सोने-चांदी की कीमतों में उछाल: सोना ₹97,021 और चांदी ₹1.08 लाख प्रति किलोग्राम पर पहुंची

इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। IBJA (इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन) के आंकड़ों के अनुसार:

सोने की कीमत में वृद्धि:
28 जून (शनिवार): ₹95,784 (10 ग्राम)
5 जुलाई: ₹97,021 (10 ग्राम)
वृद्धि: ₹1,237 (साप्ताहिक)
सर्वकालिक उच्चतम (18 जून): ₹99,454


चांदी की कीमत में वृद्धि: 28 जून (शनिवार): ₹1,05,193 (1 किलोग्राम)
5 जुलाई: ₹1,07,580 (1 किलोग्राम)
वृद्धि: ₹2,387 (साप्ताहिक)
सर्वकालिक उच्चतम (18 जून): ₹1,09,550


5 महानगरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम, 5 जुलाई तक):
शहर 24 कैरेट (₹) 22 कैरेट (₹)


अहमदाबाद 97,337 89,161
दिल्ली 98,980 90,970
मुंबई 98,830 90,600
कोलकाता 98,830 90,600
चेन्नई 98,830 90,600
भोपाल 98,880 90,650


2024 में सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव:
जनवरी से 1 से आज तक:
सोना: ₹76,162 → ₹97,021 (वृद्धि: ₹20,859)
चाँदी: ₹86,017 → ₹1,07,580 (वृद्धि: ₹21,563)
2023 में वार्षिक वृद्धि: सोने में ₹12,810 की वृद्धि होगी।


भविष्य के अनुमान:
केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के अनुसार:
सोना: ₹1,03,000/10 ग्राम तक पहुँच सकता है (भू-राजनीतिक तनाव, इज़राइल-ईरान युद्ध जैसे कारकों के कारण)। चाँदी: ₹1,30,000/किलोग्राम तक बढ़ सकती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उतार-चढ़ाव और डॉलर की कमजोरी के कारण भारत में सोने और चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी होने की संभावना है।

लेख प्रकाशित | Sat | 05 Jul 2025 | 9:10 PM

सोने की कीमत आज 306 रुपये बढ़कर 97,786 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी 1,060 रुपये बढ़कर 1.08 रुपये प्रति किलोग्राम (या ग्राम) पर बिक रही है।

3 जुलाई 2024 को सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार:

सोने की कीमत में बढ़ोतरी
24 कैरेट सोना: ₹306 से बढ़कर ₹97,786 प्रति 10 ग्राम (पहले ₹97,480) अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना: ₹99,380 प्रति 10 ग्राम

चांदी की कीमत में बढ़ोतरी
चांदी: ₹1,060 से बढ़कर ₹1,07,748 प्रति किलोग्राम (पहले ₹1,06,688) 18 जून 2024 को चांदी और सोना सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर थे: चांदी: ₹1,09,550/किलोग्राम
सोना: ₹99,454/10 ग्राम


सोने की कीमत कैरेट के हिसाब से (10 ग्राम)
कैरेट कीमत (₹)


24 97,786
22 89,572
18 73,340


प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम)
शहर 24 कैरेट (₹) 22 कैरेट (₹)


अहमदाबाद 99,380 91,100
दिल्ली 99,480 91,200
मुंबई 99,330 91,050
कोलकाता 99,330 91,050
चेन्नई 99,330 91,050
भोपाल 99,380 91,100


इस प्रकार आज सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, हालांकि 18 जून के रिकॉर्ड स्तर से मामूली कमी आई है।

लेख प्रकाशित | Thu | 03 Jul 2025 | 8:43 PM

"सोना 167 रुपये बढ़कर 95,951 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा, चांदी 1.06 लाख रुपये प्रति किलोग्राम गिरी: बाजार में उथल-पुथल"

सोने की कीमत में वृद्धि और चांदी की कीमत में कमी (30 जून, 2024)
24 कैरेट सोने की कीमत ₹167 बढ़कर ₹95,951 (10 ग्राम) हो गई (पहले: ₹95,784)। अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना: ₹97,310 (10 ग्राम)। चांदी की कीमत ₹682 घटकर ₹1,05,875 (किलोग्राम) हो गई (पहले: ₹1,05,193)।

ऐतिहासिक उच्च (18 जून, 2024):
चांदी: ₹1,09,550/किलोग्राम (सर्वकालिक उच्च)।
सोना: ₹99,454/10 ग्राम (सर्वकालिक उच्च)।


कैरेट के हिसाब से सोने की कीमत (10 ग्राम):
कैरेट | कीमत (₹)
24 | 95,951
22 | 87,891
18 | 71,963


मेट्रो शहरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम):
| शहर | 24 कैरेट (₹) | 22 कैरेट (₹) |


| अहमदाबाद | 97,310 | 89,200
| दिल्ली | 97,410 | 89,300
| मुंबई | 97,260 | 89,150
| कोलकाता | 97,260 | 89,150
| चेन्नई | 97,260 | 89,150
| भोपाल | 97,310 | 89,200


2024 में सोने की कीमत में बढ़ोतरी:
1 जनवरी से अब तक:
सोना: ₹76,162 → ₹95,951 (₹19,789 की बढ़ोतरी)।
चांदी: ₹86,017 → ₹1,05,875 (₹19,858 की बढ़ोतरी)।
2023 में: सोना ₹12,810 महंगा हुआ।


सोना खरीदते समय 3 महत्वपूर्ण निर्देश:
1. केवल BIS हॉलमार्क वाला सोना खरीदें:
6-अंकीय HUID (जैसे AZ4524) की जाँच करें।
2. कीमत और वजन की दोबारा जाँच करें:
IBJA जैसे विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करें।
24K शुद्ध है, लेकिन आभूषणों के लिए 22K/18K का उपयोग किया जाता है।
3. डिजिटल भुगतान और बिल लें:
UPI/कार्ड से भुगतान करें, नकद से बचें।
ऑनलाइन ऑर्डर में पैकेजिंग की जाँच करें।

नोट: सोने की कीमतें प्रतिदिन बदलती हैं, इसलिए खरीदने से पहले नवीनतम कीमतों की जाँच करें।

लेख प्रकाशित | Mon | 30 Jun 2025 | 10:02 PM

बांग्लादेश ने अडानी पावर को ₹3,282 करोड़ का भुगतान किया, शेष ₹4,274 करोड़; कंपनी ने बिजली आपूर्ति फिर से शुरू की

बांग्लादेश ने जून 2025 में अडानी पावर को 384 मिलियन डॉलर (₹3,282 करोड़) का भुगतान किया है, जिससे मार्च 2025 तक बकाया राशि कम हो गई है। बांग्लादेश ने जून के अंत तक 437 मिलियन डॉलर (₹3,735 करोड़) का भुगतान करने का वादा किया था। अब तक, बांग्लादेश ने कुल 1.5 बिलियन डॉलर (₹12,822 करोड़) का भुगतान किया है, जबकि 2 बिलियन डॉलर (₹17,097 करोड़) के कुल बिल में से 500 मिलियन डॉलर (₹4,274 करोड़) अभी भी बकाया है।

मुख्य बिंदु: 1. भुगतान और आपूर्ति:
नवंबर 2024 में, अडानी पावर ने बकाया राशि के कारण अपनी बिजली आपूर्ति आधी कर दी थी। हालांकि, मार्च 2025 से मासिक भुगतान शुरू होने के बाद पूरी आपूर्ति फिर से शुरू हो गई। अदानी पावर ने जनवरी-जून 2025 के लिए देरी से भुगतान पर ब्याज में $20 मिलियन (₹170 करोड़) की छूट की भी घोषणा की है, अगर बांग्लादेश अपनी भुगतान प्रतिबद्धताओं को पूरा करता है। 2. बांग्लादेश की आर्थिक स्थिति: रूस-यूक्रेन युद्ध और देश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण बांग्लादेश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण बिजली, कोयला और तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं के आयात में मुश्किलें आ रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से $4.7 बिलियन (₹40,178 करोड़) के बेलआउट के बावजूद, बांग्लादेश ने और अधिक वित्तीय सहायता मांगी है। 3. बातचीत और जांच: कोयले की कीमतों और प्लांट की क्षमता से संबंधित गणनाओं में अंतर के कारण बकाया राशि पर बातचीत चल रही है। बांग्लादेश सरकार ने अदानी पावर सहित अन्य अनुबंधों में पारदर्शिता की कमी के कारण एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। 4. अन्य भारतीय कंपनियों की भूमिका: एनटीपीसी और पीटीसी इंडिया जैसी कंपनियां भी बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति करती हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। वित्तीय और राजनीतिक संकट के संदर्भ में इन अनुबंधों की स्थिरता बनाए रखना महत्वपूर्ण है। भविष्य का पूर्वानुमान:
बांग्लादेश में वित्तीय स्थिति और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अदानी पावर और अन्य भारतीय कंपनियों के साथ अनुबंध की शर्तों पर पुनर्विचार किया जा सकता है। यदि शेष 500 मिलियन डॉलर का भुगतान समय पर किया जाता है, तो बिजली की आपूर्ति स्थिर रह सकती है।

लेख प्रकाशित | Sun | 29 Jun 2025 | 9:00 PM

"वॉरेन बफेट ने 6 बिलियन डॉलर का दान दिया: गेट्स फाउंडेशन और अपने बच्चों को 16 मिलियन शेयर दिए; दो दशकों में 5.13 लाख करोड़ की उदारता"

वॉरेन बफेट ने रिकॉर्ड ₹51,300 करोड़ दान किए
मुख्य बिंदु:
94 वर्षीय वॉरेन बफेट ने गेट्स फाउंडेशन और अपनी चार चैरिटी संस्थाओं को बर्कशायर हैथवे के 6 बिलियन डॉलर (≈₹51,300 करोड़) शेयर दान किए। गेट्स फाउंडेशन को 9.43 मिलियन शेयर, जबकि अपने तीन बच्चों के ट्रस्ट को 19.81 लाख शेयर (≈6.6 लाख शेयर प्रत्येक) दान किए। 2006 से अब तक उनका कुल दान 60 बिलियन डॉलर (≈₹5.13 लाख करोड़) तक पहुँच गया है।

वसीयत योजना:
बफेट ने 2023 में अपनी वसीयत को अपडेट करते हुए घोषणा की कि वह अपनी 99.5% संपत्ति चैरिटेबल ट्रस्ट को देंगे। उनके तीन बच्चे (सूसी 71, हॉवर्ड 70, पीटर 67) 10 वर्षों में फंड वितरित करेंगे और खर्च करने की योजना तैयार करेंगे।

एप्पल में निवेश:
2023 में, बर्कशायर ने एप्पल के 50% शेयर बेचे, जिससे कंपनी का नकद स्टॉक $276.9B (₹23.20 लाख करोड़) हो गया। Q2 2024 तक, एप्पल के पास $84.2B (≈₹7.05 लाख करोड़) के शेयर थे।

बफेट की वर्तमान हिस्सेदारी: उनके पास अभी भी बर्कशायर के 13.8% शेयर हैं। उन्होंने 1965 से कंपनी का नेतृत्व किया है।

यह दान बफेट की "गिविंग प्लेज" का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने अपने जीवनकाल में अपनी अधिकांश संपत्ति दान करने का वादा किया है।

लेख प्रकाशित | Sat | 28 Jun 2025 | 8:49 PM

एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में मिली मंजूरी, जंगलों और पहाड़ों में भी मिलेगा हाई-स्पीड इंटरनेट!

एलन मस्क की स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक सेवा शुरू करने की मंजूरी मिली - जानें लागत, लाभ और चुनौतियां

मुख्य बिंदु:
स्वीकृति मिली: दूरसंचार विभाग ने स्टारलिंक को भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की अनुमति दे दी है।
अंतिम मंजूरी लंबित: अब इसे INSPACE (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र) की मंजूरी का इंतजार रहेगा।
सबसे सस्ता प्लान: शुरुआती ऑफर में ₹840/माह ($10) में अनलिमिटेड इंटरनेट मिलेगा।
प्रतिस्पर्धा: स्टारलिंक को जियो और वनवेब जैसी कंपनियों से मुकाबला करना होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाभ: स्टारलिंक उन क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है जहां फाइबर या मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंचते हैं।

भारत में स्टारलिंक के सामने चुनौतियां
1. सैटेलाइट की सीमित क्षमता:
फिलहाल, 7,000 सैटेलाइट दुनिया भर में 4 मिलियन उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करते हैं। 18,000 उपग्रहों के साथ भी, 2030 तक केवल 1.5 मिलियन भारतीय ग्राहकों को ही सेवा दी जाएगी (IIFL रिसर्च)। अमेरिका और अफ्रीका में नए ग्राहक पंजीकरण पहले ही बंद हो चुके हैं। 2. पारंपरिक इंटरनेट से ज़्यादा महंगा: ट्राई के अनुसार, शहरी उपयोगकर्ताओं से 500 रुपये प्रति माह शुल्क लिया जा सकता है। सैटेलाइट इंटरनेट फाइबर या 5G (जेएम फाइनेंशियल) की तुलना में 7 से 18 गुना ज़्यादा महंगा है। 3. भारत में कम सैटेलाइट कवरेज: दुनिया के कुल सैटेलाइट का केवल 0.70.8% भारत में मौजूद होगा। स्टारलिंक कैसे काम करेगा? सैटेलाइट धरती पर इंटरनेट सिग्नल भेजेंगे। उपयोगकर्ता को मिलेगा:
स्टारलिंक डिश (खुले आसमान के नीचे रखा जाएगा) वाई-फाई राउटर
पावर सप्लाई और माउंटिंग स्टैंड
ऐप के ज़रिए नियंत्रण: ऐप एंड्रॉयड और iOS पर उपलब्ध होगा।


भविष्य की संभावनाएँ
लक्ष्य लंबी अवधि में 10 मिलियन ग्राहकों तक पहुँचना है।
हालाँकि, लागत और प्रौद्योगिकी सीमाएँ एक बड़ी बाधा हो सकती हैं।

लेख प्रकाशित | Fri | 06 Jun 2025 | 10:02 PM

सोने की कीमत 210 रुपये घटकर 95,315 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जबकि चांदी की कीमत 1,000 रुपये घटकर 97,100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

30 मई 2024 को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक:

सोने की कीमतों में बदलाव
24 कैरेट सोने की कीमत: कल यह ₹95,525/10 ग्राम थी, जबकि आज यह ₹210 गिरकर ₹95,315/10 ग्राम हो गई है। 2 महीने पहले (21 अप्रैल) सोने की कीमत अब तक के सबसे ऊंचे स्तर (₹99,100/10 ग्राम) पर पहुंच गई थी।

चांदी की कीमतों में बदलाव
चांदी की कीमत: कल यह ₹98,100/किलोग्राम थी, जबकि आज यह ₹1,000 गिरकर ₹97,100/किलोग्राम हो गई है। 28 मार्च को चांदी की कीमत सर्वकालिक उच्च स्तर (₹1,00,934/किग्रा) पर पहुंच गई।

5 मेट्रो शहरों में सोने की कीमतें (30 मई, 2024)
शहर 22 कैरेट (10 ग्राम) 24 कैरेट (10 ग्राम)
अहमदाबाद ₹87,501 ₹95,525
दिल्ली ₹97,460 ₹89,350
मुंबई ₹97,310 ₹89,200
कोलकाता ₹97,310 ₹89,200
चेन्नई ₹97,310 ₹89,200


(अहमदाबाद के अलावा अन्य शहरों में 22K की कीमत 24K से अधिक दिखाई जाती है, जिसे आम तौर पर खराब माना जाता है डेटा.)

