंडे में शामिल किया जाएगा। यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

लेख प्रकाशित | Tue | 11 Feb 2025 | 10:40 AM

ट्रम्प स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाएंगे: नया आदेश सभी देशों पर लागू होगा, आज घोषित किया जाएगा

स्टील और एल्युमीनियम आयात पर ट्रंप सरकार का बड़ा फैसला, लगेगा 25% टैरिफ वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका में सभी प्रकार के इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रम्प के अनुसार, यह निर्णय स्थानीय उद्योगों की सुरक्षा के लिए लिया गया है। ट्रम्प का कड़ा रुख ट्रम्प ने कहा, "यदि अन्य देश हमारे उत्पादों पर टैरिफ लगाते हैं, तो हम भी उनके उत्पादों पर टैरिफ लगाएंगे।" ये शुल्क सभी देशों पर लागू होंगे तथा पारस्परिक करों की घोषणा भी मंगलवार या बुधवार को की जाएगी। व्यापार क्षेत्र पर इसका बड़ा असर पड़ सकता है। - इस निर्णय से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंध प्रभावित हो सकते हैं। - चीन, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित देशों की यह प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। - यह अमेरिकी निर्माताओं के लिए लाभकारी साबित हो सकता है, लेकिन अन्य देशों की प्रतिक्रिया में टैरिफ बढ़ सकते हैं। ट्रम्प ने यह कदम महत्वपूर्ण मतदान को ध्यान में रखते हुए उठाया है। यदि पारस्परिक कर लागू किए जाएं तो इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है।

लेख प्रकाशित | Mon | 10 Feb 2025 | 8:51 PM

अमेरिका में हर दिन 1200 अवैध अप्रवासी पकड़े जा रहे हैं: हिरासत केंद्र भरे हुए हैं और लोगों को जेल में डाला जा रहा है; कई भारतीय भी शामिल, स्थानीय पुलिस को आदेश- फोन उठाएं

अमेरिका में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, हिरासत केंद्र भरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। चूंकि हिरासत केन्द्र पूरी तरह से भर गए हैं, इसलिए ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि अवैध आप्रवासियों को जेल में रखा जा रहा है। संघीय जेलों में आप्रवासियों की नजरबंदी अवैध आप्रवासियों को अन्य अपराधियों के साथ नौ संघीय जेलों में रखा जा रहा है, जिनमें लॉस एंजिल्स, मियामी, अटलांटा और कंसास शामिल हैं। अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) के अनुसार, हिरासत केंद्रों में केवल 41,000 लोगों को रखने की क्षमता है, जबकि वर्तमान स्थिति में यह क्षमता कम होती जा रही है। 2,000 भारतीय हिरासत केंद्रों में वर्तमान जानकारी के अनुसार, लगभग 2,000 भारतीय भी ICE हिरासत केंद्रों में बंद हैं। अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए स्थिति गंभीर हो गई है, क्योंकि प्रतिदिन लगभग 1,200 आप्रवासियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। होमलैंड सुरक्षा वक्तव्य अमेरिकी गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नियोम ने कहा कि अमेरिका अवैध आप्रवासियों के प्रवाह को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। ये उपाय अनधिकृत विदेशियों की संख्या को कम करने का एक प्रयास है, तथा इससे कानूनी प्रक्रिया के बिना रह रहे लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस कार्रवाई के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के लिए विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक हो गया है।

लेख प्रकाशित | Sun | 09 Feb 2025 | 5:04 PM

दावा- रूस ने यूक्रेन के डेजरझिन्स्क शहर पर कब्जा किया: 5 महीने में यहां 26 हजार यूक्रेनी सैनिक मारे गए, 2 गांवों पर भी रूस का नियंत्रण

रूस का दावा: यूक्रेनी शहर द्ज़ार्ज़ियान्स्क पर कब्ज़ा और युद्ध में 26,000 यूक्रेनी सैनिकों की मौत रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उसने यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में स्थित द्ज़ुरिश्क शहर पर कब्जा कर लिया है। रूसी समाचार चैनल आरटी के अनुसार, रूस ने दो और गांवों - द्रुज्बा और क्रिम्सकोये पर भी कब्जा कर लिया है। 📌 रूस के दावों के मुख्य बिंदु: 🔹 40,000 यूक्रेनी सैनिक तैनात: रूस के अनुसार, यूक्रेनी सेना ने शहर की रक्षा के लिए 40,000 सैनिक तैनात किये थे। इनमें से 26,000 सैनिक युद्ध के दौरान मारे गये। 🔹 रूसी ड्रोन द्वारा हमले: वीडियो फुटेज में रूसी ड्रोन को यूक्रेनी सैनिकों को निशाना बनाते हुए दिखाया गया है। 🔹 यूक्रेनी इमारतें महल जैसी हैं: रूसी मंत्रालय ने यूक्रेनी सेना पर शहर की कई इमारतों को किले में बदलने का आरोप लगाया है। 🔹 उत्तरी और पश्चिमी भागों में युद्ध जारी: रूसी दावों के अनुसार, यूक्रेनी सेना शहर के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों की रक्षा के लिए लड़ रही है। फिलहाल इस दावे को लेकर यूक्रेन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। युद्ध की स्थिति में दोनों पक्षों के दावों की निष्पक्ष रूप से पुष्टि करना आवश्यक है। 🌍⚠️

लेख प्रकाशित | Sat | 08 Feb 2025 | 9:14 PM

ट्रम्प ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर लगाए प्रतिबंध: कहा- ICC ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया; इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) पर प्रतिबंध लगाने के आदेश की घोषणा की। यह कदम आईसीसी द्वारा इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गलांट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद उठाया गया है। ट्रम्प ने इस कार्रवाई का विरोध किया है और आईसीसी पर अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। ट्रम्प के आदेश में आईसीसी अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति जब्त करने तथा उन पर यात्रा प्रतिबंध लगाने का उल्लेख है। यह कदम इजरायल के साथ अमेरिका के मजबूत संबंधों को दर्शाता है और आईसीसी की जांच को अवैध बताता है। 21 नवंबर, 2024 को आईसीसी ने इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गलांट और हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद देफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, और उन पर मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध का आरोप लगाया। ट्रम्प प्रशासन लंबे समय से आईसीसी जांच का विरोध करता रहा है तथा इसे अनुचित और राजनीति से प्रेरित बताता रहा है। ट्रम्प ने पहले भी आईसीसी पर प्रतिबंध लगाए थे।

लेख प्रकाशित | Fri | 07 Feb 2025 | 11:30 AM

दावा- हमास ने अपने समलैंगिक लड़ाकों को मौत की सजा सुनाई: इज़रायली पुरुष बंधकों पर बलात्कार का आरोप, IDF द्वारा प्राप्त दस्तावेजों से खुलासा

**इज़राइली सेना ने हमास के गुप्त दस्तावेज़ जब्त किए, LGBTQ लड़ाकों के विरुद्ध अत्याचारों का खुलासा किया** इजराइल और हमास के बीच चल रही लड़ाई के दौरान, इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गाजा से हमास के कुछ गुप्त दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों से कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनसे पता चला है कि फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास ने अपने अवैध शासन के तहत समलैंगिक (एलजीबीटीक्यू) संबंधों वाले लड़ाकों के खिलाफ कठोर अत्याचार किए। आईडीएफ द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, हमास ने एलजीबीटीक्यू समुदाय के अपने सदस्यों पर अत्याचार किया और कई लड़ाकों की हत्या भी की। दस्तावेजों में विस्तार से बताया गया है कि हमास समलैंगिक संबंधों को कट्टरपंथी नजरिए से देखता है तथा समलैंगिक संबंधों में शामिल लोगों के खिलाफ अत्याचार किए गए हैं। हमास शासन के तहत फिलिस्तीनी समुदाय में LGBTQ व्यक्तियों के लिए जीवन कठिन हो गया है। इज़रायली अधिकारियों का दावा है कि ये दस्तावेज़ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमास की क्रूरता और मानवाधिकार उल्लंघन के तथ्यों को और उजागर करेंगे। इस खुलासे के बाद मानवाधिकार संगठनों और LGBTQ सहायता समूहों द्वारा इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है। वे फिलिस्तीनी LGBTQ समुदाय के लिए सुरक्षित परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में, आईडीएफ दस्तावेजों की आगे जांच कर रहा है, और इजरायल से संबद्ध विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी इस मुद्दे पर बयान जारी कर सकते हैं।

लेख प्रकाशित | Thu | 06 Feb 2025 | 10:21 PM

प्रिंस आगा खान को विदाई: इस्माइली खोजस के आध्यात्मिक नेता का पुर्तगाल में 88 वर्ष की आयु में निधन

इस्माइली खाजा के आध्यात्मिक नेता प्रिंस करीम आगा खान का निधन दुनिया भर में इस्माइली मुस्लिम समुदाय के आध्यात्मिक नेता प्रिंस करीम आगा खान का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने मंगलवार को पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में अंतिम सांस ली। 📌 मुख्य जानकारी: - नाम: प्रिंस करीम आगा खान - आयु: 88 वर्ष - स्थान: लिस्बन, पुर्तगाल - पद: इस्माइली मुस्लिम समुदाय के 49वें आध्यात्मिक नेता - संगठन: आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) 🌍 आगा खान की विरासत और योगदान प्रिंस करीम आगा खान 1957 से इस्माइली समुदाय के सर्वोच्च नेता रहे हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और वैश्विक विकास में अमूल्य योगदान दिया। वह आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) के संस्थापक थे, जो 125 से अधिक देशों में सामाजिक विकास के क्षेत्र में काम करता है। 🕊️ वैश्विक शोक दुनिया भर के नेताओं, अनुयायियों और संगठनों ने आगा खान की मृत्यु पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। AKDN ने उनके प्रेरक जीवन और मानवीय सेवा में योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनकी मृत्यु से दुनिया भर के इस्माइली समुदाय और मानवीय कार्यकर्ताओं में शोक की भावना फैल गई है। 🌿🙏

लेख प्रकाशित | Wed | 05 Feb 2025 | 9:29 PM

इंडोनेशिया में 6.2 तीव्रता का भूकंप: डर के मारे घरों से बाहर भागने लगे लोग; हालाँकि, किसी बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है।