2024 में सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी सोना: 1 जनवरी से ₹19,153/10 ग्राम बढ़कर ₹76,162 से ₹95,315 हो गया। चांदी: ₹11,083/किग्रा बढ़कर ₹86,017 से ₹97,100 हो गया। 2023 में: सोना ₹12,810/10 ग्राम महंगा हो गया।

नोट: कीमतों में बदलाव का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर-रुपया दर और आपूर्ति-मांग की स्थिति है।

लेख प्रकाशित | Fri | 30 May 2025 | 10:18 PM

हिंडनबर्ग-अडानी मामले में पूर्व सेबी प्रमुख माधवी बुच को लोकपाल ने क्लीन चिट दे दी है। लोकपाल ने कहा कि उन्हें बुच के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला।

सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच को हिंडनबर्ग मामले में लोकपाल ने क्लीन चिट दे दी है। लोकपाल (भ्रष्टाचार निरोधक निकाय) ने उनके खिलाफ सभी शिकायतों को खारिज कर दिया है, क्योंकि आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिले। लोकपाल के फैसले के मुख्य बिंदु: 1. अटकलों पर आधारित आरोप: लोकपाल ने कहा कि शिकायतों में लगाए गए आरोप अटकलें, धारणाएं और निराधार हैं। 2. कोई सत्यापित सबूत नहीं: जांच के दौरान कोई प्रामाणिक दस्तावेज या सबूत नहीं मिलने पर शिकायतों को खारिज कर दिया गया। 3. शिकायतकर्ताओं ने सबूत नहीं दिए: लोकपाल ने आलोचना की कि शिकायतकर्ताओं ने इस मामले को एक राजनीतिक आंदोलन के रूप में उठाया था, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं था। माधवी बुच के खिलाफ 5 मुख्य आरोप और लोकपाल का जवाब: 1. अडानी समूह के साथ निवेश: लोकपाल ने कहा कि इसमें कोई अवैध गतिविधि नहीं थी।
2. कंसल्टेंसी फीस के जरिए लेन-देन (एमएंडएम, ब्लैकस्टोन): इन लेन-देन में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।
3. वॉकहार्ट के साथ किराये की आय: आरोपों को बिना सबूत के माना गया।
4. आईसीआईसीआई बैंक के ईएसओपी को बेचकर लाभ: इसे शेयर बाजार में वैध लेनदेन माना गया।
5. एमएंडएम और ब्लैकस्टोन के साथ नाटक करना: इस आरोप को भी निराधार माना गया।


लोकपाल की आलोचना: शिकायतकर्ताओं ने बिना सबूत के आरोप लगाकर लोकपाल की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। ऐसी शिकायतें भ्रष्टाचार विरोधी प्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं और कानूनी कार्रवाई के अधीन हैं।


निष्कर्ष: लोकपाल के इस फैसले के साथ, माधवी बुच को किसी भी भ्रष्टाचार या कदाचार में शामिल हुए बिना निर्दोष घोषित किया गया है। इस निर्णय से हिंडेनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित आरोपों पर आधिकारिक रूप से विराम लग गया है।

लेख प्रकाशित | Wed | 28 May 2025 | 10:06 PM

"सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट: सोना ₹146, चांदी ₹40 गिरा; कैरेट के हिसाब से जानें कीमतें"

आज सोने-चाँदी की कीमतों में गिरावट (मंगलवार, 27 मई 2025)

मुख्य बिंदु: - 24 कैरेट सोने की कीमत: ₹95,667/10 ग्राम (कल से ₹146 कम)।
- चांदी की कीमत: ₹97,357/किलोग्राम (कल से ₹40 कम)।
- अहमदाबाद में 24 कैरेट सोना: ₹98,180/10 ग्राम।


ऐतिहासिक शिखर:
- 21 अप्रैल को सोना ₹99,100/10 ग्राम (सर्वकालिक उच्चतम)।
- 28 मार्च को चांदी ₹1,00,934/किलोग्राम (सर्वकालिक उच्चतम)।


मेट्रो शहरों में सोने की कीमतें (24 कैरेट/10 ग्राम):
शहर | मूल्य (₹)


दिल्ली | 98,280
मुंबई | 98,130
कोलकाता | 98,130
चेन्नई | 98,130


भविष्य के अनुमान:
- सोना 2025 के अंत तक ₹1.10 लाख/10 ग्राम तक पहुंच सकता है (गोल्डमैन के अनुमान के अनुसार)।
- कारण: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध और आर्थिक मंदी की चिंताएं।


सोना खरीदते समय 3 महत्वपूर्ण निर्देश:
1. केवल BIS हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें: - HUID (6-अंकीय अल्फ़ान्यूमेरिक कोड, जैसे AZ4524) की जाँच करें।


2. कीमत और वजन का क्रॉस-सत्यापन करें:
- IBJA जैसे विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करें।
- 24K सोना शुद्ध होता है, लेकिन आभूषण बनाने के लिए 22K या 18K का उपयोग किया जाता है।

3. डिजिटल भुगतान और बिलिंग: - यूपीआई/कार्ड से भुगतान करें, नकदी से बचें।
- यदि ऑनलाइन ऑर्डर कर रहे हैं तो पैकेजिंग की जांच करें।


नोट: आज की तारीख 28 मई 2025 (बुधवार) है, लेकिन लेख में तारीख 27 मई (मंगलवार) दर्शाई गई है। कीमतें प्रतिदिन बदल सकती हैं, इसलिए नवीनतम आंकड़ों के लिए IBJA या स्थानीय जौहरी की वेबसाइट देखें।

लेख प्रकाशित | Tue | 27 May 2025 | 10:14 PM

ट्रम्प ने टिम कुक को धमकी दी: 'आईफोन अमेरिका में बनाएं, भारत में नहीं, वरना 25% टैरिफ का सामना करें'

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को चेतावनी दी है कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन का निर्माण केवल अमेरिका में ही किया जाना चाहिए, भारत या अन्य देशों में नहीं। ट्रम्प ने एप्पल पर 25% टैरिफ लगाने की भी धमकी दी है।

ट्रम्प की मुख्य मांगें: 1. मेड इन अमेरिका: ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन अमेरिका में ही बनने चाहिए, भारत या अन्य देशों में नहीं। 2. टैरिफ का खतरा: यदि एप्पल इस मांग को पूरा नहीं करता है, तो उसे अमेरिका को 25% टैरिफ देना होगा।

एप्पल की वर्तमान स्थिति:
भारत में विनिर्माण: वर्तमान में, अमेरिका में बिकने वाले 50% आईफोन का निर्माण भारत में होता है। टैरिफ लाभ: एप्पल अपना उत्पादन भारत और वियतनाम में स्थानांतरित कर रहा है, क्योंकि चीन की तुलना में वहां टैरिफ कम (10%) है। 2026 तक लक्ष्य: फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक भारत में सालाना 60 मिलियन से अधिक आईफोन का उत्पादन किया जा सकता है।

ट्रम्प की चिंता: ट्रम्प अमेरिका में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना चाहते हैं और उन्होंने चीन तथा भारत जैसे देशों में विनिर्माण पर उच्च शुल्क लगाने की धमकी दी है।

इस प्रकार, उत्पादन और टैरिफ को लेकर एप्पल और ट्रम्प के बीच तनाव है, जो भविष्य में एप्पल की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है।

लेख प्रकाशित | Fri | 23 May 2025 | 10:11 PM

भारत के मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, अजीम प्रेमजी और निखिल कामथ को टाइम पत्रिका द्वारा प्रकाशित "विश्व के 100 परोपकारी व्यक्तियों" की पहली सूची में शामिल किया गया है।

मुकेश अंबानी, नीता अंबानी टाइम पत्रिका की दुनिया के शीर्ष 100 परोपकारी लोगों में शामिल

20 मई, 2025 को टाइम पत्रिका ने अपनी टाइम 100 परोपकारिता 2025 सूची जारी की, जिसमें रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी नीता अंबानी को दुनिया के शीर्ष परोपकारी लोगों में स्थान दिया गया। अंबानी दंपत्ति ने रिलायंस फाउंडेशन के माध्यम से 2024 में ₹407 करोड़ दान किए, जिसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में किया गया है।

सूची में शामिल अन्य भारतीय: अज़ीम प्रेमजी (विप्रो के संस्थापक)
निखिल कामथ (जेरोधा के सह-संस्थापक)
आनंद गिरिधरदास (भारतीय-अमेरिकी लेखक)


सूची की मुख्य श्रेणियां और प्रसिद्ध नाम:
1. टाइटंस: मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, अजीम प्रेमजी, डेविड बेकहम, वॉरेन बफेट।
2. नेता: अलीबाबा के जैक मा, फोर्ड फाउंडेशन के डैरेन वॉकर।
3. ट्रेलब्लेज़र्स: निखिल कामथ, कैथरीन लोरेंज।
4. नवप्रवर्तक: आनंद गिरिधरदास, हेली ली।


अंबानी परिवार का सामाजिक योगदान: 10,000 से अधिक युवाओं को छात्रवृत्ति।
500 से अधिक स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं में सुधार।
20 नये अस्पतालों का निर्माण।
10,000 से अधिक किसानों को टिकाऊ कृषि में प्रशिक्षित किया गया।
1 लाख से अधिक महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण।


वैश्विक संपत्ति में अंबानी परिवार की स्थिति:
ब्लूमबर्ग की सूची के अनुसार, 8.45 लाख करोड़ रुपये की कुल संपत्ति के साथ यह दुनिया के शीर्ष 25 सबसे अमीर परिवारों में 8वें स्थान पर है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (₹25.75 ट्रिलियन) के 10% के बराबर संपत्ति।

टाइम 100 परोपकार सूची में 28 देशों के लोग शामिल हैं और परोपकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है। यह चयन टाइम के संपादकों, पत्रकारों और विशेषज्ञों द्वारा किया गया।

— टाइम पत्रिका और ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर आधारित

लेख प्रकाशित | Wed | 21 May 2025 | 10:15 PM

"सेंसेक्स 873 अंक गिरकर 81,186 पर, निफ्टी 262 अंक गिरा; ऑटो-रियल्टी शेयरों में भारी बिकवाली, बोरा का आईपीओ खुले बाजार में"

शेयर बाजार अपडेट: 20 मई 2024
प्रमुख सूचकांकों में गिरावट
सेंसेक्स: 873 अंक (1.06%) की गिरावट के साथ 81,186 पर बंद हुआ।
निफ्टी: 262 अंक (1.05%) नीचे 24,684 पर बंद हुआ।


स्टॉक प्रदर्शन
सेंसेक्स: 30 में से 27 शेयर लाल, 3 हरे।
ज़ोमैटो (4.10%), मारुति, अल्ट्राटेक सीमेंट (2.8% की गिरावट)। टाटा स्टील में मामूली वृद्धि देखी गई।
निफ्टी: 50 में से 42 शेयरों में गिरावट। ऑटो (2.17%), हेल्थकेयर (1.41%), रियल्टी (1.11%), मीडिया/फार्मा (1.36%)।

वैश्विक बाजार
एशिया: निक्केई (+0.5% 37,700 पर), कोस्पी (+0.3% 2,610 पर)। हैंग सेंग (23,630 पर +1.3%), शंघाई कंपोजिट (3,380 पर +0.38%)। अमेरिका (19 मई): डॉव जोन्स (+0.32%), नैस्डैक/एस&पी 500 सपाट।

एफआईआई/डीआईआई गतिविधि
19 मई: एफआईआई: रु. शुद्ध बिक्री रु. 529.95 करोड़ रु.
डीआईआई: रु. शुद्ध बिक्री रु. 237.93 करोड़ रु.
मई 2024 (अब तक):

एफआईआई: रु. 23,256.69 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी हुई।
डीआईआई: रु. 23,060.62 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी हुई।
अप्रैल की तुलना:
एफआईआई: +रु. 2,735.02 करोड़, डीआईआई: +रु. 28,228.45 करोड़ रु.

आईपीओ अपडेट: बोराना वीव्स लिमिटेड सदस्यता अवधि: 20-22 मई। लिस्टिंग तिथि: 27 मई (बीएसई/एनएसई)। लक्ष्य: रु. 145 करोड़ (67 लाख नये शेयर, कोई ओएफएस नहीं)।

कल (19 मई) की स्थिति सेंसेक्स: 271 अंक (82,059), निफ्टी: 74 अंक (24,945)। क्षेत्रीय प्रदर्शन: आईटी (1.37%), रियल्टी (+2.23%), पीएसयू बैंक (+1.48%)।

टिप्पणी आज शेयर बाजार में तीव्र गिरावट देखी गई, जो एफआईआई की बिकवाली और वैश्विक अनिश्चितता के प्रभाव को दर्शाती है। मई में एफआईआई/डीआईआई खरीदारी में संतुलन है। बोराना वीव्स आईपीओ निवेशकों के लिए नए अवसर लेकर आया है।

लेख प्रकाशित | Tue | 20 May 2025 | 9:50 PM

इस साल जनवरी से अब तक 17,623 रुपए महंगा हो चुका सोना: सोने-चांदी की चमक बढ़ी, एक दिन में सोना 1484 और चांदी 1149 रुपए महंगी हुई

सोने और चांदी की कीमतों में उछाल: 19 मई के अपडेट
19 मई को सोने और चांदी की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार:
24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,484 बढ़कर ₹93,785 (10 ग्राम) हो गई है (पहले: ₹92,301)। चांदी की कीमत ₹1,149 बढ़कर ₹95,755 (किलोग्राम) हो गई (पहले: ₹94,606)।
ऐतिहासिक शीर्ष तुलना: 21 अप्रैल को सोने की कीमत ₹99,100 (10 ग्राम) तक पहुंच गई। 28 मार्च को चांदी 1,00,934 रुपये (किलोग्राम) के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

कैरेट और शहरवार कीमत (19 मई):
कैरेट मूल्य (10 ग्राम)
24K ₹93,785
22K ₹87,700 (दिल्ली)
20K ₹85,907
18K ₹70,339


प्रमुख शहरों में 22K और 24K सोने की कीमतें:
दिल्ली: 22K – ₹87,700 24K – ₹95,660
मुंबई/कोलकाता/चेन्नई: 22K – ₹87,550 24K – ₹95,510
भोपाल: 22K – ₹87,600 24K – ₹95,560


2024 में मूल्य वृद्धि: सोना: 1 जनवरी से अब तक ₹17,457 बढ़कर ₹93,619/10 ग्राम हो गया (पहले: ₹76,162)। चांदी: ₹9,233 बढ़कर ₹95,250/किलोग्राम (पहले: ₹86,017)। 2023 में सोना ₹12,810 महंगा हो जाएगा।

भविष्य के अनुमान:
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, यदि अंतर्राष्ट्रीय मूल्य 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाता है तो भारत में सोने की कीमत 1.10 लाख रुपये (10 ग्राम) तक बढ़ सकती है।

सुझाव:
केवल हॉलमार्क वाला सोना खरीदें: बीआईएस प्रमाणित हॉलमार्क (6 अंकों वाला HUID, जैसे AZ4524) सोने की शुद्धता सुनिश्चित करता है।
नोट: कीमतें बदल सकती हैं, इसलिए खरीदने से पहले स्थानीय जौहरियों से जांच लें।

लेख प्रकाशित | Mon | 19 May 2025 | 10:20 PM

जापानी कंपनी SMBC यस बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीद सकती है: SBI, HDFC और अन्य बैंक बेचेंगे अपनी हिस्सेदारी; कंपनी के शेयरों में 10% की वृद्धि हुई।

जापानी कंपनी सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एसएमबीसी) भारत के निजी बैंक यस बैंक में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने की योजना बना रही है। इसके लिए एसएमबीसी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ बातचीत शुरू कर दी है, क्योंकि एसबीआई के पास यस बैंक में 23.97% हिस्सेदारी है।

प्रमुख बिंदु: 1.एसबीआई से 20% हिस्सेदारी खरीदने की योजना: एसएमबीसी एसबीआई से 20% हिस्सेदारी खरीद सकता है तथा अन्य शेयरधारकों से अतिरिक्त 67% हिस्सेदारी खरीद सकता है। अंततः, वह 51% हिस्सेदारी हासिल करने के लिए खुली पेशकश लाएगी। यदि यह सौदा हो जाता है तो यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में सबसे बड़े सौदों में से एक होगा।

2. अन्य शेयरधारक भी शेयर बेच सकते हैं: एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक जैसी संस्थाओं के पास 7.36% हिस्सेदारी है, जिसे एसएमबीसी को बेचा जा सकता है। एडवेंट (9.2%) और कार्लाइल (6.84%) भी खुली पेशकश में भाग ले सकते हैं। एलआईसी की हिस्सेदारी 3.98% है, जो इस सौदे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

3. शेयर बाजार में तेजी: इस सौदे की खबर से यस बैंक के शेयरों में 10% का उछाल आया। यह स्टॉक फिलहाल ₹18 के आसपास कारोबार कर रहा है और इसने 1 महीने में 7% का रिटर्न दिया है।

4. 2023 में भी डील की कोशिश हुई: एसएमबीसी यस बैंक में 51% वोटिंग अधिकार हासिल करना चाहता था, लेकिन भारतीय नियमों (अधिकतम 26% वोटिंग कैप) के कारण यह सौदा नहीं हो सका। अब एसएमबीसी 26% मतदान अधिकार से संतुष्ट हो जाएगी, लेकिन वह बोर्ड में अपने स्वयं के निदेशकों की नियुक्ति करके प्रबंधन पर नियंत्रण हासिल करना चाहती है।

5. यस बैंक क्षेत्र: 1,200+ शाखाएँ, 1,300+ एटीएम और 8.2 मिलियन से अधिक ग्राहक। संस्थापक: राणा कपूर (2004 में स्थापित)। वर्तमान एमडी और सीईओ: प्रशांत कुमार।

यदि यह सौदा सफल होता है, तो यह भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक बड़ी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) घटना हो सकती है।

लेख प्रकाशित | Tue | 06 May 2025 | 8:20 PM

पिछले एक साल में सोने की कीमतों में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है, जो 2,700 रुपये से नीचे गिरकर 95,784 रुपये प्रति ट्रॉय औंस (10 ग्राम) पर आ गई। चांदी की कीमत बढ़कर 96,115 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है।

सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट: 23 अप्रैल, 2024 को अपडेट
सोने की कीमतों में भारी गिरावट 24 कैरेट सोने की कीमत ₹2,700 गिरकर ₹95,784 (10 ग्राम) हो गई है (पहले: ₹98,484)। पिछले एक साल में यह दूसरी सबसे बड़ी गिरावट है। कल (22 अप्रैल) भोपाल-इंदौर में सोना जीएसटी समेत 1 लाख रुपए/10 ग्राम पर पहुंच गया।

चांदी की कीमत में वृद्धि चांदी 508 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 96,115 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई (28 मार्च को सर्वकालिक उच्चतम स्तर: 1,00,934 रुपये)।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम) शहर 22 कैरेट (₹) 24 कैरेट (₹)
दिल्ली 90,100 98,300
मुंबई 90,150 98,350
कोलकाता 90,150 98,350
चेन्नई 90,150 98,350
भोपाल 90,200 98,400


2024 में सोने और चांदी का प्रदर्शन सोना: 1 जनवरी से ₹19,662/10 ग्राम की वृद्धि (₹76,162 → ₹95,784)। चांदी: ₹10,098/किलोग्राम की वृद्धि (₹86,017 → ₹96,115)। 2023 में सोना ₹12,810 महंगा हो जाएगा।

अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) और शॉपिंग टिप्स शुभ मुहूर्त: 30 अप्रैल को सोना खरीदने की परंपरा।

सुरक्षित खरीदारी के लिए 3 सुझाव: 1. बीआईएस हॉलमार्क की जांच करें: 6 अंकों वाले HUID कोड (जैसे, AZ4524) से शुद्धता की पुष्टि करें।
2. कीमतों की तुलना करें: IBJA जैसे स्रोतों से 24K, 22K, 18K की कीमतें देखें।
3. डिजिटल भुगतान और बिल: नकदी के बजाय यूपीआई/कार्ड का उपयोग करें, बिल लेना न भूलें।

लेख प्रकाशित | Wed | 23 Apr 2025 | 9:21 PM

HDFC ने FD की ब्याज दरों में किया बदलाव: अब जमा पर मिलेगा 7.55% तक ब्याज, देखें नई ब्याज दरें

आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती के मद्देनजर एचडीएफसी बैंक ने अन्य प्रमुख बैंकों (जैसे एसबीआई और बीओआई) की तर्ज पर अपनी सावधि जमा (एफडी) योजनाओं पर ब्याज दरें कम कर दी हैं। यदि आप एफडी में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं, तो निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:

1. एचडीएफसी बैंक की नई एफडी दरें (3 करोड़ रुपये से कम की राशि के लिए)
सामान्य नागरिक: 3% से 7.05% (अवधि और राशि पर निर्भर करता है)।
वरिष्ठ नागरिक: 3.50% से 7.55% (0.5% अधिक)।


2. अन्य बैंकों से तुलना
एसबीआई: 1 वर्ष की एफडी पर 6.70% (सामान्य)।
बीओआई: 1 वर्ष की एफडी पर 7.05% (सामान्य)।
वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर 0.25–0.50% अधिक मिलता है।


3. FD में निवेश करते समय ध्यान रखने योग्य बातें अवधि चयन: अवधि-पूर्व निकासी पर 1% तक का जुर्माना लग सकता है। निवेश विविधीकरण: एक ही बैंक में बड़ी राशि की एकल FD करने के बजाय, टुकड़ों में अलग-अलग अवधि की कई FD करें। ऐसा करने से आपदा के समय केवल आवश्यक एफडी ही तुड़वानी पड़ेगी। कर बचत: 5-वर्षीय कर बचत FD (80C) के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ उठाया जा सकता है।

4. क्या अभी FD करना उचित है? यदि आप लंबी अवधि (5+ वर्ष) के लिए सुरक्षित निवेश चाहते हैं तो एफडी उपयुक्त है। अल्पावधि के लिए, लिक्विड फंड या ट्रेजरी बिल अधिक रिटर्न दे सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.55% जैसी दरें अभी भी आकर्षक हैं।

5. वैकल्पिक निवेश विकल्प ऋण निधि/बांड: आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की स्थिति में उपयुक्त। डाकघर एफडी/वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस): सरकारी गारंटी के साथ अधिक सुरक्षित।

निष्कर्ष: एचडीएफसी, एसबीआई और बीओआई की एफडी दरें कम हो गई हैं, लेकिन वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7%+ दरें अभी भी उपलब्ध हैं। निवेश करने से पहले अवधि, दंड और कर लाभ का मूल्यांकन करें। यदि आप अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो एफडी के अलावा अन्य विकल्पों (जैसे म्यूचुअल फंड) पर विचार करें।

अपनी वित्तीय स्थिति के लिए सही निर्णय लेने के लिए बैंक/वित्तीय सलाहकार से चर्चा करें।

लेख प्रकाशित | Sun | 20 Apr 2025 | 9:09 PM

सोना सर्वकालिक ऊंचाई पर...: अभी और बढ़ सकती है कीमत, गोल्ड ईटीएफ के जरिए करें निवेश; एक साल में दिया 29% तक रिटर्न

सोने और स्वर्ण ईटीएफ में निवेश के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी का सारांश:
सोने की कीमतों में हालिया वृद्धि: सोने की कीमत 85,207 रुपये प्रति 10 ग्राम (सर्वकालिक उच्चतम) पर पहुंच गई है। 31 दिसंबर 2023 को 76,162 रुपये की तुलना में इसमें 19,045 रुपये की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2024 के अंत तक इसकी कीमत 1.10 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।

गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) के बारे में: 1. गोल्ड ईटीएफ क्या है? इलेक्ट्रॉनिक रूप में सोने में निवेश (1 इकाई = 1 ग्राम शुद्ध सोना)। इसका कारोबार स्टॉक की तरह बीएसई/एनएसई पर होता है, लेकिन भौतिक सोना उपलब्ध नहीं होता।

2. 5 मुख्य लाभ: छोटी मात्रा में निवेश करें: 1 ग्राम से शुरू करें (एसआईपी भी संभव है)। शुद्धता आश्वासन: 99.5% शुद्ध सोना (एलबीएमए मानक)। कम लागत: कोई निर्माण शुल्क (8-30%) और भंडारण लागत नहीं। सुरक्षित: डीमैट खाता सुरक्षित, चोरी का कोई डर नहीं। तरलता: तत्काल बिक्री या ऋण के लिए गिरवी रखने की क्षमता।

3. निवेश कैसे करें? डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलें। एनएसई/बीएसई पर उपलब्ध गोल्ड ईटीएफ यूनिट खरीदें। ऑर्डर पूरा होने पर, इसे 2 दिनों के भीतर डीमैट खाते में जमा कर दिया जाता है।

अनुभवी सलाह: अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखें: अपने कुल निवेश का केवल 10-15% ही सोने में रखें। अल्पावधि बनाम दीर्घावधि: सोना स्थिरता प्रदान करता है, लेकिन दीर्घावधि में रिटर्न शेयरों की तुलना में कम हो सकता है।

सारांश: गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने का एक शुद्ध, सुविधाजनक और लागत प्रभावी निवेश विकल्प है। हालाँकि, निवेश का विविधीकरण आवश्यक है।

> नोट: गोल्ड ईटीएफ का मूल्य सोने की कीमत में परिवर्तन पर आधारित है। बाजार की अनिश्चितता और अंतर्राष्ट्रीय कारक (जैसे डॉलर का मूल्य, युद्ध) सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं।

लेख प्रकाशित | Fri | 18 Apr 2025 | 9:32 PM

सोने ने बनाया नया रिकॉर्ड, पहली बार 94 हजार के पार: इस साल ₹18,327 महंगा हो चुका है, साल के अंत तक ₹1.10 लाख तक पहुंच सकता है सोना

सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि: 16 अप्रैल, 2025 तक का अपडेट
सोने की कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि: इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,387 बढ़कर ₹94,489 (पहले ₹93,102) हो गई है। चांदी की कीमत भी 373 रुपए बढ़कर 95,403 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई।
प्रति कैरेट कीमत (10 ग्राम):
24 कैरेट: ₹94,489
22 कैरेट: ₹86,552
18 कैरेट: ₹70,867


सोने में बढ़ोतरी के 3 मुख्य कारण: 1. व्यापार युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव और डॉलर की मजबूती के कारण सोने की मांग बढ़ी। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ (4% की गिरावट), जिससे आयातित सोना महंगा हो गया।
2. शादी का मौसम और आभूषणों की मांग: मुंबई, दिल्ली और चेन्नई जैसे शहरों में ज्वैलर्स ने ऊंची कीमतों के बावजूद बिक्री में उछाल देखा।
3. सोना एक सुरक्षित निवेश है: मंदी के डर से लोग सोने में निवेश कर रहे हैं।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम):
सिटी 22 कैरेट (₹) 24 कैरेट (₹)
दिल्ली 88,300 96,320
मुंबई 88,150 95,180
कोलकाता 88,150 96,170
चेन्नई 88,150 96,170
भोपाल 88,200 96,220


भविष्य के अनुमान:
गोल्डमैन के अनुमान के अनुसार, यदि अंतर्राष्ट्रीय कीमत 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच जाती है, तो भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत 1.10 लाख रुपये हो सकती है।
2025 में अब तक की वृद्धि: सोना: ₹76,162 (1 जनवरी) → ₹94,489 (₹18,327 ऊपर)
चांदी: ₹86,017 → ₹95,403 (₹9,386 की वृद्धि)


सोना खरीदते समय 3 सुझाव: 1. बीआईएस हॉलमार्क की जांच करें: केवल 6-अंकीय HUID कोड (जैसे, AZ4524) वाला प्रमाणित सोना ही खरीदें।
2. कीमत और वजन जांचें: IBJA जैसे स्रोतों से कीमतों की तुलना करें। 24K शुद्ध है, लेकिन आभूषण 22K/18K में भी बनाये जा सकते हैं।
3. डिजिटल भुगतान और बिल लेना: यूपीआई/कार्ड से भुगतान करें और गारंटी बिल अवश्य मांगें।
निष्कर्ष: आर्थिक अनिश्चितता और शादी के मौसम ने सोने की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। निवेश करने से पहले ईमानदारी और मूल्य की तुलना आवश्यक है।

लेख प्रकाशित | Wed | 16 Apr 2025 | 8:45 PM

"SBI ने घटाई FD की ब्याज दरें: अब 1 साल की FD पर मिलेगा सिर्फ 6.70% ब्याज, जानें नई दरें"

एसबीआई और अन्य बैंकों की एफडी ब्याज दरों में कमी (15 अप्रैल, 2024 से प्रभावी):
1.एसबीआई की एफडी दरें घटीं
1 वर्ष एफडी: 6.70% (0.20% कटौती)
अमृत ​​वृष्टि योजना (444 दिन):
साधारण नागरिक: 7.05%
वरिष्ठ नागरिक: 7.55% सुपर वरिष्ठ नागरिक: 7.65%
वीकेयर प्लान (5 वर्ष + एफडी):
वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.50% (सामान्य जनता से 1% अधिक)।

2. केनरा बैंक की नई FD दरें: 1 वर्ष: 6.85%
2 वर्ष: 7.15%
3 वर्ष: 7.20%
5 वर्ष: 6.70%
444 दिन की FD: 7.25%

3. कोटक महिंद्रा बैंक एफडी दरें: 1 वर्ष: 7.10%
2 वर्ष: 7.15%
3 वर्ष: 7.00%
5 वर्ष: 6.20%

कारण: आरबीआई द्वारा रेपो दर में कटौती (वर्तमान में 6.50%) के बाद बैंक एफडी दरों में कमी कर रहे हैं। बाजार में तरलता बढ़ने के कारण बैंकों को एफडी पर कम ब्याज देना पड़ रहा है।

सलाह: यदि आप अधिक ब्याज दर चाहते हैं, तो आप कोटक बैंक (7.10%) या केनरा बैंक (6.85%) से एफडी चुन सकते हैं। एसबीआई की वीकेयर (7.50%) या अमृत वृष्टि (7.65%) योजना वरिष्ठ नागरिकों के लिए फायदेमंद है।

टिप: FD करने से पहले सभी बैंकों की नवीनतम ब्याज दरें और कर बचत सुविधाएं (जैसे 5 वर्षीय टैक्ससेवर FD) जांच लें।

लेख प्रकाशित | Mon | 14 Apr 2025 | 10:00 PM

पेट्रोल-डीजल पर 15 रुपए प्रति लीटर तक का मुनाफा: कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर, तेल कंपनियों का ऐतिहासिक मुनाफा

पेट्रोल-डीजल पर 15 रुपए प्रति लीटर तक का मुनाफा: कच्चे तेल की कीमतें चार साल के निचले स्तर पर, तेल कंपनियों का ऐतिहासिक मुनाफा

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जो चार वर्षों में अपने निम्नतम स्तर पर पहुंच गई है। इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की उत्पादन लागत कम हो गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में कोई कमी नहीं होने से तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) प्रति लीटर 15 रुपये तक का मुनाफा कमा रही हैं।