इंडोनेशिया में 6.2 तीव्रता का भूकंप, सुनामी का खतरा नहीं इंडोनेशिया के उत्तरी मालुकु क्षेत्र में बुधवार को 6.2 तीव्रता का भूकंप आया। भूभौतिकी एजेंसी के अनुसार, भूकंप का केंद्र तट के पास 81 किलोमीटर (50 मील) की गहराई पर था। सुनामी का कोई खतरा नहीं है और अभी तक किसी बड़े नुकसान या संपत्ति की क्षति की कोई खबर नहीं है। 📌 भूकंप के बारे में मुख्य बातें: - भूकंप की तीव्रता: रिक्टर पैमाने पर 6.2 - फोकस: उत्तरी मालुकु, तट - गहराई: 81 किमी. (50 मील) - सुनामी का खतरा: कोई नहीं 👥भूकंप के बाद लोगों में भय भूकंप के झटके बहुत तीव्र थे, जिससे लोग डर के मारे अपने घरों और कार्यस्थलों से बाहर निकल आए। कुछ क्षेत्रों में बिजली और संचार सेवाएं प्रभावित हुईं, लेकिन अधिकारियों द्वारा राहत और बहाली कार्य शुरू कर दिया गया है। 📍 इंडोनेशिया – भूकंप-प्रवण देश इंडोनेशिया "रिंग ऑफ फायर" पर स्थित है, जिसे तीव्र ज्वालामुखी और टेक्टोनिक प्लेट हलचल वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस वजह से यहां अक्सर भूकंप और सुनामी आती रहती है। 🚨सरकार द्वारा तत्काल कार्रवाई - स्थानीय प्रशासन और बचाव दल तैयार हैं - घटनास्थल पर चिकित्सा एवं राहत सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। - जनता को शांत और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञ संभावित झटकों की जांच कर रहे हैं। आर्थिक नुकसान और हताहतों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां ​​स्थिति पर नजर रख रही हैं।

लेख प्रकाशित | Wed | 05 Feb 2025 | 9:26 PM

जयशंकर बोले- राहुल ने झूठ बोला, भारत की छवि खराब हुई: विपक्षी नेता ने कहा कि जयशंकर मोदी को ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण दिलाने अमेरिका गए थे

विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा लोकसभा में राहुल गांधी के दावे का खंडन करने से राजनीतिक गरमागरम बहस छिड़ गई। राहुल गांधी ने दावा किया कि वह दिसंबर 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री और एनएसए से मिलने गए थे। हालाँकि, एस. जयशंकर ने इस दावे को निराधार बताया और स्पष्ट किया कि राहुल ने लोकसभा में झूठ बोला था। इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच गरमागरम बहस हुई। एक तरफ कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार हमेशा विपक्षी नेताओं के बयानों को गलत साबित करने की कोशिश करती रहती है, वहीं दूसरी तरफ भाजपा का मानना ​​है कि राहुल गांधी बार-बार झूठ बोलकर राजनीति में लोगों को गुमराह कर रहे हैं। राजनीति में ऐसे दावे और प्रतिदावे आम बात हैं, लेकिन यह घटना दर्शाती है कि जनता तक सही और तथ्यात्मक जानकारी पहुंचाने की भूमिका कितनी गंभीर है। एक नेता के तौर पर किसी भी व्यक्ति को अपने बयानों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि देश की जनता ने नेताओं पर अपना भरोसा जताया है। इस पूरी घटना को अगर हास्यपूर्ण तरीके से देखें तो यह सोशल मीडिया पर एक वार्षिक मीम महोत्सव की तरह बन गया है। "वास्तविकता बनाम दावा" से लेकर "झूठ बनाम झूठ पकड़ने वाले" तक हास्यपूर्ण बहसें देखने को मिल रही हैं। राजनीति और हंसी-मजाक से जनता का मनोरंजन तो होता ही रहता है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी भी बात की सत्यता तथ्यों से सत्यापित होनी चाहिए।

लेख प्रकाशित | Tue | 04 Feb 2025 | 10:02 PM

अमेरिका को WHO में वापस लाने की अपील:WHO चीफ ने कहा- सदस्य देश ट्रम्प पर दबाव बनाएं; अमेरिका इसका सबसे बड़ा दाता है

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अमेरिका से पुनः शामिल होने की अपील की; ट्रम्प के निर्णय से वित्तपोषण प्रभावित विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने सदस्य देशों से अपील की है कि वे अमेरिका पर विश्व स्वास्थ्य संगठन में पुनः शामिल होने के लिए दबाव डालें। ट्रम्प प्रशासन ने जुलाई 2020 में संगठन द्वारा COVID-19 महामारी से निपटने के तरीके से असंतोष का हवाला देते हुए WHO से अपनी वापसी की घोषणा की थी। प्रमुख बिंदु: 1. अमेरिका का वित्त पोषण संकट: अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन का सबसे बड़ा दाता है और उसने 2024-25 के लिए कोष में 958 मिलियन रुपए (विश्व स्वास्थ्य संगठन के कुल बजट 6.9 बिलियन डॉलर का 14%) का योगदान दिया है। ट्रम्प के निर्णय से डब्ल्यूएचओ को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। 2. ट्रम्प का आरोप: ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर कोविड-19 स्थिति को प्रभावी ढंग से नहीं संभालने और चीन के प्रभाव में होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अमेरिका डब्ल्यूएचओ को भारी धनराशि उपलब्ध कराता है, लेकिन अन्य देश इसका फायदा उठाते हैं।" 3. विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिंताएं: डॉ। टेड्रोस ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के बाहर निकलने से वैश्विक स्वास्थ्य डेटा, रोग नियंत्रण और आपदा प्रतिक्रिया में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। 4. बजट बैठक में चर्चा: विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया बजट बैठक में वित्त पोषण में कटौती के प्रभाव और वैकल्पिक समाधानों पर चर्चा की गई। सदस्य देश विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्यकुशलता और वित्तीय स्थिरता बढ़ाने के लिए नए तरीके तलाश रहे हैं। परिणाम: ट्रम्प ने 20 जनवरी, 2021 को संयुक्त राज्य अमेरिका को डब्ल्यूएचओ से औपचारिक रूप से बाहर निकालने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। यद्यपि बाइडेन सरकार ने इस निर्णय पर पुनर्विचार किया है और डब्ल्यूएचओ के साथ संबंध बहाल कर दिए हैं, लेकिन ट्रम्प के कार्यकाल में उठाए गए इस कदम का वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। --- नोट: विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंध वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। निरंतर अपडेट के लिए हमसे जुड़े रहें।

लेख प्रकाशित | Mon | 03 Feb 2025 | 9:02 PM

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकी हमला, 5 की मौत: सुरक्षा बलों के वाहन को निशाना बनाया गया, मृतकों में एक नागरिक भी शामिल

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में रविवार को हुए आतंकवादी हमले में पांच लोग मारे गए। आतंकवादियों ने अर्धसैनिक वाहन पर हमला किया। मृतकों में 4 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक शामिल हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह हमला डेरा इस्माइल खान जिले के दरबान में हुआ, जो अफगानिस्तान के निकट दक्षिण वजीरिस्तान की सीमा पर है। पुलिस के अनुसार, आतंकवादियों ने करिजात लेवी फोर्स के जवानों पर उस समय हमला किया जब वे चोरी हुए ट्रक को वापस लेने जा रहे थे। इससे पहले कल बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी हमले में कम से कम 18 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने बयान जारी कर बताया कि इस मुठभेड़ में 12 आतंकवादी भी मारे गए। पिछले 48 घंटों में बलूचिस्तान में विभिन्न अभियानों में कुल 23 आतंकवादी मारे गए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले के लिए बलूच लिबरेशन आर्मी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

लेख प्रकाशित | Sun | 02 Feb 2025 | 9:50 PM

ट्रम्प ने कनाडा-मैक्सिको पर 25% और चीन पर 10% टैरिफ लगाया: व्हाइट हाउस ने कहा- इन देशों के जरिए ड्रग्स भेजने से अमेरिका में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है

इस प्रकार, 1 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कनाडा और मैक्सिको पर 25% और चीन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाया गया। इस कदम से यह स्पष्ट हो गया कि ट्रम्प की नीति केवल धमकियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह गंभीर व्यापार संबंधों से होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए जानबूझकर उठाया गया कदम है। ट्रम्प के बयान के अनुसार, "हमारी धमकियाँ सिर्फ सौदेबाजी के लिए नहीं हैं" - इससे यह स्पष्ट हो गया कि वे इन शुल्कों का उपयोग वार्ता दल पर दबाव बनाने और नीतिगत लचीलापन हासिल करने के लिए कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या ये देश टैरिफ में देरी करके इससे बच सकते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट किया, "नहीं, वे अभी कुछ नहीं कर सकते।" इससे संकेत मिलता है कि आने वाले समय में यह मुद्दा और अधिक गंभीर एवं विवादास्पद हो सकता है। इन उपायों का वैश्विक व्यापार संबंधों और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि इनसे कनाडा, मैक्सिको और चीन के साथ संभावित व्यापार विवाद बढ़ सकते हैं। परिणामस्वरूप, ये टैरिफ न केवल तात्कालिक नीतिगत उपाय हैं, बल्कि दीर्घकालिक रणनीतियों का हिस्सा भी प्रतीत होते हैं। वेब पर हमें मिली जानकारी के अनुसार, उपरोक्त विवरण 1 फरवरी, 2025 को टैरिफ लगाने के निर्णय और ट्रम्प के बयानों पर आधारित हैं। यह जानकारी इस बात की ओर संकेत करती है कि ट्रम्प ने कार्यकारी आदेशों के माध्यम से इस निर्णय को सक्रियतापूर्वक क्रियान्वित किया है तथा अपने बयान में यह स्पष्ट किया है कि ये कदम सौदेबाजी के लिए नहीं बल्कि व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए उठाए गए हैं।

लेख प्रकाशित | Sat | 01 Feb 2025 | 7:39 PM

अमेरिकी सीनेट में 'जय श्री कृष्ण' का नारा लगाकर काश पटेल ने जीता दिल: ट्रंप के FBI चीफ द्वारा माता-पिता के पैर छूने का वीडियो वायरल

भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार काश पटेल ने अमेरिकी सीनेट की सुनवाई में "जय श्री कृष्ण" का नारा लगाकर दिल जीत लिया एफबीआई के शीर्ष पद के लिए नामित भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल को सीनेट की सुनवाई से पहले "जय श्री कृष्ण" (भगवान कृष्ण को प्रणाम) का नारा लगाने और अपने माता-पिता के पैर छूने का वीडियो दुनिया भर में वायरल होने के बाद व्यापक प्रशंसा मिली है। सांस्कृतिक यह क्षण, जो गौरव और व्यावसायिक शान का मिश्रण है, वैश्विक मंच पर भारत की सॉफ्ट पावर का प्रतीक बन गया है। --- 📌 वायरल पल जिसने वैश्विक ध्यान खींचा - सांस्कृतिक अभिवादन: पटेल ने सीनेट में अपने संबोधन की शुरुआत "जय श्री कृष्ण" से की, जो एक पारंपरिक हिंदू प्रार्थना है, जिससे उनकी जड़ों का पता चलता है। - बच्चों के प्रति सम्मान: भारतीय परंपरा की एक पहचान - अपने माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लेने का उनका एक वीडियो दर्शकों के दिलों में गहराई से उतर गया। - सोशल मीडिया पर तूफान: इस क्षण की क्लिप्स विभिन्न प्लेटफार्मों पर ट्रेंड कर रही थीं, जिससे पटेल की विरासत और व्यावसायिकता के मिश्रण की प्रशंसा हो रही थी। --- 💬 प्रतिक्रियाएँ: गर्व, प्रशंसा और सांस्कृतिक उत्सव - वैश्विक भारतीय गौरव: प्रवासी समुदाय ने पटेल के व्यवहार को "प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण" बताया तथा सांस्कृतिक पहचान को अपनाने के उनके अविश्वसनीय प्रयास का जश्न मनाया। - राजनीतिक प्रशंसा: नेताओं और नेटिज़ेंस ने उनके काम की प्रशंसा "भारतीय मूल्यों और अमेरिकी शासन के बीच एक सेतु" के रूप में की। - प्रतीकात्मक प्रभाव: कई लोगों ने इसे "वैश्विक संस्थाओं में भारत के शिष्टाचार के सिद्धांतों का एक शक्तिशाली प्रदर्शन" कहा। --- 🌟 यह महत्वपूर्ण क्यों है? पटेल की कृतियाँ परंपरा में निहित रहते हुए वैश्विक आख्यानों को आकार देने में भारतीय-अमेरिकियों के बढ़ते प्रभाव पर जोर देती हैं। उनका व्यवहार न केवल उच्च-दांव वाली राजनीतिक प्रक्रियाओं को मानवीय बनाता है, बल्कि सांस्कृतिक गौरव की सार्वभौमिकता को भी सुदृढ़ करता है। जैसे-जैसे विविधता और प्रतिनिधित्व के बारे में बहस तेज होती जा रही है, पटेल का क्षण हमें याद दिलाता है कि प्रामाणिकता सीमाओं से परे भी गूंजती है।

लेख प्रकाशित | Fri | 31 Jan 2025 | 10:32 PM

अमेरिका में यात्री विमान और हेलिकॉप्टर में टक्कर: नदी में गिरे प्लेन-हेलिकॉप्टर, 18 शव मिले, विमान में 64 लोग सवार थे; क्या दुर्घटना के पीछे कोई साजिश है?, ट्रंप ने उठाए सवाल

अमेरिका में यात्री विमान और हेलीकॉप्टर के बीच भीषण टक्कर 🛑 18 शव बरामद, विमान में 64 यात्री सवार थे संयुक्त राज्य अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में एक यात्री विमान और एक हेलीकॉप्टर के बीच हवा में टक्कर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप विमान पोटोमैक नदी में गिर गया। 📌 अब तक प्राप्त अपडेट: - विमान में 4 क्रू सदस्यों सहित 64 लोग सवार थे। - सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 18 शव बरामद किए जा चुके हैं। - विमान और हेलीकॉप्टर दोनों पानी में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, बचाव कार्य जारी है। - अन्य यात्रियों की तलाश के लिए तलाशी अभियान जारी है।

क्या इस टक्कर के पीछे कोई साजिश है? पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस त्रासदी पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या यह आतंकवादी साजिश हो सकती है?" 🔹क्या विमान के ऑटोपायलट सिस्टम में कोई खराबी थी? 🔹क्या मौसम के लिए कोई प्रभावी कारण है? 🔹 क्या एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) से कोई गलती हुई थी?

बचाव अभियान और प्रारंभिक जांच कोलंबिया और मैरीलैंड से बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। 🆘 यूएस एनटीएसबी (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड) और एफएए (फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा जांच शुरू की गई। प्रथम दृष्टया यह एक यांत्रिक विफलता प्रतीत होती है, लेकिन किसी साजिश या दुर्भावनापूर्ण कृत्य की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

📰 इस त्रासदी के बारे में अधिक अपडेट के लिए हमसे जुड़े रहें! 📢 क्या आप मानते हैं कि यह एक त्रासदी है या एक साजिश? अपनी राय नीचे टिप्पणी करें! ⬇️

लेख प्रकाशित | Thu | 30 Jan 2025 | 6:02 PM

दक्षिण कोरियाई हवाई अड्डे पर विमान में आग लगी: 3 घायल, 176 सुरक्षित निकाले गए; एक महीने पहले विमान दुर्घटना में 179 लोग मारे गए थे।

दक्षिण कोरिया में यात्री विमान में आग लगी: तीन घायल दक्षिण कोरिया के बुसान शहर के गिमहे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मंगलवार रात 10:30 बजे एक यात्री विमान में आग लग गई। आग के कारण कंपन योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को तुरंत विमान से बाहर निकाल लिया गया। हालांकि इस दौरान तीन लोग घायल हो गए। कार्यक्रम का विवरण: - विमान से बाहर निकलते समय तीन यात्रियों को मामूली चोटें आईं। - आग लगने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, तथा पाठकों ने जांच शुरू कर दी है। - आपातकालीन सेवाएं तुरंत तैनात कर दी गईं, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई। दुर्घटना के कारण हवाई अड्डे पर कुछ अफरा-तफरी मच गई, लेकिन साहसिक बचाव अभियान के कारण कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई।

लेख प्रकाशित | Wed | 29 Jan 2025 | 11:50 AM

300,000 फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा में लौटे: इजरायल ने वापसी की अनुमति दी; रेड क्रॉस गाजा से शव हटा रहा है

27 जनवरी, 2025 को, इज़राइल ने उत्तरी गाजा में चौकियाँ खोलीं, जिससे लगभग 300,000 विस्थापित फ़िलिस्तीनी अपने घरों को लौट सकें। इनमें से कई लोग अस्थायी आश्रयों में रह रहे थे और अपनी संपत्तियों को हुए व्यापक नुकसान के बावजूद वापस लौटने के लिए उत्सुक थे। लौटने वालों में बच्चे, बुज़ुर्ग और विकलांग व्यक्ति शामिल थे, जो विनाश के बीच अपने जीवन को फिर से बनाने की चुनौतियों का सामना कर रहे थे। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) गाजा में शवों को बरामद करने में सक्रिय रूप से शामिल रही है। मई 2024 में, फ़िलिस्तीनी रेड क्रिसेंट ने कई क्षेत्रों से इज़राइली सेना की वापसी के बाद उत्तरी गाजा में बड़ी संख्या में फ़िलिस्तीनी शव मिलने की सूचना दी। इन शवों की देरी से बरामदगी से क्षेत्र में बीमारी और महामारी का खतरा पैदा हो गया। अनादोलु अजांसी ये घटनाक्रम इज़राइल और हमास के बीच एक नाज़ुक युद्धविराम के संदर्भ में होते हैं, जिसमें चल रही मानवीय चुनौतियाँ और राजनीतिक तनाव इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं।

लेख प्रकाशित | Tue | 28 Jan 2025 | 9:30 PM

भारतीयों का प्रभुत्व अमेरिकियों को अपनी ओर क्यों आकर्षित कर रहा है? कारण जानें

राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में लौटने का डोनाल्ड ट्रम्प का निर्णय एमएजी (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन से प्रेरित है, जो अपने नारों में प्राचीन गौरव की बहाली पर जोर देता है। ट्रम्प के पीछे समर्थकों का एक बड़ा आधार था, जो मानते थे कि उनके नेतृत्व में "ईमानदार और सच्चे अमेरिकी मूल्य" वापस लाए जाएंगे। प्रशासन में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका का मुद्दा यद्यपि ट्रम्प को लगातार एक विवादास्पद नेता के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन उनकी नीतियों में अब तक की प्रमुख बहसों में से एक प्रशासनिक और राजनीतिक क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकियों की बढ़ती उपस्थिति की गंभीरता रही है। ट्रम्प की नीतियों में चुनौतियाँ 1. प्रशासन में भारतीय-अमेरिकियों का प्रतिनिधित्व कम करना: - ट्रम्प के प्रशासन के दौरान यह बहस छिड़ी थी कि उनमें अन्य जातीय समूहों या आप्रवासी समुदायों के प्रति बहुत कम सम्मान है। - एच-1बी वीज़ा पर विशेष रूप से आकर्षक नीतियों को, जो मुख्य रूप से भारतीय उद्यमियों को प्रभावित करती हैं, आपत्तिजनक माना गया। 2. भारतीय मूल के सफल नेताओं पर प्रभाव: - निक्की हेली (संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजदूत) और कमला हैरिस जैसे प्रभावशाली नेताओं का उदय ट्रम्प के चिंताजनक प्रावधानों के प्रति एक वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। ट्रम्प के प्रति विविध भावनाएँ 1. समर्थकों की मान्यताएँ: - ट्रम्प को प्राचीन गौरव और सामाजिक ऊर्जा को वापस लाने वाले के रूप में देखा जा रहा है। - मेगा-श्वेत अमेरिकी मूल्यों की बहाली उनकी सार्वजनिक छवि का एक प्रमुख बिंदु है। 2. विरोधियों की चर्चा: - ऐसी नीतियों से भेदभाव और विविधता का अभाव पैदा होता है, जो अमेरिका की पहचान है। - भारतीय मूल के नागरिक, जिन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, इन नीतियों से विमुख हो सकते हैं। आगे का रास्ता इस मुद्दे पर दोनों पक्षों द्वारा विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी, जहां वैश्विक भूमिका, आर्थिक योगदान और अमेरिका की "मेल्टिंग पॉट" के रूप में पहचान के बीच संतुलन बनाना होगा। आपकी राय में, ऐसे रुझान अमेरिकी समाज की एकता को किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं?