मुख्य कारण: 1. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें (ब्रेंट) 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं, जो 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है। भारत के कच्चे तेल के आयात बिल में कमी से तेल विपणन कंपनियों के खरीद मूल्य में कमी आई है।

2. खुदरा कीमतें स्थिर रखने के लिए: केंद्र सरकार और ओएमसी (इंडियन ऑयल, बीपीसीएल, एचपीसीएल) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी नहीं की, जिसके कारण मार्जिन में वृद्धि हुई। डीजल पर लाभ 1015 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 812 रुपये प्रति लीटर है।

3. ऐतिहासिक लाभ: तेल कम्पनियाँ वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में रिकॉर्ड मुनाफा दर्ज कर सकती हैं, क्योंकि कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद बिक्री कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

भविष्य पर प्रभाव: यदि कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो तेल विपणन कंपनियां कीमतें बढ़ा सकती हैं। यदि सरकार उत्पाद शुल्क में बदलाव नहीं करती है तो उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिलेगा।

निष्कर्ष: तेल कंपनियां आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि कच्चे तेल में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है।

लेख प्रकाशित | Sun | 13 Apr 2025 | 9:51 PM

शेयर बाजार में बड़ा उछाल, सेंसेक्स 1400 अंक चढ़ा: 75200 के पार, निफ्टी में 450 अंकों से ज्यादा की तेजी; फार्मा और मेटल शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल

आज (11 अप्रैल 2024) भारतीय शेयर बाजार में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है:
सेंसेक्स 1,400 अंक चढ़कर 75,200 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी 450+ अंक चढ़कर 22,850 पर पहुंच गया है। एनएसई पर 50 में से 46 शेयर नुकसान में हैं। सर्वाधिक तेजी: फार्मा (+3.02%), धातु (+2.71%), हेल्थकेयर (+2.33%), ऑटो (+1.78%), और रियल्टी (+1.37%)।

📈 तेजी के मुख्य कारण: 1. अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी: 9 अप्रैल को अमेरिका द्वारा चीन के अलावा अन्य देशों पर टैरिफ स्थगित करने के बाद वैश्विक बाजारों में सुधार हुआ। 2. एशियाई बाजारों की सकारात्मक शुरुआत: 10 अप्रैल को एशियाई सूचकांक में 10% तक की उछाल दिखी। 3. चूंकि गुरुवार को बाजार बंद रहता है: महावीर जयंती के कारण कल (10 अप्रैल) जारी तेजी को आज भारतीय बाजार ने पकड़ लिया।

🌍 वैश्विक बाजार स्थिति: अमेरिका में भारी गिरावट: डॉव जोन्स (2.50%), नैस्डैक (4.31%), एसएंडपी 500 (3.46%)। एशिया में मिश्रित प्रदर्शन: निक्केई (4.22%), कोस्पी (1.15%), शंघाई (0.14%), हैंग सेंग (0.34%)।

💰 एफआईआई/डीआईआई गतिविधि: 9 अप्रैल को एफआईआई ने ₹4,358 करोड़ मूल्य के शेयर बेचे, जबकि डीआईआई ने ₹2,976 करोड़ मूल्य के शेयर खरीदे।

⏳ पिछले सत्र की स्थिति: 9 अप्रैल को सेंसेक्स 380 अंक (73,847) और निफ्टी 137 अंक (22,399) ऊपर बंद हुआ। पीएसयू बैंक (2.52%), आईटी (2.19%), और फार्मा (1.97%) सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
नोट: आज की तेजी वैश्विक रुझान के विपरीत है, जो भारतीय बाजार के लचीलेपन को दर्शाता है।

लेख प्रकाशित | Fri | 11 Apr 2025 | 10:10 AM

भारत से अमेरिका भेजे गए आईफोन से भरे 5 विमान: टैरिफ से बचने के लिए एप्पल ने शिपमेंट रोका; कंपनी भारत में उत्पादन बढ़ाएगी।

टैरिफ से बचने के लिए एप्पल ने भारत से आईफोन निर्यात में तेजी लाई
मार्च के अंतिम सप्ताह में एप्पल ने मात्र 3 दिनों में भारत से आईफोन और अन्य उत्पादों से भरे 5 विमान अमेरिका भेजे। ये शिपमेंट, जो इस सख्त समय-सीमा के भीतर किए गए थे, का उद्देश्य अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ से बचना था।

प्रमुख बिंदु: 1. कीमतें स्थिर रखने की योजना: टैरिफ के प्रभाव के बावजूद, एप्पल की भारत और अन्य बाजारों में उत्पाद की कीमतें बढ़ाने की तत्काल कोई योजना नहीं है। इन शिपमेंट से कंपनी को मौजूदा कीमतें बनाए रखने में मदद मिलेगी।

2. टैरिफ का प्रभाव: वर्तमान में 10% टैरिफ लागू है, लेकिन 9 अप्रैल से अमेरिका भारतीय उत्पादों पर 26% और चीनी उत्पादों पर 104% टैरिफ लगाएगा। इस वजह से एप्पल के लिए चीन की तुलना में भारत से निर्यात करना अधिक लाभदायक होगा।

3. भारत में उत्पादन बढ़ाना: एप्पल पहले से ही भारत में कुछ आईफोन मॉडल का निर्माण कर रहा है और टैरिफ के प्रभाव से बचने के लिए वह भारतीय इकाइयों से निर्यात बढ़ा सकता है। कंपनी लंबे समय से भारत जैसे वैकल्पिक विनिर्माण केंद्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे चीन पर उसकी निर्भरता कम हो रही है।

4. पीएलआई योजना के लाभ: एप्पल के तीन अनुबंध निर्माता (फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन) भारत सरकार की ₹41,000 करोड़ की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना में शामिल हैं। 2020 में शुरू हुई इस योजना से भारत में आईफोन उत्पादन को बढ़ावा मिला है।

भविष्य के दिशानिर्देश: भू-राजनीतिक तनाव और COVID19 के बाद, Apple ने चीन के बाहर आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण पर जोर दिया है। टैरिफ वृद्धि से एप्पल को भारत में विनिर्माण का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिसमें मेक इन इंडिया और पीएलआई जैसी योजनाएं सहायक होंगी।

निष्कर्ष: टैरिफ युद्ध और आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों के कारण, एप्पल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत जैसे वैकल्पिक विनिर्माण केंद्रों की ओर रुख कर रही हैं, जिससे भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिल रही है।

लेख प्रकाशित | Wed | 09 Apr 2025 | 9:42 PM

प्रत्यारोपित गर्भाशय से जन्मा ब्रिटेन का पहला बच्चा: ग्रेस डेविडसन की सफलता की कहानी
ऑक्सफोर्ड: ब्रिटेन में इतिहास रच दिया गया है! 36 वर्षीय ग्रेस डेविडसन ने प्रत्यारोपित गर्भाशय से एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया है। ग्रेस का जन्म गर्भाशय के बिना हुआ था, लेकिन अपनी बड़ी बहन एमी पारडी द्वारा दान किये गए गर्भाशय की बदौलत वह अब मां बनने में सक्षम हो गयी। यह ब्रिटेन की पहली और विश्व की 65वीं सफल गर्भाशय प्रत्यारोपण प्रक्रिया की कहानी है।

पहली बार मातृत्व की लालसा ग्रेस ने 2018 में मां बनने की इच्छा जताई थी। शुरुआत में उनकी मां ने गर्भाशय दान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन मेडिकल जांच से पता चला कि यह संभव नहीं है। तभी, ग्रेस की 37 वर्षीय बड़ी बहन एमी आगे आई और बोली, "अगर मेरी बहन मां बन सकती है, तो मेरा गर्भाशय ले लो!" एमी पहले से ही दो बच्चों की मां थीं और उन्होंने इस दान को अपने "जीवन का सबसे महत्वपूर्ण उपहार" बताया।

17 घंटे की ऐतिहासिक सर्जरी फरवरी 2023 में 30 डॉक्टरों की एक टीम ने ऑक्सफोर्ड के चर्चिल अस्पताल में 17 घंटे का आपातकालीन ऑपरेशन किया। डॉ. इसाबेल क्विरोगा के नेतृत्व में, एमी के गर्भाशय को सावधानीपूर्वक निकाला गया और ग्रेस के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। कोविड-19 के कारण यह ऑपरेशन 2019 से स्थगित कर दिया गया था। ऑपरेशन के बाद ग्रेस को पहली बार मासिक धर्म आया, जो गर्भाशय की सफलता का संकेत था।

आईवीएफ और सफल गर्भावस्था गर्भाशय प्रत्यारोपण के बाद, ग्रेस और उनके पति एंगस ने आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया अपनाई। ग्रेस पहले प्रयास में ही गर्भवती हो गई और फरवरी 2025 में उसने 7 पाउंड की स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। दानकर्ता बहन के सम्मान में बच्ची का नाम "एमी" रखा गया। ग्रेस की योजना अब दूसरा बच्चा पैदा करने की है, जिसके बाद गर्भाशय को शरीर से निकाल दिया जाएगा।

गर्भाशय प्रत्यारोपण: एक वैश्विक संदर्भ पहली सफलता: स्वीडन में प्रत्यारोपित गर्भाशय से पहला बच्चा 2014 में पैदा हुआ। विश्वव्यापी आंकड़े: 12 देशों में 135 से अधिक प्रत्यारोपण, जिनमें से 65 सफल जन्म (लगभग 50% सफलता दर) रहे। भारत का योगदान: भारत का पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण 2018 में मुंबई में किया गया था।

दाता और प्राप्तकर्ता की चिंताएँ दाता के लिए जोखिम: गर्भाशय दान एक कठिन सर्जरी है। दाता को लम्बी अवधि तक ठीक होने और संभावित जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। प्रतिरक्षादमनकारी: ग्रेस को अपने शरीर को नए गर्भाशय को अस्वीकार करने से रोकने के लिए जीवन भर दवाइयां लेनी होंगी। मानसिक तैयारी: दोनों बहनों को ऑपरेशन से पहले काउंसलिंग दी गई, जिसमें शारीरिक और भावनात्मक जोखिमों पर चर्चा की गई।

एमी पारडी की भूमिका एमी ने इस दान को "अपने जीवन का सबसे अच्छा निर्णय" बताया। उन्होंने कहा, "अपनी बहन को मां बनते देखना मेरे लिए अमूल्य है। यह गर्भ अब उसके लिए अधिक उपयोगी है।"

भविष्य के दिशानिर्देश गर्भाशय प्रत्यारोपण अब गर्भाशय संबंधी बांझपन से पीड़ित महिलाओं के लिए आशा की किरण बन रहा है। हालाँकि, यह प्रक्रिया अभी भी प्रायोगिक मानी जाती है और केवल कुछ विशेष अस्पतालों में ही उपलब्ध है। वैज्ञानिक अब जीवित दाताओं पर निर्भरता कम करने के लिए मृत दाताओं से गर्भाशय प्रत्यारोपण पर भी शोध कर रहे हैं।
निष्कर्ष: ग्रेस और एमी की यह वीरतापूर्ण कहानी मानवता, विज्ञान और पारिवारिक प्रेम का अद्भुत संयोजन है। यह सफलता हर उस महिला के लिए आशा है जो प्राकृतिक रूप से मां नहीं बन सकती।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) की सफलता के 10 वर्ष: मुख्य तथ्य और प्रभाव
1. योजना का परिचय एवं महत्व 8 अप्रैल, 2025 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) अपनी सफलता के 10 वर्ष पूरे कर लेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाभार्थियों से बातचीत में कहा कि इस योजना ने भारत के लोगों को "सम्मान, स्वाभिमान और अवसर" प्रदान करके उनकी उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित किया है। 2015 में शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म और लघु व्यवसायों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाना है।

2. प्रमुख आंकड़े और उपलब्धियां ऋण वितरण: पिछले 10 वर्षों में 52 करोड़ ऋण खाते खोले गए और 32.61 लाख करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए गए। महिला सशक्तिकरण: कुल लाभार्थियों में से 68% महिलाएं हैं। वित्त वर्ष 2016 से वित्त वर्ष 2025 तक महिलाओं के लिए औसत ऋण राशि 13% CAGR से बढ़कर ₹62,679 हो गई और जमा राशि 14% CAGR से बढ़कर ₹95,269 हो गई। सामाजिक समावेशन: 50% लाभार्थी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग से हैं।

3. ऋण के प्रकार और विशेषताएं
बाल ऋण: ₹50,000 तक।
किशोर ऋण: ₹50,001 से ₹5 लाख तक।
युवा ऋण: ₹5 लाख से ₹10 लाख तक।
लाभ: किसी गारंटी की आवश्यकता नहीं, कृषि गतिविधियों, परिवहन, सेवा क्षेत्र जैसे व्यवसायों को कवर करता है।

4. क्षेत्रीय प्रभाव जम्मू और कश्मीर: 20.7 लाख ऋण स्वीकृत। ग्रामीण एवं छोटे शहर: लघु उद्योगों के विस्तार से रोजगार सृजन में वृद्धि। एसकेओसीएच रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से हर साल 25.2 मिलियन नई नौकरियां पैदा हुई हैं।

5. अंतर्राष्ट्रीय ख्याति और भविष्य आईएमएफ (2024) ने कहा कि पीएमएमवाई जैसी योजनाओं ने भारत में महिलाओं के स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण को गति दी है। प्रतिशत वृद्धि: किशोर ऋणों का उपयोग वित्त वर्ष 2016 में 5.9% से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 44.7% हो गया है, जो उद्योगों के विस्तार को दर्शाता है।

निष्कर्ष: मुद्रा योजना ने भारत के आर्थिक लोकतंत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। यह योजना महिलाओं, ग्रामीण क्षेत्रों और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाकर "सबका साथ सबका विकास" के लक्ष्य को साकार करती है।

लेख प्रकाशित | Tue | 08 Apr 2025 | 9:37 PM


17 घंटे की ऐतिहासिक सर्जरी फरवरी 2023 में 30 डॉक्टरों की एक टीम ने ऑक्सफोर्ड के चर्चिल अस्पताल में 17 घंटे का आपातकालीन ऑपरेशन किया। डॉ. इसाबेल क्विरोगा के नेतृत्व में, एमी के गर्भाशय को सावधानीपूर्वक निकाला गया और ग्रेस के शरीर में प्रत्यारोपित किया गया। कोविड-19 के कारण यह ऑपरेशन 2019 से स्थगित कर दिया गया था। ऑपरेशन के बाद ग्रेस को पहली बार मासिक धर्म आया, जो गर्भाशय की सफलता का संकेत था।

आईवीएफ और सफल गर्भावस्था गर्भाशय प्रत्यारोपण के बाद, ग्रेस और उनके पति एंगस ने आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) प्रक्रिया अपनाई। ग्रेस पहले प्रयास में ही गर्भवती हो गई और फरवरी 2025 में उसने 7 पाउंड की स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। दानकर्ता बहन के सम्मान में बच्ची का नाम "एमी" रखा गया। ग्रेस की योजना अब दूसरा बच्चा पैदा करने की है, जिसके बाद गर्भाशय को शरीर से निकाल दिया जाएगा।

गर्भाशय प्रत्यारोपण: एक वैश्विक संदर्भ पहली सफलता: स्वीडन में प्रत्यारोपित गर्भाशय से पहला बच्चा 2014 में पैदा हुआ। विश्वव्यापी आंकड़े: 12 देशों में 135 से अधिक प्रत्यारोपण, जिनमें से 65 सफल जन्म (लगभग 50% सफलता दर) रहे। भारत का योगदान: भारत का पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण 2018 में मुंबई में किया गया था।