लेख प्रकाशित | Mon | 27 Jan 2025 | 9:22 PM

दुबई से अबू धाबी तक सिर्फ 30 मिनट में दौड़ेगी ट्रेन, 350 किमी/घंटा की रफ्तार से: जानें विशेषताएं

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अबू धाबी और दुबई को जोड़ने वाली एक नई हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना की घोषणा की है। यह परियोजना स्मार्ट परिवहन और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में यूएई की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना मध्य पूर्व में परिवहन बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी तथा लोगों के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक और तीव्र बनाएगी। हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना की मुख्य विशेषताएं: 1. गति और दूरी: - यह ट्रेन 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। - अबू धाबी और दुबई के बीच 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी सिर्फ 30 मिनट में तय की जाएगी। 2. प्रौद्योगिकी: - यह ट्रेन आधुनिक तकनीक और स्मार्ट परिवहन प्रणाली से लैस होगी। - इसे ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाएगा। 3. लाभ: - इससे यात्रा का समय कम होने से लोगों का समय और ऊर्जा बचेगी। - यातायात एवं प्रदूषण कम होगा। - आर्थिक विकास को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। 4. मध्य पूर्व में प्रभाव: - यह परियोजना मध्य पूर्व में परिवहन बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। - यह अन्य देशों के लिए भी एक आदर्श बन सकता है। यूएई के भावी लक्ष्य: यूएई इस परियोजना के माध्यम से प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में वैश्विक नेता के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। यह परियोजना सतत विकास और स्मार्ट शहरों सहित यूएई के भविष्य के लक्ष्यों को भी समर्थन देगी। इस प्रकार, अबू धाबी और दुबई के बीच यह हाई-स्पीड ट्रेन परियोजना यूएई के परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है और देश के भविष्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

लेख प्रकाशित | Mon | 27 Jan 2025 | 8:40 PM

एक और विकल्प चुनें सीआईए क्रेडिट कार्ड:सीआईए, ठीक है अन्य लाभ

अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए ने एक चीनी प्रयोगशाला पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाया है। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अधिक संभावना है कि कोविड-19 वायरस किसी चीनी लैब से लीक हुआ हो, लेकिन इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सीआईए ने इस पर "कम विश्वास" का संकेत दिया है, जिसका अर्थ है कि साक्ष्य अपूर्ण, अस्पष्ट या विरोधाभासी हैं। प्रमुख बिंदु: 1. लैब लीक थ्योरी सीआईए का दावा है कि कोरोना वायरस के चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक होने की अधिक संभावना है। यह प्रयोगशाला वुहान में स्थित है, जहां कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था। 2. साक्ष्य का अभाव: सी.आई.ए. ने कहा है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। एजेंसी का मानना ​​है कि प्रयोगशाला से लीक होना और प्राकृतिक उत्पत्ति दोनों ही संभावनाएं हैं, लेकिन प्रयोगशाला से लीक होना अधिक संभावित है। 3. चीन की प्रतिक्रिया: चीन ने सीआईए के आरोपों को राजनीति से प्रेरित और निराधार बताया है। चीन का कहना है कि वायरस की उत्पत्ति के संबंध में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और षड्यंत्र के सिद्धांतों से बचना चाहिए। 4. राजनीतिक परिप्रेक्ष्य: यह रिपोर्ट बिडेन प्रशासन के कहने पर तैयार की गई और डोनाल्ड ट्रम्प के नए सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ द्वारा जारी की गई। रैटक्लिफ लंबे समय से प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत के समर्थक रहे हैं। 5. वैज्ञानिक राय वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों से फैला होगा और फिर अन्य जानवरों के जरिए इंसानों तक पहुंचा होगा। प्रयोगशाला रिसाव सिद्धांत के संबंध में वैज्ञानिकों में असहमति है। सीआईए की यह रिपोर्ट कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर चल रही बहस में एक नया आयाम जोड़ती है, लेकिन यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है और चीन के सहयोग के बिना इसका पूर्ण समाधान मुश्किल है।

लेख प्रकाशित | Sun | 26 Jan 2025 | 9:48 PM

ट्रंप राज: अमेरिका में 1 लाख भारतीयों की नौकरियों पर खतरा बरकरार

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल के दौरान 1 लाख भारतीयों की नौकरियां खतरे में हैं, जिसके मुख्य कारण निम्नलिखित हैं: 1. डीईआई (विविधता, समानता और समावेश) कार्यक्रम पर प्रतिबंध ट्रम्प ने डीईआई कार्यक्रम को निलंबित कर दिया है, जिससे सरकारी और निजी क्षेत्रों में काम कर रहे 1 लाख भारतीय कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में पड़ गईं हैं। यह कार्यक्रम 1960 से चल रहा है और इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों, महिलाओं, विकलांगों और तृतीय लिंग को रोजगार में समानता प्रदान करना है। ट्रम्प का दावा है कि यह कार्यक्रम "योग्यता" के बजाय नस्ल के आधार पर नियुक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे श्वेत अमेरिकियों को नुकसान होता है। मेटा, अमेज़न, फोर्ड जैसी कंपनियों ने भी DEI कार्यालय बंद करने की घोषणा की है, जिससे भारतीयों सहित अन्य कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। 2. एच-1बी वीज़ा पर कठोरता और अनिश्चितता एच-1बी वीज़ा, जो भारतीय तकनीकी पेशेवरों के लिए अमेरिकी सपने का मुख्य मार्ग है, पर ट्रम्प के नियम सख्त हो गए हैं। 2023 में, 72% H-1B वीज़ा भारतीयों को दिए जाएंगे, लेकिन ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में जांच बढ़ा दी, जिससे अस्वीकृति दर 24% हो गई। इन नीतियों को दूसरे कार्यकाल में पुनः लागू किया जा सकता है, जिससे नए आवेदकों के लिए नौकरी और आवास संबंधी अनिश्चितता बढ़ सकती है। इसके अतिरिक्त, जन्मसिद्ध नागरिकता पर प्रतिबंध की चर्चाओं ने भी एच-1बी धारकों के बच्चों के भविष्य को अनिश्चित बना दिया है। 3. अनाधिकृत कार्य पर कार्रवाई ट्रम्प ने अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। एफ-1 वीजा वाले छात्र, आव्रजन जांच बढ़ने के कारण, कैम्पस के बाहर अंशकालिक नौकरियां छोड़ रहे हैं। उदाहरण के लिए, न्यूयॉर्क के एक छात्र ने कहा कि उसे आकस्मिक जांच के डर से अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। ऐसी नौकरियों के बिना, छात्रों को ऋण के बोझ तले वित्तीय संघर्ष का सामना करना पड़ता है। 4. ग्रीन कार्ड का लंबित मामला और निर्वासन का खतरा 10 लाख से अधिक भारतीय, जिनमें उनके आश्रित भी शामिल हैं, ग्रीन कार्ड की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ट्रम्प की नीतियों से यह प्रक्रिया और धीमी हो सकती है तथा निर्वासन के मामलों में वृद्धि हो सकती है। अमेरिका में 7 लाख से अधिक अवैध भारतीय हैं, जो ट्रम्प की सख्त आव्रजन नीतियों के कारण वापस लौटने को मजबूर हो सकते हैं। 5. आर्थिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव नौकरी की अनिश्चितता और वीज़ा प्रतिबंधों ने भारतीय पेशेवरों और छात्रों के बीच तनाव बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, इलिनोइस में एक छात्र ने पढ़ाई के लिए 42.5 लाख रुपये का ऋण लिया, लेकिन उसे अपनी नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसी स्थितियों का मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। भारत सरकार की प्रतिक्रिया विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने घोषणा की है कि भारत अवैध आप्रवासियों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, लेकिन वास्तविक कार्यान्वयन और सांख्यिकीय विवरण अभी भी अस्पष्ट हैं। निष्कर्ष: ट्रम्प शासन के नए नीतिगत निर्णय भारतीयों के रोजगार, शिक्षा और भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं। इस स्थिति में, भारत सरकार और व्यक्तिगत स्तर पर रणनीतिक योजना की आवश्यकता है।

लेख प्रकाशित | Sun | 26 Jan 2025 | 11:50 AM

PM मोदी ने इंडोनेशियाई राष्ट्रपति से की मुलाकात: हैदराबाद हाउस में भारत-इंडोनेशिया की दोस्ती का नया अध्याय लिखा गया, मोदी बोले- हमारा सहयोग और मजबूत होगा

**प्रधानमंत्री मोदी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की मुलाकात: भारत-इंडोनेशिया मैत्री में एक नया अध्याय** प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों देशों ने आर्थिक सहयोग, रक्षा, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। ### **मुख्य चर्चा बिंदु:** 1. **आर्थिक सहयोग बढ़ाना:** दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया। भारत और इंडोनेशिया ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। 2. समुद्री सुरक्षा: हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच मजबूत नौसैनिक साझेदारी पर चर्चा की गई। 3. सांस्कृतिक संबंध: भारत और इंडोनेशिया की संस्कृतियों के बीच प्राचीन संबंधों को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों ने आधुनिक माध्यमों से सांस्कृतिक मंचों को संयुक्त रूप से आगे लाने के लिए प्रयास करने का निर्णय लिया। 4. जलवायु परिवर्तन: दोनों नेताओं ने पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर संयुक्त प्रयास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। ### **प्रधानमंत्री मोदी के शब्द:** मोदी ने कहा, ''भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध सिर्फ पड़ोसी और व्यापारिक साझेदार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हमारी दोस्ती में सांस्कृतिक बंधन और भविष्य के सहयोग की ताकत है।'' मोदी ने कहा कि यह बैठक एक नए रिश्ते की शुरुआत है। यह दोनों देशों के बीच संबंधों का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। ### **विडोडो का जवाब:** इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने भारत के साथ संबंधों को "बहुत महत्वपूर्ण" बताया तथा प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षेत्र में भारत के योगदान की प्रशंसा की। ### **सारांश:** हैदराबाद हाउस में यह बैठक भारत-इंडोनेशिया संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस पहल से दोनों देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग और मजबूत होगा।

लेख प्रकाशित | Sat | 25 Jan 2025 | 8:41 PM

ट्रम्प को तीसरी बार राष्ट्रपति बनाने के लिए बिल पेश: रिपब्लिकन सांसदों ने कहा- उन्हें दूसरा मौका मिलना चाहिए; अमेरिका में केवल दो कार्यकाल की अनुमति है

**डोनाल्ड ट्रम्प को तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की अनुमति देने के लिए विधेयक पेश किया गया** अमेरिका में एक अनोखे राजनीतिक कदम के तहत प्रतिनिधि सभा में एक विधेयक पेश किया गया है, जिससे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने की अनुमति मिल सकेगी। सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह विधेयक रिपब्लिकन पार्टी के सांसद एंडी ओगल्स ने पेश किया है। ### **विधेयक का महत्व:** अमेरिका के वर्तमान संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति केवल दो बार ही राष्ट्रपति चुना जा सकता है। इस विधेयक का उद्देश्य नियम में परिवर्तन करना है ताकि डोनाल्ड ट्रम्प, जिनके दो कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुके हैं, को तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में नामित किया जा सके। ### **सांसद एंडी ओगल्स का बयान:** विधेयक पेश करते हुए प्रतिनिधि एंडी ओगल्स ने कहा, "अमेरिका के बुजुर्ग नेताओं को अधिक समर्थन और मजबूत अवसर प्रदान करना आवश्यक है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने देश के लिए अद्वितीय योगदान दिया है। ट्रम्प के नेतृत्व की फिर से आवश्यकता हो सकती है।" ### **प्रतिकूल प्रतिक्रिया:** डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि यह परिभाषा बदलने का प्रयास है, जो संविधान के मूल्यों और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। ### **अगला चरण:** अब इस विधेयक को कांग्रेस के अन्य सदस्यों के समर्थन और उच्च स्तरीय मतदान से पारित होना होगा। यदि यह विधेयक स्वीकृत हो जाता है तो यह अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव साबित होगा। ### **सारांश:** यह विधेयक न केवल राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है, बल्कि इसने संविधान और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर भी बहस छेड़ दी है। यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो इससे डोनाल्ड ट्रम्प के लिए एक नई राजनीतिक दिशा खुल सकती है।

लेख प्रकाशित | Fri | 24 Jan 2025 | 8:27 PM

ट्रम्प बोले- सऊदी तेल के दाम घटाएं: यूक्रेन में युद्ध खत्म होगा; व्यापारियों से अपील - अमेरिका में व्यापार करें, दुनिया में सबसे कम टैक्स दें

ट्रम्प के महत्वपूर्ण बयान: सऊदी तेल की कीमतें कम करने और यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की अपील डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने हालिया बयानों में अंतर्राष्ट्रीय नीति और अर्थशास्त्र पर जोर देने का एकतरफा प्रयास किया है। उन्होंने तेल की कीमतें कम करने के लिए सऊदी अरब की आलोचना की है तथा युद्धग्रस्त यूक्रेन में शांति का आग्रह किया है। सऊदी अरब पर निशाना: ट्रम्प ने अपने भाषण में सऊदी अरब का उल्लेख किया तथा उच्च तेल कीमतों में कमी लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की ऊंची कीमतें आम लोगों को नुकसान पहुंचा रही हैं। सऊदी अरब को तेल उत्पादन बढ़ाना चाहिए और कीमतें कम करनी चाहिए।" यूक्रेन में शांति की अपील: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने का आग्रह करते हुए ट्रम्प ने कहा, "इस युद्ध को अब समाप्त करने की आवश्यकता है। शांति स्थापित करने के लिए मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है और मैं इसके लिए काम करूंगा।" अमेरिका के व्यापारियों से अपील: अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के तहत ट्रम्प ने व्यापारियों से अमेरिका में निवेश करने की अपील की। उन्होंने कहा, "अमेरिका दुनिया में सबसे कम कर दरों के साथ व्यापार करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। मैं व्यापारियों से आग्रह करता हूं कि वे यहां आएं, व्यापार करें और नए अवसरों का लाभ उठाएं।" विश्वव्यापी प्रभाव: - **तेल की कीमतों में कमी:** यदि सऊदी अरब तेल उत्पादन बढ़ाता है तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आएगी, जिससे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। -यूक्रेन युद्ध: यदि रूस और अन्य अंतर्राष्ट्रीय पक्षों के साथ मिलकर ट्रम्प के शांति प्रयास आगे बढ़ाए जाएं तो वे यूक्रेन युद्ध के लिए उत्प्रेरक बन सकते हैं। -उद्योग और निवेश: ट्रम्प की यह अपील स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापारियों के लिए उत्प्रेरक साबित हो सकती है। ट्रम्प के ये बयान उनकी भविष्यवाणी करने की शैली को दर्शाते हैं, और केवल समय ही बताएगा कि क्या वे इन मुद्दों पर किसी विश्वसनीय निर्णय पर पहुंच पाएंगे।

लेख प्रकाशित | Fri | 24 Jan 2025 | 12:37 PM

ट्रम्प चीन पर 10% टैरिफ लगा सकते हैं: कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया गया; अमेरिका में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका

डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रमुख आर्थिक फैसले: पड़ोसी देशों और ब्रिक्स पर टैरिफ वृद्धि डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद कई बड़े आर्थिक निर्णय लिए हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को प्रभावित करने वाले निर्णय भी शामिल हैं। कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ: ट्रम्प प्रशासन ने पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लगाया है। इस निर्णय का कारण अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करना और घरेलू उत्पादन बढ़ाना है। चीन पर 10% टैरिफ लगाने की योजना: इस घोषणा में, जो चीन के साथ व्यापार तनाव को और बढ़ा देगी, ट्रम्प ने चीन पर 10% टैरिफ लगाने की बात कही है। इसका उद्देश्य सस्ते चीनी आयातों से अमेरिकी बाजार की रक्षा करना है। ब्रिक्स देशों पर 100% टैरिफ की चर्चा: ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) पर 100% टैरिफ लगाने की चर्चा ट्रम्प की आक्रामक आर्थिक नीतियों को दर्शाती है। इस विचार की कल्पना इन देशों के साथ व्यापार को कम करके घरेलू अमेरिकी उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है। आर्थिक एवं वाणिज्यिक प्रभाव: ये उपाय वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह नियम घरेलू उत्पादकों के लिए तो मददगार हो सकता है, लेकिन इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार तनाव बढ़ सकता है। इन निर्णयों का सम्पूर्ण वैश्विक बाजार पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिससे नई चर्चाओं और राजनीतिक सक्रियता का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। ट्रम्प के ये निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था को नई दिशा में ले जा सकते हैं, लेकिन अंतिम परिणाम तो समय ही बताएगा।

लेख प्रकाशित | Wed | 22 Jan 2025 | 7:47 PM

ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में एलन मस्क पर थीं सबकी निगाहें: ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में मस्क ने ऐसा क्या किया कि मच गई हलचल, देखिए क्या हुआ

ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में एलन मस्क की उपस्थिति चर्चा का विषय बन गई है डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण के दौरान सभी की निगाहें टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क पर थीं। मस्क का मजबूत व्यक्तित्व और अनोखे विचार उन्हें जहां भी जाते हैं, आकर्षण का केन्द्र बना देते हैं और यह समारोह भी इससे अलग नहीं था। ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एलन मस्क ने कुछ ऐसा किया जिससे समारोह में हंगामा मच गया। मस्क, जो अपनी मुखर और व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सार्वजनिक रूप से अपनी नवीनतम तकनीकी परियोजना पर चर्चा करते देखे गए। खबरों के मुताबिक, मस्क ने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान कुछ ऐसे विषयों पर टिप्पणी की जो राजनीतिक और तकनीकी रूप से बेहद संवेदनशील थे। हालांकि मस्क की उपस्थिति और टिप्पणियों का कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि वह नए तकनीकी परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए राजनीतिक नेताओं के संपर्क में थे, जिनमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिकी आर्थिक और तकनीकी विकास को मजबूत करने की क्षमता है। मस्क के इस कदम को सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कुछ लोगों ने उनकी तटस्थता पर सवाल उठाया है, जबकि अन्य ने नई प्रौद्योगिकी के लिए उनके प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया है। उनके व्यवहार ने इस कार्यक्रम को और भी विवादास्पद बना दिया और यह स्पष्ट है कि एलन मस्क न केवल एक दूरदर्शी व्यवसायी हैं, बल्कि वे जिस भी सामाजिक या राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं, वहां अपनी अनूठी छाप छोड़ते हैं।

लेख प्रकाशित | Tue | 21 Jan 2025 | 10:48 AM

ट्रंप शपथ ग्रहण लाइव: आज से अमेरिका में 'ट्रंप युग', पहले दिन 100 फाइलों पर होंगे हस्ताक्षर

डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेने से पहले ही पुतिन को बधाई देते हुए कहा था कि हम यूक्रेन और परमाणु हथियारों के मुद्दे पर अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ट्रम्प को बधाई देते हुए कहा, "यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के बीच विशेष संबंध हैं।" जो आने वाले वर्षों में और अधिक तीव्र हो जाएगा।' दिन की शुरुआत चर्च में प्रार्थना से करें शपथ ग्रहण से पहले डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी पत्नी मेलानिया ने वाशिंगटन के लाफायेट स्क्वायर स्थित सेंट जॉन्स एपिस्कोपल चर्च में प्रार्थना की। प्रधानमंत्री मोदी का ट्रम्प को पत्र विदेश मंत्री एस.के. ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत के प्रतिनिधि होंगे। जयशंकर अमेरिका पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्रम्प को एक विशेष पत्र भेजा है।

लेख प्रकाशित | Mon | 20 Jan 2025 | 9:06 PM

शपथ ग्रहण से पहले ट्रंप से मिले मुकेश अंबानी: पत्नी नीता के साथ दी बधाई; ट्रम्प कल दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

भारत के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी ने रविवार को अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात की और राष्ट्रपति के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल से पहले उन्हें बधाई दी। कल डोनाल्ड ट्रम्प संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। ट्रम्प इससे पहले 2016 से 2020 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति थे। रिलायंस फाउंडेशन ने इस बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। नीता और मुकेश अंबानी को उम्मीद है कि ट्रम्प प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे। इसके साथ ही उन्होंने ट्रम्प को उनके नए परिवर्तनकारी कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं। मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने आज एक निजी कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी। मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने आज एक निजी कार्यक्रम में डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी। शपथ ग्रहण समारोह में अंबानी दंपत्ति को महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, शपथ ग्रहण समारोह में अंबानी दंपत्ति को अहम सीट मिलेगी। वह ट्रम्प मंत्रिमंडल के मनोनीत सदस्यों और निर्वाचित अधिकारियों के साथ बैठेंगे। इसके अलावा, कैबिनेट रिसेप्शन और उपराष्ट्रपति रात्रिभोज का भी आयोजन होगा, जिसमें अंबानी परिवार शामिल होगा।