दाता और प्राप्तकर्ता की चिंताएँ दाता के लिए जोखिम: गर्भाशय दान एक कठिन सर्जरी है। दाता को लम्बी अवधि तक ठीक होने और संभावित जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। प्रतिरक्षादमनकारी: ग्रेस को अपने शरीर को नए गर्भाशय को अस्वीकार करने से रोकने के लिए जीवन भर दवाइयां लेनी होंगी। मानसिक तैयारी: दोनों बहनों को ऑपरेशन से पहले काउंसलिंग दी गई, जिसमें शारीरिक और भावनात्मक जोखिमों पर चर्चा की गई।

एमी पारडी की भूमिका एमी ने इस दान को "अपने जीवन का सबसे अच्छा निर्णय" बताया। उन्होंने कहा, "अपनी बहन को मां बनते देखना मेरे लिए अमूल्य है। यह गर्भ अब उसके लिए अधिक उपयोगी है।"

भविष्य के दिशानिर्देश गर्भाशय प्रत्यारोपण अब गर्भाशय संबंधी बांझपन से पीड़ित महिलाओं के लिए आशा की किरण बन रहा है। हालाँकि, यह प्रक्रिया अभी भी प्रायोगिक मानी जाती है और केवल कुछ विशेष अस्पतालों में ही उपलब्ध है। वैज्ञानिक अब जीवित दाताओं पर निर्भरता कम करने के लिए मृत दाताओं से गर्भाशय प्रत्यारोपण पर भी शोध कर रहे हैं।
निष्कर्ष: ग्रेस और एमी की यह वीरतापूर्ण कहानी मानवता, विज्ञान और पारिवारिक प्रेम का अद्भुत संयोजन है। यह सफलता हर उस महिला के लिए आशा है जो प्राकृतिक रूप से मां नहीं बन सकती।"/>

अमेरिकी डाउ जोंस 3.5% गिरकर 400 अंक ऊपर चढ़ा: यूरोपीय बाजारों में 4% की गिरावट, व्हाइट हाउस ने टैरिफ प्रतिबंध की खबर को झूठा बताया

अमेरिकी, यूरोपीय और एशियाई शेयर बाजारों में तीव्र गिरावट: मुख्य कारण और प्रभाव
1. अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट - डॉव जोंस 2.27% (870 अंक) गिरकर 37,443 पर आ गया। शुरुआत में यह 3.5% (1,400 अंक) नीचे था। पिछले 3 दिनों में 11% की गिरावट आई है। - एसएंडपी 500 1.43% (72 अंक) गिरकर 5,000 (एक महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर) पर आ गया। - नैस्डैक 1.20% (180 अंक) गिरकर 15,400 पर आ गया। - प्रमुख कंपनियों में कटौती: - एनवीडिया (–7.21%), एप्पल (–6.39%), इंटेल (–6.22%), नाइकी (–5.91%), होम डिपो (–5.63%)।

2. बाजार पूंजीकरण में 6.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान - एसएंडपी 500 का बाजार पूंजीकरण 4 दिनों में 47.68 ट्रिलियन डॉलर से गिरकर 41.20 ट्रिलियन डॉलर हो गया।

3. यूरोपीय बाज़ारों में 5% से 10% तक की गिरावट - जर्मनी का DAX 5% गिरकर 19,590 पर आ गया (शुरू में 10% की गिरावट)। - ब्रिटेन का एफटीएसई 100 4% नीचे। ---

गिरावट के 3 मुख्य कारण 1. ट्रम्प की टैरिफ नीति - अमेरिका ने भारत (26%), चीन (34%), यूरोप (20%), जापान (24%), वियतनाम (46%) और ताइवान (32%) पर नये टैरिफ लगाए। - परिणाम: चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिका पर 34% टैरिफ लगा दिया (10 अप्रैल से प्रभावी)। इसलिए व्यापार युद्ध और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चिंता है।

2. आर्थिक मंदी की आशंका - टैरिफ से वस्तुएं महंगी हो जाएंगी → उपभोक्ता खर्च कम हो जाएगा → जीडीपी वृद्धि पर दबाव पड़ेगा। - कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट (कमजोर मांग का संकेत)।

3. एशियाई बाजारों में गिरावट - हांगकांग (हैंग सेंग –13.22%), चीन (–7.34%), जापान (निक्केई –7.83%), दक्षिण कोरिया (–5.57%)। - भारत: सेंसेक्स –2.95% (73,137), निफ्टी –3.24% (22,161)। ---

भविष्यवाणियां और जोखिम - वित्तीय विशेषज्ञ जिम क्रेमर ने 1987 के "ब्लैक मंडे" जैसी स्थिति की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजार 22% नीचे जा सकता है। - यदि रुझान 5,000 (एस एंड पी 500) से नीचे रहता है, तो आगे बिकवाली का दबाव पैदा हो सकता है।

निष्कर्ष: टैरिफ युद्ध, मंदी की चिंताओं और एशिया में भारी गिरावट के कारण वैश्विक बाजार तनावपूर्ण हैं। अल्पावधि में अस्थिरता जारी रह सकती है।

लेख प्रकाशित | Mon | 07 Apr 2025 | 9:46 PM

स्टार्टअप्स को लेकर दिए बयान पर पीयूष गोयल की सफाई: बोले- कांग्रेस ने ये विवाद खड़ा किया; केंद्रीय मंत्री ने भारतीय स्टार्टअप की तुलना दुकानों से की

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम पर अपनी टिप्पणियों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य भारत के युवा उद्यमियों की रचनात्मकता और सफलता को रोकना नहीं है, बल्कि देश को प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर आगे ले जाना है।

उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स की तुलना चीन के स्टार्टअप्स से करते हुए सवाल उठाया कि क्या भारत फूड डिलीवरी, फैंटेसी स्पोर्ट्स या ट्रेडिंग जैसे सेवा क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा या फिर वह इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), सेमीकंडक्टर, एआई और डीप टेक जैसी रणनीतिक प्रौद्योगिकियों में भी वैश्विक नेता बनेगा। इसलिए, उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स को महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अधिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया।

विवाद और प्रतिक्रियाएँ कुछ स्टार्टअप संस्थापकों और कांग्रेस ने इस बयान पर आपत्ति जताई। जवाब में गोयल ने कहा, "कांग्रेस और उनका इको-सिस्टम भारत के युवाओं की सफलता को नहीं समझता है। उन्हें लगता है कि स्टार्टअप फूड डिलीवरी या फैंटेसी गेम्स तक सीमित हैं, लेकिन हकीकत यह है कि भारत अब डीप-टेक, मैन्युफैक्चरिंग और आरएंडडी में भी आगे बढ़ रहा है।"

भविष्य की ओर देखते हुए उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य भारत को 'नवाचार केंद्र' बनाना है। हम युवा उद्यमियों को उच्च प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और टिकाऊ समाधानों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। अब समय आ गया है कि हम केवल सेवा-आधारित व्यवसायों में ही नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पादों में भी वैश्विक नेता बनें।"

सरकार की योजनाएँ और भविष्य की दिशा गोयल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की प्रशंसा करते हुए कहा, "आज, भारत 1 लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। लेकिन, हमें अब नई ऊंचाइयों को छूने की जरूरत है।"

उन्होंने पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना, सेमीकंडक्टर मिशन और ईवी नीति जैसी योजनाओं का उल्लेख किया, जो भारत को प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई हैं।

निष्कर्ष पीयूष गोयल का स्पष्ट संदेश है कि "भारत ने स्टार्टअप्स में अच्छी प्रगति की है, लेकिन अब हमें प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और वैश्विक नवाचार में बड़ी छलांग लगानी है।" इस प्रकार, यह चर्चा भारतीय स्टार्टअप्स को उच्च तकनीक और उत्पाद-आधारित मॉडल की ओर स्थानांतरित करने के लिए प्रेरित करती है।

लेख प्रकाशित | Sun | 06 Apr 2025 | 9:48 PM

एक किलो चांदी 2900 गिरकर 93057 पर पहुंची: ऑल टाइम हाई से 7877 रुपए गिरे दाम, 10 ग्राम सोना 90 हजार के पार

चांदी और सोने की कीमतों में काफी गिरावट आई है, जैसा कि 4 अप्रैल 2025 को देखा गया, निम्नलिखित कीमतें हैं:

चांदी की कीमत में गिरावट 1 किलो चांदी की कीमत: ₹93,057 (आज)
सर्वकालिक उच्चतम (28 मार्च): ₹1,00,934
कुल कमी: ₹7,877 (सर्वकालिक उच्चतम से)
केवल आज: ₹2,900 की छूट


सोने की कीमतों में गिरावट 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत: ₹90,310 (आज, ₹35 की कमी) सर्वकालिक उच्चतम (3 अप्रैल): ₹91,205 कुल कटौती: ₹895 विशेषज्ञों का अनुमान: इस साल सोना 94,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (10 ग्राम)
शहर 22K (₹) 24K (₹)


अहमदाबाद 82,756 90,345
दिल्ली 84,150 91,790
मुंबई 84,000 91,640
कोलकाता 84,000 91,640
चेन्नई 84,000 91,640


कैरेट के अनुसार सोने की कीमतें 24K (99.9% शुद्ध): ₹90,310
22K (91.6% शुद्ध): ₹82,724
18K (75% शुद्ध): ₹67,733


इस प्रकार, चांदी और सोने की कीमतों में हालिया गिरावट उपभोक्ताओं और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सोने की कीमतें बढ़ेंगी, इसलिए बाजार पर नजर रखना फायदेमंद हो सकता है।

लेख प्रकाशित | Fri | 04 Apr 2025 | 9:06 PM

सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट: सोना ₹194 गिरकर ₹90,921 पर, चांदी ₹99,092 प्रति किलोग्राम बिक रही है; कैरेट के हिसाब से सोने का भाव देखें

सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट (2 अप्रैल, 2024) मुख्य बिंदु: 24 कैरेट सोना (10 ग्राम): ₹194 की गिरावट के साथ ₹90,921 (पहले: ₹91,115)। चांदी (1 किग्रा): ₹549 की गिरावट के साथ ₹99,092 (पहले: ₹99,641)। पिछले सप्ताह (27 मार्च) की तुलना: चांदी की कीमत ₹1,00,934 (सर्वकालिक उच्चतम) थी।

सोने का मूल्य कैरेट (10 ग्राम) के अनुसार: | कैरेट | मूल्य (₹) | | 24 | 90,921 |
| 22 | 83,284 |
| 18 | 68,191 |


मेट्रो शहरों में सोने की कीमत (10 ग्राम): | शहर | 22 कैरेट | 24 कैरेट |
| दिल्ली | 85,250 | 92,990 |
| मुंबई | 85,100 | 92,840 |
| कोलकाता | 85,100 | 92,840 |
| चेन्नई | 85,100 | 92,840 |
| भोपाल | 85,150 | 92,890 |


2024 में सोने और चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी होगी: सोना: 1 जनवरी से अब तक ₹76,162 से ₹14,759 (40%) बढ़कर ₹90,921 हो गया। चांदी: ₹86,017 से ₹13,075 (15%) बढ़कर ₹99,092 हो गई। 2023 में सोना ₹12,810 महंगा हो जाएगा।

भविष्य के अनुमान: 1. सोना: अजय केडिया (केडिया एडवाइजरी) के अनुसार, भू-राजनीतिक तनाव और ईटीएफ में बढ़ते निवेश के कारण यह ₹94,000/10 ग्राम तक पहुंच सकता है। 2. चांदी: अनुज गुप्ता (एचडीएफसी सिक्योरिटीज) के अनुसार, यह बढ़कर ₹1,08,000/किलोग्राम तक पहुंच सकती है।

सोना खरीदते समय 3 महत्वपूर्ण निर्देश: 1. बीआईएस हॉलमार्क की जांच करें: केवल 6-अंकीय HUID (जैसे AZ4524) वाला प्रमाणित सोना ही खरीदें। 2. कीमत और वजन की जांच करें: IBJA जैसे स्रोतों से क्रॉस-सत्यापन करें। 3. डिजिटल भुगतान करें और बिल लें: नकदी के बजाय यूपीआई/कार्ड का उपयोग करें और जब भी आवश्यक हो, बिल मांगें। > नोट: 24 कैरेट सोना शुद्ध होता है, लेकिन आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का उपयोग किया जाता है (इसकी कोमलता के कारण)।

लेख प्रकाशित | Wed | 02 Apr 2025 | 9:13 PM

आज से यूनिफाइड पेंशन स्कीम शुरू: कार खरीदना होगा महंगा, कमर्शियल सिलेंडर ₹44.50 सस्ता हुआ; आज से लागू हुए ये 10 बड़े बदलाव

1. वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर सस्ते हैं
19 किलोग्राम वाला कमर्शियल सिलेंडर 44.50 रुपए सस्ता हो गया है।
दिल्ली: ₹1762 (पहले ₹1803)
मुंबई: ₹1713.50 (पहले ₹1755.50)
रसोई गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।


2. नई कर व्यवस्था: 12 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त
नई कर दर संशोधन, जहां ₹12 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं।
मानक कटौती (₹75,000) के साथ ₹12.75 लाख तक की छूट।


3. महिला सम्मान बचत योजना (एमएसएससी) बंद हो गई यह योजना 31 मार्च 2024 के बाद बंद हो जाएगी। इसमें 7.5% ब्याज मिल रहा था।


4. कारें महंगी हैं। मारुति, टाटा, हुंडई, होंडा, किआ जैसी कंपनियों ने कारों की कीमतों में 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।

5. निष्क्रिय मोबाइल नंबर पर UPI अक्षम
यदि बैंक से जुड़ा मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो उसका यूपीआई उपयोग अक्षम कर दिया जाएगा।


6. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर छूट दोगुनी की गई
ब्याज आय पर कर छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई।

7. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस)
25 वर्ष की सेवा के बाद अंतिम 12 माह के औसत वेतन का 50% पेंशन।
कम से कम ₹10,000 की मासिक पेंशन की गारंटी।
कर्मचारी 10%, सरकार 18.5% का योगदान देगी।


8. यूलिप पर पूंजीगत लाभ कर
यदि वार्षिक प्रीमियम ₹2.5 लाख से अधिक है, तो रिडेम्पशन पर कर लगेगा:
LTCG (12+ महीने): 12.5% ​​​​
एसटीसीजी (<12 महीने): 20%


9. बैंक खातों में न्यूनतम शेष राशि के नियमों में बदलाव
एसबीआई, पीएनबी, केनरा बैंक ने शहर/गांव के अनुसार न्यूनतम शेष राशि के नियम कड़े कर दिए हैं।

10. विमानन ईंधन (एटीएफ) सस्ता है
एटीएफ की कीमत ₹5,494 से घटकर ₹6,064 प्रति किलोलीटर हो गई।
चेन्नई: ₹92,503.80 (पहले ₹98,567.90)
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

ये परिवर्तन वेतनभोगी कर्मचारियों, महिला निवेशकों, वरिष्ठ नागरिकों और कर्मचारी पेंशन को सीधे प्रभावित करते हैं। कारें और बैंकिंग सेवाएं महंगी हो गई हैं, जबकि एलपीजी और विमानन ईंधन सस्ते हो गए हैं।

लेख प्रकाशित | Tue | 01 Apr 2025 | 10:07 PM

Byju's 22 बिलियन डॉलर से शून्य पर पहुंचा: Byju's के रविंद्रन ने बताया- हम फिर उठेंगे, पुराने कर्मचारियों को वापस लाएंगे

भारत की जानी-मानी एडटेक कंपनी बायजू के संस्थापक बायजू रविंद्रन ने हाल ही में घोषणा की कि वह कंपनी को फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर 2011 की अपनी एक तस्वीर साझा की और लिखा, "हम फिर से उठेंगे। मुझे अपने छात्रों की आंखों में चमक याद है।"