लेख प्रकाशित | Mon | 20 Jan 2025 | 11:18 AM

यूरोप जा रहे 44 पाकिस्तानी समुद्र में डूबे: मोरक्को के पास अटलांटिक महासागर में नाव पलटी; हम अवैध रूप से स्पेन जा रहे थे

अवैध रूप से यूरोप की यात्रा कर रहे 44 पाकिस्तानी नागरिक अटलांटिक महासागर में डूबने से मर गए। पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन के अनुसार, पश्चिम अफ्रीका से स्पेन जा रही एक नाव मोरक्को के दखला बंदरगाह के पास डूब गई। नाव पर 80 से अधिक लोग सवार थे। इसमें 50 से अधिक लोग मारे गये, जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी थे। रिपोर्ट के अनुसार, लोगों को ले जा रहा जहाज यात्रा के दौरान लापता हो गया। उसे ढूंढने का प्रयास किया गया लेकिन वह नहीं मिला। पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने इस त्रासदी पर दुख व्यक्त किया है और मानव तस्करी रोकने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि मानव तस्करी के जघन्य कृत्य में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

लेख प्रकाशित | Sat | 18 Jan 2025 | 12:55 PM

इजराइल-हमास संघर्ष विराम समझौता 17 घंटे में टूटने की कगार पर: नेतन्याहू का आरोप- हमास शर्तों से पीछे हटा, समझौते के अंत तक रियायतें मांगी

इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता 17 घंटे के भीतर टूटने की कगार पर है। इस समझौते को मंजूरी देने के लिए इज़रायली कैबिनेट की बैठक होने वाली थी। अब पीएम नेतन्याहू ने यह बैठक करने से इनकार कर दिया है। इससे पहले बुधवार रात 10:30 बजे कतर के प्रधानमंत्री ने बताया कि इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के संबंध में समझौता हो गया है। इज़रायली राष्ट्रपति ने कैबिनेट से भी इस समझौते को मंजूरी देने का अनुरोध किया। इजराइल टाइम्स ने गुरुवार को अपराह्न 3:30 बजे बताया कि सौदे को मंजूरी नहीं मिली है। नेतन्याहू ने हमास पर समझौते की शर्तों से पीछे हटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि हमास समझौते की समाप्ति तक रियायतों की मांग कर रहा है। इजराइल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास के अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। अधिकारियों का कहना है कि वे अभी भी शर्तों पर कायम हैं।

लेख प्रकाशित | Thu | 16 Jan 2025 | 8:01 PM

मार्क जुकरबर्ग ने आखिरकार मांगी माफी, भारत के बारे में गलत जानकारी फैलाना पड़ी भारी, जानें क्या है मामला

मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने कुछ दिन पहले भारत के बारे में गलत सूचना फैलाई थी, जिसके भारत में गंभीर परिणाम हुए थे। विवाद बढ़ने पर मेटा ने अपने मालिक की ओर से माफी मांगी है। आईटी और संचार संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर माफी मांगी। निशिकांत दुबे ने क्या लिखा? निशिकांत दुबे ने एक एक्स-पोस्ट में लिखा, 'भारतीय संसद और सरकार ने 140 करोड़ लोगों का आशीर्वाद और विश्वास अर्जित किया है। मेटा के भारत कार्यालय ने अंततः अपनी गलती के लिए माफी मांगी है। यह जीत भारत की जनता की है, जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री चुनकर दुनिया को भारत के सबसे मजबूत नेतृत्व का परिचय कराया है। अब इस मुद्दे पर हमारी समिति की जिम्मेदारी पूरी हो गई है।'

लेख प्रकाशित | Wed | 15 Jan 2025 | 9:12 PM

लॉस एंजिलिस आग में अब तक 25 की मौत: 12 हजार इमारतें तबाह, कई लोग लापता, 13 लाख करोड़ रुपए का नुकसान; हवा की गति कम होने से राहत की उम्मीद

अमेरिका के लॉस एंजिल्स में लगी आग के कारण अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लापता हैं। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, 90,000 लोगों को आपातकालीन निकास अलर्ट (शहर छोड़ने की चेतावनी) दिया गया है। पुलिस ने अब तक प्रभावित इलाकों से 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर डकैती, अग्नि क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने सहित कई आरोप हैं। मंगलवार को हवा की गति अनुमान से कम थी, जिससे बचाव दल को आग पर काबू पाने में काफी मदद मिली। फिलहाल पैलिसेड्स और ईटन को छोड़कर बाकी जगहों पर आग लगभग नियंत्रण में है। आग से अब तक 12,000 से अधिक इमारतें नष्ट हो चुकी हैं, जबकि 155 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र राख में तब्दील हो गया है। राष्ट्रीय मौसम सेवा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा- हम अभी भी खतरे से पूरी तरह बाहर नहीं हैं। हालाँकि, मंगलवार को हवा की गति उतनी अधिक नहीं थी जितनी आशंका थी। बुधवार को स्थिति में और सुधार हो सकता है।

लेख प्रकाशित | Wed | 15 Jan 2025 | 8:51 PM

यूक्रेन ने रूस पर बड़े पैमाने पर हमला किया, 200 ड्रोन और पांच गाइडेड मिसाइलों से अफरातफरी मचाई

यूक्रेन ने 200 ड्रोन और मिसाइलों से रूस पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन ने रात में रूस पर बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमला किया। जिसमें एक रूसी तेल कारखाना, एक रासायनिक संयंत्र और एक गैस संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गए। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन द्वारा एक तेल कारखाने के निकट किए गए हमले से बेहद नाराज हैं। रूसी अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन ने रात में कई ड्रोन और मिसाइलों से रूस पर हमला किया। रूसी क्षेत्र पर हुए इस हमले में दो रूसी फैक्ट्रियां क्षतिग्रस्त हो गईं। दक्षिणी रूसी शहर में स्कूलों को भी बंद करना पड़ा है। रूस ने 200 से अधिक यूक्रेनी ड्रोन और 5 अमेरिकी निर्मित ATACMS बैलिस्टिक गाइडेड मिसाइलों को नष्ट करने का दावा किया है। पश्चिमी रूस के ब्रास्क क्षेत्र के गवर्नर अलेक्जेंडर बोगोमाज़ ने कहा कि यूक्रेन ने एक बड़ा मिसाइल हमला किया है।

लेख प्रकाशित | Tue | 14 Jan 2025 | 8:46 PM

अवैध सोने के खनन में 100 मजदूरों की मौत: दक्षिण अफ्रीका अफ्रीका में सोने की खदान में 2 महीने तक फंसे रहे 400 मजदूर, भूख-प्यास से हुई मौत

दक्षिण अफ्रीका में एक बंद सोने की खदान में 400 से अधिक श्रमिक फंसे हुए हैं। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 100 से अधिक श्रमिकों की मृत्यु हो चुकी है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एक विशेष खनन बचाव दल को घटनास्थल पर भेजा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक मजदूरों की मौत भूख और प्यास के कारण हुई है। ये मजदूर पिछले कुछ महीनों से खदान में फंसे हुए थे। सोमवार को बचाव दल ने राजधानी जोहान्सबर्ग से 90 किलोमीटर दूर स्टिलफोंटेन के निकट खदान से कई लोगों को निकाला। 9 शव भी बरामद किये गये हैं। खदान श्रमिकों से जुड़े सामाजिक संगठन, माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन (MACUA) के अनुसार, पुलिस ने पिछले वर्ष अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। तब से ये मजदूर खदान में फंसे हुए हैं। पुलिस ने खदान की रस्सियाँ हटा दीं। पुलिस ने पिछले वर्ष नवंबर में खदान को सील करने का प्रयास किया था। इसके लिए मजदूरों को बाहर आने को कहा गया। हालाँकि, गिरफ्तारी के डर से श्रमिकों ने खदान से बाहर आने से इनकार कर दिया। मैकुआ के अनुसार, श्रमिकों के मना करने पर पुलिस ने खदान में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रस्सियों और पुलियों को हटा दिया। इसके बाद मजदूर खदान में फंस गए। दक्षिण अफ्रीकी अखबार संडे टाइम्स के अनुसार बचाव दल ने एक पिंजरा तैयार किया है जिसे खदान में 3 किमी नीचे उतारा जा रहा है। इस पिंजरे की मदद से सबसे पहले बचे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।

लेख प्रकाशित | Tue | 14 Jan 2025 | 8:33 PM

बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं सांप्रदायिक नहीं, राजनीतिक थीं: यूनुस सरकार

बांग्लादेश सरकार ने एक बार फिर हिंदुओं पर हो रहे हमलों को नजरअंदाज करने की कोशिश की है। बांग्लादेशी सरकार ने हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों को राजनीति से प्रेरित बताया है। पुलिस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि ये हमले सांप्रदायिक नहीं थे। बांग्लादेश पुलिस ने जारी किया व्हाट्सएप नंबर बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के संपर्क में रहने और सांप्रदायिक हिंसा की सीधी शिकायत भेजने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर शुरू किया है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस कार्यालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। यूनुस सरकार ने एक बयान जारी किया यूनुस सरकार के बयान में कहा गया है कि पुलिस ने यह जांच बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद द्वारा किए गए दावे के बाद की। दावे के अनुसार, पिछले साल 5 अगस्त को आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के दिन से लेकर इस साल 8 जनवरी तक सांप्रदायिक हिंसा की 2,010 घटनाएं हुईं। इन घटनाओं में से 1,769 हमले और तोड़फोड़ से संबंधित थीं और पुलिस ने अब तक दावों के आधार पर कुल 62 मामले दर्ज किए हैं और जांच के आधार पर कम से कम 35 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकांश हमले राजनीति से प्रेरित थे... हालांकि, बयान में दावा किया गया है कि जांच से पता चलता है कि ज्यादातर मामलों में हमले सांप्रदायिक प्रकृति के नहीं थे, बल्कि राजनीति से प्रेरित थे। इसमें कहा गया है कि पुलिस जांच में पाया गया है कि 1,234 घटनाएं राजनीतिक थीं। जबकि 20 घटनाएं सांप्रदायिक थीं और कम से कम 161 दावे झूठे या मनगढ़ंत थे। बयान के अनुसार, परिषद का दावा है कि 1,452 घटनाएं (कुल घटनाओं का 82.8 प्रतिशत) तब हुईं जब 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार को सत्ता से हटा दिया गया। 4 अगस्त को कम से कम 65 घटनाएं हुईं और 6 अगस्त को 70 घटनाएं हुईं।