बायजू का विकास और चुनौतियाँ: 2011 में, बायजू रविन्द्रन ने एक छोटे ऑनलाइन शिक्षा मंच के रूप में BYJU'S की शुरुआत की। ऑनलाइन शिक्षा की बढ़ती मांग के कारण कंपनी ने COVID-19 महामारी के दौरान तेजी से विकास का अनुभव किया और 2022 तक इसका मूल्यांकन $22 बिलियन (लगभग ₹1.88 लाख करोड़) तक पहुंच गया, जिससे यह भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बन गया। हालाँकि, 2024 तक वित्तीय कुप्रबंधन और अन्य समस्याओं के कारण कंपनी की कुल संपत्ति शून्य हो गई थी।

वित्तीय चुनौतियाँ और कुप्रबंधन: अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, कंपनी ने 2021 में 1.2 बिलियन डॉलर का ऋण लिया, जिसमें से 500 मिलियन डॉलर से अधिक को 'छिपे हुए' हेज फंड में स्थानांतरित कर दिया गया। अदालत ने निर्धारित किया है। इस स्थानांतरण और अन्य वित्तीय कुप्रबंधन के कारण कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

भविष्य की योजनाएँ: बायजू रविन्द्रन ने कहा है कि जब वह कंपनी को दोबारा शुरू करेंगे तो मुख्य रूप से पुराने कर्मचारियों को ही वापस काम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा, "मेरा अति-आशावाद कुछ लोगों को पागलपन लग सकता है, लेकिन यह मत भूलिए कि नंबर एक बनने के लिए आपको अलग और अजीब होना होगा।"

निष्कर्ष: BYJU'S का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन अब पिछली गलतियों से सीख लेते हुए कंपनी के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका आशावाद और दृढ़ संकल्प दर्शाता है कि वे BYJU'S को फिर से सफल बनाने के लिए सक्षम हैं।

लेख प्रकाशित | Mon | 31 Mar 2025 | 9:37 PM

मस्क ने बेची अपनी कंपनी X: ₹2.82 लाख करोड़ में हुआ सौदा, 2022 में ₹3.76 लाख करोड़ में खरीदा

एलन मस्क ने 29 मार्च, 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) को अपनी एआई कंपनी xAI को 33 बिलियन डॉलर (≈₹2.82 लाख करोड़) के ऑल-स्टॉक सौदे में बेच दिया। इस सौदे में एक्स का मूल्य 33 बिलियन डॉलर (45 बिलियन डॉलर माइनस 12 बिलियन डॉलर का कर्ज) और xAI का 80 बिलियन डॉलर है। मस्क ने कहा कि यह संयोजन xAI की उन्नत AI क्षमताओं और X की 600 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ताओं तक पहुंच को मिलाकर नए अवसर खोलेगा।

महत्वपूर्ण विवरण और चरण:
1. सौदे का उद्देश्य: - एआई और सोशल मीडिया संसाधनों (डेटा, मॉडल, कंप्यूटिंग शक्ति) को एक साथ लाना, और ग्रोक एआई (xAI का चैटबॉट) जैसे उपकरणों को एक्स प्लेटफॉर्म के साथ सक्षम बनाना। - मस्क के शब्दों में: "यह गठबंधन सत्य की खोज और ज्ञान को आगे बढ़ाने के मिशन का समर्थन करेगा"।

2. X का इतिहास और परिवर्तन: - मस्क ने 2022 में ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीद लिया और इसका नाम बदलकर एक्स कर दिया। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए: - कर्मचारियों की संख्या में कटौती: 7,500 से 2,500 तक (75% कटौती)। - डोनाल्ड ट्रम्प सहित अवरुद्ध खातों की वापसी: उपयोगकर्ता वोटिंग के आधार पर 52%। - एक्स प्रीमियम सदस्यता: भारत में 650-900 रुपये प्रति माह, ब्लू टिक और विशेष सुविधाओं के साथ। - पोस्ट की वर्ण सीमा: 280 से बढ़ाकर 25,000 वर्ण की गई।

3. भविष्य की योजनाएं: - एआई-सक्षम डिजिटल टाउन स्क्वायर: एक्स को "डिजिटल टाउन स्क्वायर" के रूप में विकसित करना जो उपयोगकर्ताओं के लिए स्मार्ट और प्रभावी अनुभव प्रदान करता है। - ग्रोक एआई का संवर्धन: एआई मॉडलों को प्रशिक्षित करने के लिए एक्स के बड़े डेटासेट का उपयोग करना।

4. मूल्यांकन और आर्थिक प्रभाव: - xAI का मूल्य 80 बिलियन डॉलर है, जो 2 वर्षों में एक अग्रणी AI प्रयोगशाला के रूप में उभरी है। - X पर 12 बिलियन डॉलर का कर्ज है, जो 2022 की खरीदारी के बाद देय भुगतान को दर्शाता है।

5. निदेशक और निवेशक प्रतिक्रिया: - कुछ निवेशक इस सौदे को मस्क की कंपनियों पर नियंत्रण बढ़ाने की रणनीति मान रहे हैं। - संयुक्त कंपनी के नेतृत्व के संबंध में नियामक जांच और प्रश्न अभी भी अस्पष्ट हैं।

निष्कर्ष: यह सौदा प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया को एकीकृत करने के मस्क के दीर्घकालिक कदम का हिस्सा है। एक्स की व्यापक पहुंच और एक्सएआई की एआई क्षमताओं का संयोजन भविष्य में व्यक्तिगत अनुभवों, डेटा-संचालित सेवाओं और एआई-संचालित सामग्री निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। हालाँकि, कर्मचारियों की कटौती और नियामक चुनौतियों जैसे मुद्दे भी इस योजना को प्रभावित कर सकते हैं।

लेख प्रकाशित | Sat | 29 Mar 2025 | 10:16 PM

पुरुषों के मुकाबले महिलाएं म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश करती हैं: एम्फी-क्रिसिल रिपोर्ट- इनकी हिस्सेदारी बढ़कर एक-चौथाई हुई, AUM ₹11 लाख करोड़ पर पहुंचा

1. महिलाओं की संख्या बनाम निवेश राशि: - कुल निवेशकों में महिलाओं की हिस्सेदारी 25% है, लेकिन AUM (संपत्ति) में उनकी हिस्सेदारी 33% (एक तिहाई) है। - गणना: यदि 25% महिला निवेशकों के पास 33% परिसंपत्तियां हैं, तो औसतन एक महिला निवेशक के पास एक पुरुष की तुलना में ~ 50% अधिक निवेश है। - निष्कर्ष: यद्यपि महिलाओं की संख्या कम है, फिर भी उनका औसत निवेश पुरुषों की तुलना में अधिक है।

2. एयूएम में तेजी से वृद्धि: - मार्च 2019 से 2024 तक महिलाओं का एयूएम ₹4.59 लाख करोड़ से बढ़कर ₹11.25 लाख करोड़ हो गया, जो 145% की वृद्धि दर्शाता है। - यह तीव्र वृद्धि महिलाओं में वित्तीय साक्षरता और दीर्घकालिक धन सृजन के प्रति जागरूकता को दर्शाती है।

3. प्रत्यक्ष निवेश में वृद्धि: - एयूएम का 21% अब ब्रोकरों के बिना सीधे महिलाओं द्वारा निवेश किया जाता है (2019 में यह आंकड़ा 14.2% था)। - युवा महिलाएं (25-44 वर्ष) इस प्रवृत्ति का नेतृत्व कर रही हैं: प्रत्यक्ष निवेश में उनकी हिस्सेदारी 16% से बढ़कर 27.3% हो गई है। - सुझाव: यह परिवर्तन वित्तीय स्वायत्तता और प्रौद्योगिकी (ऑनलाइन प्लेटफॉर्म) के उपयोग से जुड़ा है।

4. आयु-आधारित रुझान: - 25 वर्ष से कम आयु की महिलाओं की हिस्सेदारी एयूएम में केवल 1.6% है, जो नई पीढ़ी में निवेश की संभावना को दर्शाता है। - 58+ आयु वर्ग की महिलाओं के बीच प्रत्यक्ष निवेश का हिस्सा बढ़कर 17.6% हो गया है, जो जोखिम से बचने और स्थिरता की ओर रुझान दर्शाता है।

5. एएमएफआई और क्रिसिल रिपोर्ट की विश्वसनीयता: - आंकड़े आधिकारिक स्रोतों (एएमएफआई/क्रिसिल) द्वारा पुष्टि किए गए हैं, जो विश्लेषण को अधिक विश्वसनीय बनाता है।
निष्कर्ष: भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग में महिलाएं महत्वपूर्ण बदलाव ला रही हैं। उनकी निवेश राशि और सक्रिय भागीदारी (विशेषकर युवाओं के बीच) वित्तीय स्वतंत्रता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रदर्शित करती है। यह प्रवृत्ति भविष्य में उद्योग को विविध और स्थिर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

लेख प्रकाशित | Fri | 28 Mar 2025 | 10:14 PM

US-यूरोप में लोग जला रहे टेस्ला की गाड़ियां, भारत लाने की तैयारी: 2025 में मस्क को होगा ₹11 लाख करोड़ का नुकसान, जानें इसकी 3 वजहें

टेस्ला कारों के बहिष्कार और एलन मस्क के विरोध से यूरोप और अमेरिका में फैला गुस्सा: जानें कारण और परिणाम

इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के अग्रणी एलन मस्क और उनकी कंपनी टेस्ला के खिलाफ यूरोप और अमेरिका में व्यापक गुस्सा है। पिछले चार महीनों में टेस्ला कारों को जलाने, तोड़फोड़ करने और बहिष्कार करने की घटनाएं 100 से अधिक बार हुई हैं। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब टेस्ला भारतीय बाजार में प्रवेश की तैयारी कर रही है। इस लेख में हम इन प्रदर्शनों के मुख्य कारणों और उनके परिणामों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। ---

1. सरकारी नीतियों और छंटनी को लेकर मस्क के प्रति गुस्सा डोनाल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा एलन मस्क को "सरकारी दक्षता विभाग (DoGE)" का प्रमुख नियुक्त किए जाने के बाद, सरकारी खर्च को कम करने के लिए सख्त निर्णय लिए गए। - 20,000 सरकारी कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई और 75,000 लोगों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। - ट्रम्प ने मस्क की सलाह पर यूएसएआईडी के तहत गरीब देशों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता बंद कर दी। - लोगों ने मस्क और टेस्ला के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इन नीतियों को "मानव विरोधी" कहा। इस निर्णय की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकासशील देशों में भी आलोचना हुई। ---

2. यूरोप में दक्षिणपंथी दलों को समर्थन: मस्क का राजनीतिक हस्तक्षेप मस्क ने यूरोप में कई दक्षिणपंथी पार्टियों का समर्थन किया है, जिसके कारण सामाजिक-राजनीतिक विरोध हुआ है:
- ब्रिटेन में: मस्क ने राजा चार्ल्स से "संसद को स्थगित करने" की अपील की और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर पर बलात्कार के मामलों में विफल रहने का आरोप लगाया। - जर्मनी में: दक्षिणपंथी पार्टी AfD (अल्टरनेटिव फर डॉयचलैंड) का समर्थन, इसे "जर्मनी की एकमात्र आशा" घोषित किया गया। एएफडी पर समाज को विभाजित करने और नस्लवादी विचारधारा रखने का आरोप है। - फ्रांस में: राष्ट्रपति मैक्रों ने मस्क को "अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रियावादी आंदोलन का समर्थक" कहा। - इटली में: प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी (जिन्हें दक्षिणपंथी माना जाता है) के साथ मस्क के घनिष्ठ संबंधों ने भी विवाद को हवा दी।
इस समर्थन से यूरोप में टेस्ला के प्रति नाराजगी भड़क उठी है। 14 मार्च को बर्लिन के स्टेगलिट्ज़ शहर में "मस्क विरोधी" प्रदर्शनकारियों द्वारा 4 टेस्ला कारों को जला दिया गया। ---

3. टेस्ला में अचानक छंटनी: कर्मचारियों में आक्रोश फरवरी 2024 में, टेस्ला ने अपने सेल्फ-ड्राइविंग प्रौद्योगिकी प्रभाग में अचानक 4% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। - यूनियनों और कर्मचारियों ने छंटनी को "अनुचित और बिना पूर्व सूचना के किया गया कदम" बताया। - हजारों कर्मचारियों की नौकरियां चली गईं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदर्शन हुए और सरकारी जांच हुई। राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) सहित कई एजेंसियां ​​मामले की जांच कर रही हैं। ---

परिणाम: टेस्ला के भविष्य पर संदेह - एफबीआई सहित कई एजेंसियां ​​25 मार्च के टेस्ला हमले की जांच कर रही हैं। - यूरोप में टेस्ला कारों की बिक्री में गिरावट आई है और कंपनी की छवि खराब हुई है। - ये विरोध प्रदर्शन टेस्ला के लिए भारतीय बाजार में प्रवेश करने से पहले चुनौती बन सकते हैं। ---

निष्कर्ष: लोग टेस्ला का बहिष्कार क्यों कर रहे हैं? मस्क का राजनीतिक हस्तक्षेप, कर्मचारी-विरोधी नीतियां और दक्षिणपंथी संगठनों से निकटता टेस्ला विरोध के मुख्य कारण हैं। लोगों का मानना ​​है कि मस्क की कार्रवाई सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों की अनदेखी करती है। आगजनी, तोड़फोड़ और बहिष्कार की घटनाएं इस असंतोष की तीव्रता को प्रदर्शित करती हैं। टेस्ला इन मुद्दों को हल करके ही भारत जैसे नए बाजारों में सफल हो सकती है।

लेख प्रकाशित | Thu | 27 Mar 2025 | 9:57 PM

जून से ATM-UPI के जरिए निकाल सकेंगे PF का पैसा: 1 लाख रुपए तक निकाल सकेंगे, इमरजेंसी में तुरंत मिल जाएगा पैसा

EPFO की नई सुविधाएं: UPI/ATM के जरिए निकालें PF की रकम, सीमा 1 लाख तक!

— श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने की घोषणा: जून 2024 से शुरू होगी सुविधा —
ईपीएफओ सदस्यों के लिए अपने भविष्य निधि (पीएफ) से पैसा निकालने की प्रक्रिया अब आसान और तेज हो जाएगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता दावड़ा ने बुधवार को घोषणा की कि मई 2024 के अंत या जून 2024 की शुरुआत से ईपीएफओ सदस्य यूपीआई और एटीएम के जरिए पीएफ राशि निकाल सकेंगे। इस सुविधा की अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये रखी गई है।

नई सुविधाओं का विवरण:
1. ईपीएफओ निकासी कार्ड (डेबिट कार्ड की तरह): प्रत्येक सदस्य को एक विशेष ईपीएफओ निकासी कार्ड दिया जाएगा, जो पीएफ खाते से जुड़ा होगा। इस कार्ड का उपयोग करके आप किसी भी एटीएम मशीन से पीएफ राशि निकाल सकेंगे या यूपीआई ऐप्स (जैसे फोनपे, गूगल पे) के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। निकासी सीमा: अधिकतम 1 लाख रुपये प्रति माह।

2. तत्काल शेष राशि की जांच और स्वचालित दावे: वर्तमान में, ऑनलाइन दावा प्रस्तुत करने के बाद राशि प्राप्त होने में दो सप्ताह का समय लगता है। नई प्रणाली में 95% दावे स्वचालित होंगे तथा धनराशि मात्र 3 दिन में प्राप्त हो जाएगी। ईपीएफओ ने 120 से अधिक डेटाबेस (जैसे आधार, पैन, बैंक विवरण) को जोड़कर अपने डिजिटल नेटवर्क को मजबूत किया है, जिससे दस्तावेज़ सत्यापन तेज हो जाएगा।

3. विस्तारित उपयोग के उद्देश्य: अब पीएफ राशि निकालने के लिए बीमारी, गृह ऋण, शिक्षा, विवाह और बेरोजगारी जैसे कारणों को भी शामिल किया गया है।

बेरोजगारी के दौरान पीएफ निकालने के नियम:
यदि आप अपनी नौकरी खो देते हैं, तो आप:
एक महीने के बाद: आप अपने पीएफ बैलेंस का 75% निकाल सकेंगे।
2 महीने के बाद: शेष 25% राशि निकाली जा सकती है।
यह सुविधा बेरोजगारी के दौरान तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।


पीएफ निकासी और टैक्स नियम:
1. यदि आपने 5 वर्ष पहले पैसा निकाल लिया तो क्या होगा? यदि आपने 5 वर्ष से कम सेवा की है और 50,000 रुपये से अधिक निकालते हैं, तो:
यदि आपके पास पैन कार्ड है तो 10% टीडीएस काटा जाएगा।
यदि पैन नहीं है तो 30% टीडीएस काटा जाएगा।
कर बचाने के लिए: फॉर्म 15G/15H जमा करें (यदि आपकी आय कर योग्य नहीं है)।

2. यदि आप 5 वर्ष बाद निकासी करते हैं तो क्या होगा? कोई कर नहीं! यदि आपकी कुल सेवा (एक या अधिक कंपनियों में) 5 वर्ष या उससे अधिक है, तो पीएफ राशि पूरी तरह से कर-मुक्त है।
ईपीएफओ का लक्ष्य: "सार्वजनिक सुविधा और गति" सचिव सुमिता दावड़ा के शब्दों में: "इस पहल का उद्देश्य भारतीय श्रमिकों की कड़ी मेहनत से अर्जित आय तक आसान पहुंच प्रदान करना है। हम ईपीएफओ की डिजिटल प्रणाली का आधुनिकीकरण कर रहे हैं और 3 दिनों के भीतर दावा निपटान की गारंटी दे रहे हैं।"
सदस्यों के लिए निर्देश: ईपीएफओ निकासी कार्ड प्राप्त करने के लिए: अपने पीएफ खाते में पंजीकृत मोबाइल नंबर और ईमेल को अपडेट रखें। टैक्स बचाएं: पीएफ निकालने से पहले पैन कार्ड लिंक करें और फॉर्म 15जी/15एच जमा करें।
नई सुविधाओं के साथ, पीएफ खाते का उपयोग अब अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी होगा!

लेख प्रकाशित | Wed | 26 Mar 2025 | 9:29 PM

सोने-चांदी की कीमतों में आज गिरावट: सोना 160 रुपए गिरकर 87,559 रुपए पर, चांदी 97,378 रुपए प्रति किलो बिक रही

सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट: 25 मार्च को क्या हुआ? जानिए पूरी अपडेट और शॉपिंग टिप्स। 25 मार्च 2024 तक की स्थिति: आज सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत ₹160 गिरकर ₹87,559 हो गई है। 20 मार्च को सोना ₹88,761 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जबकि 17 मार्च को चांदी ₹1,00,400 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड भाव पर बिकी थी। आज चांदी ₹29 गिरकर ₹97,378 प्रति किलोग्राम पर आ गई। ---

मेट्रो शहरों में सोने की कीमत (10 ग्राम):
| शहर | 22 कैरेट | 24 कैरेट |
| दिल्ली | ₹82,000 | ₹89,440 |
| मुंबई | ₹81,850 | ₹89,290 |
| कोलकाता | ₹81,850 | ₹89,290 |
| चेन्नई | ₹81,850 | ₹89,290 |
| भोपाल | ₹81,900 | ₹89,340 |
---

2024 में सोने और चांदी की कीमत में बढ़ोतरी: - सोना: 1 जनवरी से अब तक ₹11,397 बढ़कर ₹87,559 हो गया है (पहले ₹76,162)। - चांदी: ₹11,361 बढ़कर ₹97,378 प्रति किलोग्राम (पहले ₹86,017)। - 2023 तुलना: पिछले साल सोना ₹12,810 और चांदी ₹14,500 बढ़ी। ---

कटौती क्यों? - वैश्विक बाजारों का प्रभाव: अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में परिवर्तन और डॉलर की कीमत में उतार-चढ़ाव। - निवेशक व्यवहार: सर्वकालिक उच्चतम स्तर के बाद मुनाफा कमाने के लिए बिकवाली का दबाव। - चांदी की मांग: औद्योगिक उपयोग में गिरावट और शेयर बाजार में बढ़ती रुचि के कारण कीमतों में गिरावट आई। ---

सोना खरीदते समय इन 3 सुझावों का पालन करें: 1. हॉलमार्क की जांच करें: - BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा प्रमाणित 6 अंकों का HUID कोड (जैसे, AZ4524) देखकर खरीदें। इससे सोने की शुद्धता (24K, 22K) सुनिश्चित होती है।

2. कीमतों की तुलना करें: - IBJA जैसी आधिकारिक वेबसाइटों से प्रत्येक कैरेट (24K, 22K, 18K) की कीमत की जांच करें। 24K सोना शुद्ध है, लेकिन आभूषणों के लिए 22K सोना का उपयोग किया जाता है।

3. डिजिटल भुगतान करें: - नकदी के स्थान पर यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें। बिल और पैकेजिंग की जांच करना न भूलें! ---

भविष्य की भविष्यवाणियां: - सोना: युद्ध, मुद्रास्फीति और चुनाव जैसे कारकों के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। - चांदी: प्रौद्योगिकी और सौर उद्योग में बढ़ती मांग के कारण लंबी अवधि में कीमतों में वृद्धि होने की संभावना है। ---

मेरी सलाह: सोने और चांदी में निवेश करने से पहले अल्पकालिक मूल्य उतार-चढ़ाव से सावधान रहें। सोना दीर्घावधि में एक सुरक्षित निवेश है, लेकिन हमेशा बीआईएस हॉलमार्क और डिजिटल लेनदेन पर भरोसा करें।

नोट: चांदी की कीमत में ₹11,390 की वृद्धि बताई गई है, लेकिन गणना में ₹11,361 दर्शाया गया है। इस जानकारी में सुझाए गए अंतर डेटा स्रोत पर निर्भर करते हैं।

लेख प्रकाशित | Tue | 25 Mar 2025 | 9:42 PM

टेक उद्यमी का कहना है कि पत्नी के अवैध संबंध अब उसे प्रताड़ित कर रहे हैं: चेन्नई पुलिस पर भी बच्चे की कस्टडी को लेकर उत्पीड़न का आरोप

प्रसन्ना शंकर और दिव्या के बीच हिरासत की लड़ाई: अंतर्राष्ट्रीय कानून, पुलिस की हंसी-मजाक और विरोधी आरोपों की पूरी कहानी

चेन्नई स्थित तकनीकी उद्यमी प्रसन्ना शंकर और उनकी पत्नी दिव्या के बीच कानूनी और व्यक्तिगत लड़ाई लगातार जटिल होती जा रही है। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें बाल हिरासत, तलाक और अंतर्राष्ट्रीय कानून को चुनौती देना शामिल है। प्रसन्ना ने ट्विटर पर अपनी कहानी साझा करते हुए दावा किया है कि चेन्नई पुलिस और उनकी पत्नी द्वारा उन्हें "परेशान" किया जा रहा है। आइये इस लेख में इस मामले की प्रत्येक परत को समझते हैं। ---

पृष्ठभूमि: प्यार के लिए शादी, फिर अलगाव सिंगापुर स्थित क्रिप्टो सोशल नेटवर्क 0xPPL.com और रिपलिंग (जिसका मूल्य 85 हजार करोड़ रुपये है) के संस्थापक प्रसन्ना शंकर को 2009 में एनआईटी त्रिची में पढ़ाई के दौरान दिव्या से प्यार हो गया था। उनकी शादी 2014 में हुई और उनका एक 9 साल का बेटा है। लेकिन, 2023 में प्रसन्ना को पता चला कि दिव्या अनूप नाम के एक शख्स के साथ रिलेशनशिप में है। इसलिए उन्होंने भारत में तलाक के लिए अर्जी दायर की, जबकि दिव्या ने अमेरिकी अदालत में याचिका दायर की। ---

आरोप और प्रत्यारोप: कौन क्या कहता है? 1. प्रसन्ना के दावे: - दिव्या ने सिंगापुर में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा और बलात्कार के आरोप में झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसे पुलिस ने "निराधार" बताकर खारिज कर दिया था। - 2023 में दिव्या अपने बेटे को अमेरिका ले जाकर उसका "अपहरण" कर लेगी। हेग कन्वेंशन के तहत अमेरिकी अदालत ने प्रसन्ना के पक्ष में फैसला सुनाया और बच्चे की कस्टडी उसे सौंप दी। - सिंगापुर में एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर: दिव्या को ₹9 करोड़ + ₹4.3 लाख मासिक भुगतान करने और चेन्नई में बसने के लिए कहा गया। लेकिन, जब दिव्या ने बच्चे का पासपोर्ट लॉकर में जमा नहीं कराया तो प्रसन्ना ने उसका बेटा नहीं लौटाया।

2. दिव्या का प्रतिवाद:

- "प्रसन्ना ने मुझे प्रॉपर्टी एग्रीमेंट के बहाने भारत बुलाया और जबरन मेरे बेटे को ले गया। मैं उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।" - प्रसन्ना पर सिंगापुर में यौन उत्पीड़न और वेश्यावृत्ति में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण उन्हें कंपनी से निकाल दिया गया था (प्रसन्ना का दावा है कि बाद में आरोप हटा दिए गए थे)। ---

पुलिस की भूमिका: सच्चाई क्या है? - चेन्नई पुलिस प्रसन्ना को "अपहरण" के आरोप में तलाश रही है। प्रसन्ना का आरोप: "उन्होंने आधी रात को मेरा दरवाज़ा खटखटाया और मुझे गिरफ़्तार करने की कोशिश की, लेकिन मैं अपने बेटे के साथ भाग निकला। अब वे मेरे बेंगलुरु के दोस्त गोकुल को अवैध रूप से गिरफ़्तार कर रहे हैं और परेशान कर रहे हैं।" - दिव्या का पक्ष: "पुलिस बच्चे को सुरक्षित वापस लाने की कोशिश कर रही है। प्रसन्ना ने मेरा पासपोर्ट चुरा लिया है और कानून की अनदेखी की है।" ---

कानूनी गतिविधियाँ: भारत, अमेरिका और सिंगापुर की लड़ाई - अमेरिकी अदालत का आदेश: हेग कन्वेंशन के अनुसार, बच्चे को उसके मूल देश (भारत) वापस भेजा जाना चाहिए। हालाँकि, तलाक की याचिका भारतीय अदालत में लंबित होने के कारण यह प्रक्रिया रुकी हुई है। - समझौता ज्ञापन की कानूनी वैधता: इस समझौते को भारतीय अदालतों में लागू करना कठिन है, क्योंकि इस पर सिंगापुर में हस्ताक्षर किये गये थे। - पुलिस पर सवाल : मानवाधिकार संगठनों ने गोकुल की अवैध गिरफ्तारी और बिना वारंट की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। ---

एक बच्चे का भविष्य: किसके हाथ में? - प्रसन्ना का दावा: "मेरा बेटा सुरक्षित है और मेरे साथ खुश है। दिव्या उसे गलती से अमेरिका ले गई थी।" - दिव्या की चिंता: "मुझे अपने बच्चे के बारे में कुछ नहीं पता। प्रसन्ना उसे जबरदस्ती ले गया है।" - परिणाम: यद्यपि बच्चे का सर्वोत्तम हित सर्वोपरि लक्ष्य है, फिर भी अंतर्राष्ट्रीय कानून की जटिलता और पक्षपातपूर्ण पुलिस कार्रवाई समय पर न्याय में बाधा उत्पन्न करती रहती है। ---

निष्कर्ष: आगे का रास्ता क्या है? - प्रसन्ना को कानून के सामने आत्मसमर्पण करना होगा और सबूतों के जरिए अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी। - दिव्या को अमेरिकी अदालत में एमओयू की अवैधता साबित करनी होगी। - बच्चे की भावनाओं को प्राथमिकता देते हुए दोनों पक्षों को मध्यस्थता का रास्ता अपनाना आवश्यक है।

अंतिम सत्य: यह मामला महज एक कानूनी लड़ाई नहीं है, बल्कि परिवारों को अंतर्राष्ट्रीय कानून की अनिश्चितताओं में फंसने से बचाने के लिए एक चेतावनी है। जब तक बच्चों का कल्याण केंद्र में नहीं होगा, ऐसे युद्धों में केवल हार ही होगी।

लेख प्रकाशित | Mon | 24 Mar 2025 | 10:00 PM

एयर इंडिया 40 वाइड-बॉडी विमान खरीदेगी: बोइंग-एयरबस से बातचीत; 2023 में 470 विमानों का ऑर्डर

एयर इंडिया के विशाल बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजना
1. नए वाइडबॉडी विमान सौदा: बोइंग और एयरबस के साथ बातचीत चल रही है एयर इंडिया वर्तमान में 30 से 40 वाइडबॉडी विमान खरीदने के लिए बोइंग और एयरबस के साथ गंभीर बातचीत कर रही है। यह सौदा 50 से अधिक विमानों तक बढ़ाया जा सकता है, जिसमें एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स जैसे आधुनिक मॉडल भी शामिल हैं। इस सौदे की घोषणा संभवतः जून 2024 में पेरिस एयर शो के दौरान की जाएगी, जो एयरलाइन की अपने वैश्विक नेटवर्क को आधुनिक बनाने और विस्तारित करने की योजना का हिस्सा होगा।

2. 2023 का ऐतिहासिक मेगा ऑर्डर: 470 विमान, ₹6 लाख करोड़ का सौदा एयर इंडिया ने 2023 में 470 विमानों का ऑर्डर दिया, जो विमानन उद्योग के इतिहास में एक रिकॉर्ड है, जिसका मूल्य 70 बिलियन डॉलर (लगभग 6 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें निम्नलिखित विवरण शामिल हैं: एयरबस के पास 250 विमान: 40 एयरबस ए350900/1000 (वाइडबॉडी, लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)। 210 एयरबस ए320 नियो (एकल गलियारा, घरेलू और छोटी दूरी की उड़ानों के लिए)। बोइंग के पास 220 विमान: 190 बोइंग बी737 मैक्स (एकल गलियारा). 20 बोइंग बी787 ड्रीमलाइनर (वाइडबॉडी)। 10 बोइंग बी777एक्स (उन्नत वाइडबॉडी, भविष्य की लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)।

3. पिछले वर्ष 100 एयरबस विमानों का अलग से ऑर्डर दिया गया था 2023 में ही, एयर इंडिया ने मुख्य रूप से अपने घरेलू नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 100 एयरबस A320neo विमानों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। ये विमान कम ईंधन खपत और उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ आते हैं।

4. एयर इंडिया का वर्तमान बेड़ा और परिचालन क्षमता मौजूदा बेड़ा: 128 विमान (सिंगल-आइल और वाइडबॉडी)। मुख्य विमान: एयरबस ए350 (अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रमुख मॉडल)। नेटवर्क: 59 नॉनस्टॉप अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें, 79 देशों को सेवा प्रदान करना। कर्मचारी: विश्वभर में 12,000+ कर्मचारी।