लेख प्रकाशित | Sun | 12 Jan 2025 | 10:23 AM

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क सीमा क्षेत्र में रूसी सैनिकों के साथ लड़ रहे दो उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ लिया है।

**यूक्रेनी सेना ने रूस के लिए लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ा** यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शनिवार को घोषणा की कि यूक्रेनी सेना ने दो उत्तर कोरियाई सैनिकों को पकड़ लिया है, जो कथित तौर पर कुर्स्क सीमा क्षेत्र में रूसी सैनिकों के साथ लड़ रहे थे। यह आश्चर्यजनक खुलासा यूक्रेन के खिलाफ अपने सैन्य अभियान में बाहरी समर्थन प्राप्त करने के रूस के प्रयासों की सीमा पर प्रकाश डालता है। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए उत्तर कोरियाई सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में कार्यरत एक इकाई का हिस्सा थे, जो यूक्रेन के साथ रूस की पश्चिमी सीमा के पास स्थित है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि संघर्ष में उत्तर कोरियाई सैनिकों की उपस्थिति यूक्रेन के जवाबी आक्रामक अभियानों के बीच अपनी सेना को मजबूत करने के लिए मास्को की हताशा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सेना उन परिस्थितियों की जांच करेगी जिनमें इन सैनिकों को तैनात किया गया था और संघर्ष में उनकी भूमिका क्या थी। इस घटनाक्रम ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि यह युद्ध की जटिल गतिशीलता को रेखांकित करता है तथा उत्तर कोरिया की संलिप्तता पर प्रश्न उठाता है। विश्लेषकों का सुझाव है कि मॉस्को के साथ प्योंगयांग का सहयोग रूस के साथ उसके दीर्घकालिक कूटनीतिक और सैन्य संबंधों से जुड़ा हो सकता है। इस घटना ने युद्ध के भू-राजनीतिक परिणामों को और अधिक जटिल बना दिया है, तथा रूस की कार्रवाइयों का समर्थन करने वाले गठबंधनों की वैश्विक जांच को और अधिक तीव्र कर दिया है।

लेख प्रकाशित | Sun | 12 Jan 2025 | 9:57 AM

कनाडाई कोर्ट का बड़ा फैसला: निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपियों को जमानत, पिछले साल हुई थी हत्या, ट्रूडो ने भारत को ठहराया जिम्मेदार

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले में कनाडा सरकार को बड़ा झटका लगा है। सभी चार आरोपियों को जमानत दे दी गई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी। हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में कनाडा के सरे में हत्या कर दी गई। 18 जून 2023 को हत्या के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा एक भारतीय सरकारी एजेंट पर हत्या का आरोप लगाने के बाद इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया। भारत सरकार ने इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया। इस मामले में चार आरोपियों करण बराड़, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया। इन चारों पर प्रथम श्रेणी की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया। इस मामले की सुनवाई अब 11 फरवरी को ब्रिटिश कोलंबिया सुप्रीम कोर्ट में होगी। ये तीन भारतीय कौन हैं? निज्जर की हत्या के आरोपियों में 22 वर्षीय करण बराड़, 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह और 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह शामिल हैं। चूंकि इन तीनों के नाम K अक्षर से शुरू होते हैं, इसलिए इन्हें K समूह कहा जा रहा है। वे सभी भारतीय हैं जो कनाडा के एडमोंटन में रहते थे। ये आरोपी 2021 में अस्थायी वीजा पर कनाडा पहुंचे थे। उनमें से कुछ के पास छात्र वीज़ा था लेकिन किसी ने कनाडा में पढ़ाई नहीं की थी। तीनों के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया गया है। ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया पिछले साल संसद में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया। तब से भारत और कनाडा के बीच संबंध उतार-चढ़ाव से भरे रहे हैं। भारत ने ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को आकर्षित करने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।

लेख प्रकाशित | Thu | 09 Jan 2025 | 6:46 PM

भारत पहुंचा चीन का HMPV वायरस: बेंगलुरु में पहला केस मिला, 8 महीने की बच्ची संक्रमित; सांस लेने में तकलीफ, फ्लू जैसे लक्षण

चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस का पहला मामला भारत में देखा गया है। इस वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरु में एक 8 महीने की बच्ची पॉजिटिव पाई गई है।नमूनों का परीक्षण बैपटिस्ट अस्पताल में किया गया। हालांकि, कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने नमूनों का परीक्षण अपनी लैब में नहीं किया है। रिपोर्ट एक निजी अस्पताल से आई है.वायरस से संक्रमित होने पर मरीज में सर्दी-जुकाम और कोविड-19 जैसे लक्षण होते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखने को मिलता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।एचएमपीवी वायरस इसी तरह फैलता हैएचएमपीवी वायरस आमतौर पर खांसने और छींकने से फैलता है।साथ ही किसी संक्रमित व्यक्ति को छूने या उससे हाथ मिलाने से भी वायरस तेजी से फैल सकता है।संक्रमण के 5 दिनों के भीतर लक्षण प्रकट होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस हमेशा मौजूद रहता है, लेकिन ठंड के मौसम में यह अधिक सक्रिय हो जाता है। यह लोगों के बीच तेजी से फैलता है.घर से निकलने से पहले मास्क पहनें, क्योंकि यह खांसी और सर्दी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और घर आकर अच्छी तरह हाथ धोएं।बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, क्योंकि यहां संक्रमण तेजी से फैलता है।

लेख प्रकाशित | Mon | 06 Jan 2025 | 11:12 AM

एलन मस्क ने 'पाकिस्तानी बलात्कार गिरोहों' को लेकर पीएम कीर स्टारमर पर हमला किया, ब्रिटेन ने जवाब दिया

यूनाइटेड किंगडम सरकार ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क द्वारा ब्रिटिश-पाकिस्तानी पुरुषों को शामिल करने वाले ग्रूमिंग गिरोहों के मुद्दे पर अपने दृष्टिकोण के बारे में की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया दी है। मस्क की टिप्पणी, जिसमें इस गंभीर मामले पर अपर्याप्त कार्रवाई के लिए विशेष रूप से प्रधान मंत्री कीर स्टारमर की आलोचना की गई थी, ने 2022 में किए गए एक राष्ट्रीय अध्ययन का संदर्भ दिया। अपने बयान में, सरकार ने रेखांकित किया कि मस्क की टिप्पणियाँ इस मुद्दे से जुड़े तथ्यों की गलतफहमी से उपजी हैं। इसने बच्चों और कमज़ोर व्यक्तियों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि इस समस्या की जटिलता पर सावधानीपूर्वक विचार और बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। सरकार ने ग्रूमिंग और बाल शोषण से निपटने के अपने चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, इस बात पर ज़ोर देते हुए कि यह इन चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए कानून प्रवर्तन और सामुदायिक संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम करता है। इसने जनता और टिप्पणीकारों से अटकलों के बजाय सत्यापित जानकारी और सहयोगी समाधानों पर भरोसा करने का आग्रह किया, क्योंकि ऐसे मामलों में सभी प्रभावित व्यक्तियों के लिए संवेदनशीलता और न्याय के प्रति समर्पण की आवश्यकता होती है।

लेख प्रकाशित | Sun | 05 Jan 2025 | 11:36 AM

अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स में एक दर्दनाक हादसा हुआ है।

अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां एक ट्रक ने तेज रफ्तार से भीड़ को टक्कर मार दी. तभी ट्रक ड्राइवर ने नए साल का जश्न मना रहे लोगों पर फायरिंग कर दी. हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा घायल हो गए।

लेख प्रकाशित | Wed | 01 Jan 2025 | 8:46 PM

गुजराती भाषा दुनिया भर में रहने वाले गुजरातियों को एक साथ जोड़ती है।

राजस्थान के कोटा में रहने वाले गोरधनभाई ढीथाभाई पटेल ने विश्व गुजराती समाज के अध्यक्ष पद के लिए प्रतिस्पर्धी चुनाव में शानदार जीत हासिल की है, जो 1990 से राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण और संवर्द्धन के लिए काम कर रहे गुजरातियों का एक प्रतिष्ठित संगठन है। गुजराती भाषा, गुजराती संस्कृति और दुनिया भर में रहने वाले गुजरातियों को एक साथ जोड़कर गुजराती पहचान। अध्यक्ष बनने के साथ ही उन्होंने चार महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति की घोषणा की है, जिसमें गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील योगेश शशिकांतभाई लखानी को विश्व गुजराती समाज का वरिष्ठ उपाध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार सुधीर शांतिलाल रावल को महासचिव, पूर्व मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है. राज्य के श्री पी. के. लहेरी एवं सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्रभाई ए. शाह भी शामिल हैं.

लेख प्रकाशित | Mon | 30 Dec 2024 | 9:15 PM

2024 में 8 बड़े विमान हादसों में 402 की मौत ज्यादातर हादसे खराब मौसम के कारण हुए, ईरान के राष्ट्रपति की भी विमान हादसों में मौत

इस सप्ताह कजाकिस्तान और दक्षिण कोरिया में हुए दो विमान हादसों में 217 लोगों की जान चली गई। ताजा मामला दक्षिण कोरिया के मुआन का है, जहां लैंडिंग के दौरान गियर बॉक्स में खराबी आने से विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, विमान में 181 लोग सवार थे, जिनमें 175 यात्री और 6 क्रू मेंबर शामिल थे। इनमें से 179 की मौत हो चुकी है। कजाकिस्तान में हुए विमान हादसे में 38 लोगों की जान चली गई। साल 2024 में 8 बड़े विमान हादसे हुए, जिनमें 402 लोगों की जान गई। ज्यादातर हादसे खराब मौसम या विमान के इंजन में खराबी के कारण हुए। ऐसी ही एक दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी समेत कई नेताओं की मौत हो गई। जानिए इस साल हुए 8 विमान हादसों के बारे में... 24 जनवरी रूसी सैन्य विमान हादसे में 74 लोगों की मौत इस साल का पहला बड़ा विमान हादसा जनवरी में रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में हुआ था। इस हादसे में 74 लोगों की मौत हो गई थी। दुर्घटना के समय विमान में 65 यूक्रेनी कैदी और 9 रूसी चालक दल के सदस्य सवार थे घटना के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विमान पर यूक्रेनी मिसाइल ने हमला किया था, जबकि यूक्रेन ने इसे रूसी साजिश बताया

लेख प्रकाशित | Mon | 30 Dec 2024 | 11:57 AM

कुवैत के मोतियों का अंतरराष्ट्रीय बाजार बना सूरत, कुवैत में मोदी को आई गुजरात की याद, कहा भारतीयों ने चमकाया भारतीयता का सूरज, पढ़ें पीएम के संबोधन की खास बातें.

पीएम मोदी के संबोधन ने सूरत को कुवैती मोती के आकर्षण का वैश्विक केंद्र बना दिया भारत के हीरे के शहर के रूप में जाना जाने वाला सूरत अब कुवैती मोतियों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बाजार के रूप में उभरा है और इसने वैश्विक व्यापार केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत में अपने हालिया संबोधन के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में गुजरात के योगदान की प्रशंसा की और विश्व स्तर पर देश की सांस्कृतिक और आर्थिक शक्ति को प्रदर्शित करने में भारतीयों की भूमिका पर प्रकाश डाला। कुवैत में भारतीय भारतीयता की चमकती मिसाल पीएम मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कुवैत में भारतीय प्रवासियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने टिप्पणी की कि कुवैत में भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत, मूल्यों और उद्यमशीलता की भावना से भारतीयता के सूर्य को रोशन किया है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि जीवंत भारतीय समुदाय ने विदेशों में भारत की छवि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैश्विक व्यापार में सूरत की भूमिका कुवैती मोतियों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय बाजार के रूप में सूरत का उदय इसके बढ़ते वैश्विक पदचिह्न को दर्शाता है। पहले से ही अपने हीरे और कपड़ा उद्योगों के लिए प्रसिद्ध, सूरत अब मोती व्यापार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है। शहरों के व्यापारी और कारीगर अपने कौशल का उपयोग अंतरराष्ट्रीय बाजारों को पूरा करने, आर्थिक विकास और रोजगार के नए रास्ते बनाने के लिए कर रहे हैं। मोदी ने संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया पीएम मोदी ने आपसी सम्मान और साझा आर्थिक हितों पर जोर देते हुए भारत और कुवैत के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के साथ गुजरात के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर प्रकाश डाला और व्यापार, शिक्षा और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण प्रधान मंत्री का संबोधन आशावाद से गूंज उठा, उन्होंने देश और विदेश में भारतीयों से उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। सूरत का कुवैती मोतियों के केंद्र के रूप में उभरना वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते एकीकरण का प्रतीक है, जो उद्यमशीलता की भावना का एक प्रमाण है जो राष्ट्र को परिभाषित करता है।

लेख प्रकाशित | Sun | 22 Dec 2024 | 10:47 AM

विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने संसद में कहा है कि इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर 2200 हमले हुए हैं, जबकि इस साल अक्टूबर तक पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले की 112 घटनाएं हुई हैं. इस प्रकार बांग्लादेश पाकिस्तान से भी अधिक क्रूर हो गया है।

बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमले एक भयावह सच्चाई है विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के बारे में संसद में चिंताजनक आंकड़े पेश किए हैं। इस साल 8 दिसंबर तक बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर 2,200 हमले दर्ज किए गए, जबकि पाकिस्तान में अक्टूबर तक हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा की 112 घटनाएं हुईं। ये आंकड़े इन देशों में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा की एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं। बांग्लादेश एक बढ़ती चिंता बांग्लादेश में हमलों की चौंका देने वाली संख्या एक चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करती है। रिपोर्ट बताती हैं कि मंदिरों को अपवित्र किया गया है, घरों में तोड़फोड़ की गई है और व्यक्तियों को हिंसा का शिकार बनाया गया है। सांप्रदायिक तनाव में वृद्धि और अपराधियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की कमी ने ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। बांग्लादेश, जिसे कभी अपने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए सराहा जाता था, अब अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने में असमर्थता के लिए अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा है। पाकिस्तान में लगातार दुश्मनी जबकि पाकिस्तान में संख्या तुलनात्मक रूप से कम है, हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का लगातार पैटर्न प्रणालीगत मुद्दों को रेखांकित करता है। जबरन धर्म परिवर्तन, अपहरण और धार्मिक स्थलों को नष्ट करना अब भी जारी है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद, पाकिस्तानी सरकार ने ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए संघर्ष किया है, जिससे अल्पसंख्यक असुरक्षित स्थिति में हैं। बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान की तुलना आंकड़ों से पता चलता है कि अल्पसंख्यकों पर हमलों की आवृत्ति के मामले में बांग्लादेश पाकिस्तान से आगे निकल गया है। यह खुलासा धारणाओं को चुनौती देता है, क्योंकि पाकिस्तान की ऐतिहासिक रूप से अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार के लिए अधिक आलोचना की जाती रही है। बांग्लादेश में बढ़ती दुश्मनी एक बदलाव का संकेत देती है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। वैश्विक निहितार्थ और कार्रवाई का आह्वान इन घटनाओं का क्षेत्रीय स्थिरता और मानवाधिकारों पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। भारत और अन्य देशों को इन देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कूटनीतिक रूप से संलग्न होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय संगठनों को बांग्लादेश और पाकिस्तान पर अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा, धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को बनाए रखने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाने का दबाव बनाना चाहिए। तत्काल कार्रवाई के बिना, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता बनी रहेगी।

लेख प्रकाशित | Fri | 20 Dec 2024 | 9:28 PM

अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान के नए मिसाइल कार्यक्रम से हमें खतरा है, उसकी मंशा पर सवाल उठाए, 4 रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया

संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान के नए मिसाइल विकास कार्यक्रम पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। अमेरिकी अधिकारियों ने क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने और पड़ोसी देशों के साथ तनाव बढ़ाने की संभावना का हवाला देते हुए अपनी मिसाइल क्षमताओं को आगे बढ़ाने के पीछे पाकिस्तान के इरादों पर सवाल उठाए हैं। इसके जवाब में, अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम से जुड़ी चार रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन कंपनियों पर अंतरराष्ट्रीय अप्रसार मानदंडों का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों में शामिल होने और उन्नत मिसाइल प्रौद्योगिकियों के प्रसार में योगदान देने का आरोप है। प्रतिबंधों का उद्देश्य पाकिस्तान के मिसाइल विकास का समर्थन करने वाली आपूर्ति श्रृंखला को रोकना और ऐसी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग के बारे में एक कड़ा संदेश भेजना है। अमेरिकी सरकार ने पाकिस्तान से अपनी रक्षा रणनीतियों में जिम्मेदारी से काम करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। यह घटनाक्रम हथियारों के प्रसार के बारे में चल रही वैश्विक चिंताओं को उजागर करता है और पहले से ही अस्थिर क्षेत्रों में वृद्धि को रोकने के लिए पारदर्शी नीतियों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

लेख प्रकाशित | Fri | 20 Dec 2024 | 1:25 PM

कैंसर की वैक्सीन तैयार पुतिन का बड़ा ऐलान, 2025 से रूस में सभी कैंसर मरीजों को मुफ्त दी जाएगी यह वैक्सीन लाखों लोगों की जान बचाएगी

रूस ने स्वास्थ्य सेवा और ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कैंसर के टीके के विकास का खुलासा किया है, जो एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रगति है। रिपोर्टों के अनुसार, यह टीका 2025 से रूस में सभी कैंसर रोगियों को निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य लाखों लोगों की जान बचाना और कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार करना है। रूसी वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस टीके से कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देकर कई प्रकार के कैंसर को लक्षित करने की उम्मीद है। शुरुआती परीक्षणों ने आशाजनक परिणाम दिखाए हैं, जो इस बीमारी से प्रभावित अनगिनत व्यक्तियों और परिवारों को आशा प्रदान करते हैं। यह घोषणा चिकित्सा प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और जीवन रक्षक उपचारों को सुलभ बनाने के लिए रूस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। यदि सफल रहा, तो यह टीका दुनिया भर में कैंसर के उपचार में क्रांति ला सकता है, मृत्यु दर को कम कर सकता है और कीमोथेरेपी और विकिरण जैसे पारंपरिक उपचारों के लिए अधिक प्रभावी और कम आक्रामक विकल्प प्रदान कर सकता है। इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन, जिसमें रोगियों के लिए रसद और पहुंच शामिल है, पर वैश्विक चिकित्सा समुदाय द्वारा बारीकी से नज़र रखी जाएगी, क्योंकि इसमें अभिनव कैंसर उपचारों तक सार्वभौमिक पहुंच के लिए एक मिसाल कायम करने की क्षमता है।

लेख प्रकाशित | Wed | 18 Dec 2024 | 8:43 PM

अमेरिका में एक और अंधाधुंध गोलीबारी: विस्कॉन्सिन के एक निजी ईसाई स्कूल में गोलीबारी में तीन लोगों की मौत; कई घायल

अमेरिका में एक बार फिर अंधाधुंध गोलीबारी की घटना सामने आई है, जिसमें विस्कॉन्सिन राज्य के एक निजी ईसाई स्कूल में गोलीबारी की गई. इस दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक फायरिंग के तुरंत बाद ही शूटर को पकड़ लिया गया और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में कर लिया. घटना के दौरान स्कूल में डर का माहौल हो गया. छात्रों और शिक्षकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. घायलों को अस्पताल ले जाया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। गोलीबारी के कारण और गोली चलाने वाले की पहचान की जांच की जा रही है। इस घटना ने एक बार फिर बंदूक नियंत्रण और स्कूल सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंधाधुंध गोलीबारी ने अमेरिका में स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ती सुरक्षा चिंताओं पर बहस छेड़ दी है। विस्कॉन्सिन के गवर्नर ने इस घटना को "बेहद दुखद और अप्रत्याशित" बताया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। अमेरिका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी को रोकने के लिए मजबूत कानूनी उपायों और प्रणालियों की मांग बढ़ रही है। इस घटना से एक बार फिर आम नागरिकों में डर का माहौल पैदा हो गया है. पुलिस अब मामले की गहनता से जांच कर रही है.

लेख प्रकाशित | Tue | 17 Dec 2024 | 8:52 PM