5. टाटा समूह के नियंत्रण में पुनरुद्धार 27 जनवरी, 2022 को टाटा समूह ने एयर इंडिया को ₹18,000 करोड़ में खरीद लिया, जिससे सरकारी स्वामित्व का 68 साल का युग समाप्त हो गया। टाटा के नेतृत्व में एयरलाइन ने परिचालन दक्षता, बेड़े के आधुनिकीकरण और वैश्विक विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है।

6. भविष्य की योजनाएँ और लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वृद्धि: नए वाइडबॉडी विमान अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे लंबी दूरी के मार्गों पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगे। कार्बन उत्सर्जन में कमी: A350 और B777X जैसी पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करना। पेरिस एयर शो 2024: इस कार्यक्रम में नए सौदे की घोषणा एयर इंडिया के वैश्विक पुनरुद्धार का संकेत देगी।

वाइडबॉडी विमान: बड़े शरीर वाला विमान (लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)। एकल-गलियारा: सीटों की एक पंक्ति वाला विमान (छोटी दूरी के लिए)। प्रमुख मॉडल: कंपनी का मुख्य और सबसे आधुनिक विमान।

निष्कर्ष एयर इंडिया के विशाल बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजना, टाटा समूह के भारत को वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी। 2024 पेरिस एयर शो में नए सौदे की घोषणा के साथ, एयर इंडिया एक बार फिर दुनिया की अग्रणी एयरलाइनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।

लेख प्रकाशित | Fri | 21 Mar 2025 | 10:22 PM

एयर इंडिया 40 वाइड-बॉडी विमान खरीदेगी: बोइंग-एयरबस से बातचीत; 2023 में 470 विमानों का ऑर्डर

एयर इंडिया के विशाल बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजना
1. नए वाइडबॉडी विमान सौदा: बोइंग और एयरबस के साथ बातचीत चल रही है एयर इंडिया वर्तमान में 30 से 40 वाइडबॉडी विमान खरीदने के लिए बोइंग और एयरबस के साथ गंभीर बातचीत कर रही है। यह सौदा 50 से अधिक विमानों तक बढ़ाया जा सकता है, जिसमें एयरबस ए350 और बोइंग 777एक्स जैसे आधुनिक मॉडल भी शामिल हैं। इस सौदे की घोषणा संभवतः जून 2024 में पेरिस एयर शो के दौरान की जाएगी, जो एयरलाइन की अपने वैश्विक नेटवर्क को आधुनिक बनाने और विस्तारित करने की योजना का हिस्सा होगा।

2. 2023 का ऐतिहासिक मेगा ऑर्डर: 470 विमान, ₹6 लाख करोड़ का सौदा एयर इंडिया ने 2023 में 470 विमानों का ऑर्डर दिया, जो विमानन उद्योग के इतिहास में एक रिकॉर्ड है, जिसका मूल्य 70 बिलियन डॉलर (लगभग 6 लाख करोड़ रुपये) है। इसमें निम्नलिखित विवरण शामिल हैं: एयरबस के पास 250 विमान: 40 एयरबस ए350900/1000 (वाइडबॉडी, लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)। 210 एयरबस ए320 नियो (एकल गलियारा, घरेलू और छोटी दूरी की उड़ानों के लिए)। बोइंग के पास 220 विमान: 190 बोइंग बी737 मैक्स (एकल गलियारा). 20 बोइंग बी787 ड्रीमलाइनर (वाइडबॉडी)। 10 बोइंग बी777एक्स (उन्नत वाइडबॉडी, भविष्य की लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)।

3. पिछले वर्ष 100 एयरबस विमानों का अलग से ऑर्डर दिया गया था 2023 में ही, एयर इंडिया ने मुख्य रूप से अपने घरेलू नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 100 एयरबस A320neo विमानों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। ये विमान कम ईंधन खपत और उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ आते हैं।

4. एयर इंडिया का वर्तमान बेड़ा और परिचालन क्षमता मौजूदा बेड़ा: 128 विमान (सिंगल-आइल और वाइडबॉडी)। मुख्य विमान: एयरबस ए350 (अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रमुख मॉडल)। नेटवर्क: 59 नॉनस्टॉप अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें, 79 देशों को सेवा प्रदान करना। कर्मचारी: विश्वभर में 12,000+ कर्मचारी।

5. टाटा समूह के नियंत्रण में पुनरुद्धार 27 जनवरी, 2022 को टाटा समूह ने एयर इंडिया को ₹18,000 करोड़ में खरीद लिया, जिससे सरकारी स्वामित्व का 68 साल का युग समाप्त हो गया। टाटा के नेतृत्व में एयरलाइन ने परिचालन दक्षता, बेड़े के आधुनिकीकरण और वैश्विक विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है।

6. भविष्य की योजनाएँ और लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय बाजार में वृद्धि: नए वाइडबॉडी विमान अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे लंबी दूरी के मार्गों पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेंगे। कार्बन उत्सर्जन में कमी: A350 और B777X जैसी पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से पर्यावरणीय लक्ष्यों को प्राप्त करना। पेरिस एयर शो 2024: इस कार्यक्रम में नए सौदे की घोषणा एयर इंडिया के वैश्विक पुनरुद्धार का संकेत देगी।

वाइडबॉडी विमान: बड़े शरीर वाला विमान (लंबी दूरी की उड़ानों के लिए)। एकल-गलियारा: सीटों की एक पंक्ति वाला विमान (छोटी दूरी के लिए)। प्रमुख मॉडल: कंपनी का मुख्य और सबसे आधुनिक विमान।

निष्कर्ष एयर इंडिया के विशाल बेड़े के विस्तार और आधुनिकीकरण की योजना, टाटा समूह के भारत को वैश्विक विमानन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगी। 2024 पेरिस एयर शो में नए सौदे की घोषणा के साथ, एयर इंडिया एक बार फिर दुनिया की अग्रणी एयरलाइनों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।

लेख प्रकाशित | Fri | 21 Mar 2025 | 10:22 PM

टॉप 500 अरबपतियों में वॉरेन बफेट की सबसे ज्यादा ग्रोथ: गिरावट के बावजूद इस साल 1.9 लाख करोड़ रुपए कमाए; छठे सबसे अमीर व्यक्ति बने

2025 में वॉरेन बफेट और बर्कशायर हैथवे: वैश्विक बाजारों में सफलता के लिए रणनीतियाँ

1. स्टॉक चयन में रणनीतिक सरलता स्थिर पोर्टफोलियो: एसएंडपी 500 में 8% की गिरावट के बावजूद, बफेट के 7 शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया: बर्कशायर हैथवे (+14%): बीमा व्यवसाय और कोर होल्डिंग्स में मजबूती। बी.वाई.डी. (+47%): इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी तकनीक में चीन का नेतृत्व। कोका-कोला (+11%): उपभोक्ता मांग में स्थिरता (रक्षात्मक स्टॉक)। टीमोबाइल (+16%): 5जी विस्तार और दूरसंचार क्षेत्र में विश्वास। एओन (+11%), वेरीसाइन (+15%), न्यू होल्डिंग्स (+13%): निश्चित आय और बाजार प्रभुत्व वाली कंपनियां। क्षेत्र फोकस: उपयोगिताओं, दूरसंचार और उपभोक्ता वस्तुओं जैसे कम जोखिम वाले क्षेत्रों पर जोर।

2. रिकॉर्ड नकदी भंडार: स्वर्णिम सुरक्षा कवच नकदी भंडार: एप्पल और बैंक ऑफ अमेरिका के शेयर बेचकर ₹28.87 लाख करोड़ (यानी 348 बिलियन डॉलर) जमा किये गये। यह राशि तकनीकी दिग्गजों (माइक्रोसॉफ्ट, एनवीडिया) से भी अधिक है। नकदी की आवश्यकता: बाजार में उतरने या सस्ते दामों पर शेयर खरीदने की तैयारी। यह बफेट की "प्रतीक्षा करो और देखो" रणनीति का हिस्सा है।

3. एआई पर भरोसा करें, लेकिन सावधानी के साथ अप्रत्यक्ष निवेश: एप्पल और अमेज़न जैसी कंपनियों में निवेश किया गया, जो धीरे-धीरे अपने व्यवसायों में एआई को शामिल कर रही हैं (जैसे आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, ग्राहक विश्लेषण)। विशुद्ध एआई स्टार्टअप से दूर: बफेट ने एआई-केंद्रित कंपनियों में सीधे निवेश करने के बजाय, एआई के लाभों का लाभ उठाने वाली पारंपरिक कंपनियों को चुना।

4. बीमा व्यवसाय में पुनरुद्धार लाभ का मुख्य स्रोत: GEICO और पुनर्बीमा व्यवसाय में बेहतर जोखिम प्रबंधन। फ्लोट का प्रयोग: निवेश के लिए बीमा प्रीमियम ("फ्लोट") का प्रयोग करें, जो कि बफेट की ऐतिहासिक रणनीति है।

5. जापान में विस्तार: नई वृद्धि की कुंजी जापानी व्यापारिक कंपनियों में हिस्सेदारी: मित्सुई, मित्सुबिशी जैसी कंपनियों में ₹2.03 लाख करोड़ ($24.4 बिलियन) का निवेश। जापान क्यों? कमज़ोर येन (सस्ता मूल्यांकन)। जापान के आर्थिक सुधारों और वस्तु/ऊर्जा बाजारों से परिचय।

6. शेयर बायबैक में कमी: नई प्राथमिकताएँ बायबैक में ₹25,932 करोड़ की कमी: बफेट ने बाहरी निवेश (जापान, एआई समर्थित कंपनियां) पर ध्यान केंद्रित किया। परिणाम: बर्कशायर के शेयरों में 16% की वृद्धि - निवेशकों को विश्वास था कि कंपनी नए अवसरों की खोज कर रही है।

7. अनिश्चितता में समय पर निर्णय नकदी की भूमिका: बाजार में अस्थिरता के दौरान सुरक्षा की गारंटी। सुनहरे अवसर: कम मूल्यांकित कंपनियों और संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को खरीदने के लिए तैयार रहें।

बफेट की सफलता के मुख्य सूत्र 1. बुनियादी बातों पर टिके रहें: कम ऋण वाली ऐसी कंपनियों का चयन करें जो दीर्घकालिक लाभ देती हों।
2. विविधीकरण: अमेरिका, जापान और यूरोप में निवेश फैलाकर जोखिम कम करें।
3. अति से बचें: तकनीकी बुलबुले और अल्पकालिक रुझानों में फंसने से बचें।

अगले कदम और चिंताएँ नकदी संबंधी चिंताएं: मुद्रास्फीति बढ़ने पर नकदी का मूल्य घट सकता है। जापान की परेशानियाँ: येन में परिवर्तन या आर्थिक मंदी का प्रभाव। एआई का धीमा प्रभाव: बफेट की कंपनियों में एआई को धीमी गति से अपनाना लंबे समय में हानिकारक हो सकता है।

निष्कर्ष 2025 में, बफेट ने साबित कर दिया कि "धैर्य और सरलता" वैश्विक अराजकता में भी सफलता की कुंजी हैं। स्टॉक चयन में अनुशासन, नकदी की मजबूती और वैश्विक विविधीकरण के माध्यम से, बर्कशायर हैथवे मंदी को भी अवसर में बदल देता है। नये निवेशकों के लिए बफेट का संदेश स्पष्ट है: "जब दूसरे लालची हों, तो डरें; जब दूसरे भयभीत हों, तो लालची बनें।"

लेख प्रकाशित | Thu | 20 Mar 2025 | 9:38 PM

वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 8% की तेजी: VI ने मुंबई में 5G सेवा शुरू की, कंपनी सैटकॉम साझेदारी के लिए स्टारलिंक के साथ बातचीत कर रही है

वोडाफोन आइडिया (VI) के शेयरों में 8% का उछाल: मुंबई में 5G लॉन्च, स्टारलिंक-अमेजन पार्टनरशिप पर बातचीत, लेकिन ग्राहकों और घाटे को लेकर चिंता

मुंबई, 19 मार्च 2024 (बुधवार): टेलीकॉम दिग्गज कंपनी वोडाफोन आइडिया (VI) के शेयरों में आज 8.59% का भारी उछाल देखने को मिला। बीएसई पर कंपनी के शेयर 7.71 रुपए पर बंद हुए, जो पिछले 5 दिनों में 8.65% और एक महीने में 7.71% की बढ़त दर्शाता है। इस उछाल का मुख्य कारण मुंबई में 5G सेवाओं का शुभारंभ और एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेज़न की "कुइपर" के साथ सैटकॉम साझेदारी के लिए चल रही बातचीत है। हालांकि, ग्राहक परिवर्तन, भारी कर्ज और घाटे के कारण पिछले वर्ष VI के शेयरों में 40% की गिरावट आई है। ---

मुंबई में 5G लॉन्च: नोकिया के साथ साझेदारी VI ने मुंबई में 5G सेवाएं शुरू करने के लिए नोकिया के साथ मिलकर काम किया है। कंपनी के अनुसार, ये सेवाएं कम लागत पर बेहतर कवरेज और बेहतर इंटरनेट अनुभव प्रदान करेंगी। वीआई के प्रबंध निदेशक रविंदर ठाकर ने कहा, "हम 5जी रोलआउट में तेजी लाने के लिए मजबूत तकनीक के साथ नोकिया के साथ काम कर रहे हैं। ग्राहकों को 299 रुपये प्रति माह से असीमित 5जी डेटा, वीडियो स्ट्रीमिंग और गेमिंग सुविधाएं मिलेंगी।" ---

ग्राहकों में गिरावट: दिसंबर में 1.7 मिलियन उपयोगकर्ता कम हुए ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में वीआई के ग्राहकों की संख्या 20.7 करोड़ तक पहुंच गई, जो 1.7 लाख कम है। नवंबर में भी 1.5 मिलियन यूजर कम हुए। विश्लेषकों का मानना ​​है कि जियो और एयरटेल की आक्रामक 5जी मार्केटिंग और स्थिर नेटवर्क वीआई पर दबाव डाल रहे हैं। ---

वित्तीय स्थिति: ₹6,609 करोड़ का घाटा, लेकिन आशाजनक संकेत - Q3 FY24-25 घाटा: VI को अक्टूबर-दिसंबर 2024 में ₹6,609 करोड़ का घाटा हुआ, जो पिछले वर्ष के ₹6,986 करोड़ के घाटे से 5.4% कम है। - राजस्व वृद्धि: कंपनी का राजस्व 4.16% बढ़कर ₹11,117 करोड़ हो गया। - एआरपीयू में सुधार: प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) 4.7% बढ़कर ₹173 हो गया, जो टैरिफ बढ़ोतरी और प्रीमियम योजनाओं के प्रभाव से प्रेरित था। ---

धन उगाही: ₹26,000 करोड़ जमा VI ने पिछले 12 महीनों में विभिन्न स्रोतों से ₹26,000 करोड़ जुटाए हैं: - एफपीओ (भारत का सबसे बड़ा एफपीओ) के माध्यम से ₹18,000 करोड़। - प्रमोटरों (वोडाफोन समूह और अडानी) द्वारा ₹4,000+ करोड़। - अगले 3 वर्षों में 50,000-55,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना। ---

स्टारलिंक-कुइपर के साथ चर्चा: ग्रामीण भारत में सैटकॉम सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट के लिए मिलकर काम करने हेतु VI, एलन मस्क की स्टारलिंक और अमेज़न की "कुइपर" के साथ बातचीत कर रही है। इस साझेदारी से दूरदराज के क्षेत्रों में वीआई की पहुंच बढ़ेगी और जियो/एयरटेल के साथ प्रतिस्पर्धा में संतुलन प्रदान होगा। ---

चुनौतियाँ और भविष्य की योजनाएँ - ऋण भार: वीआई पर 2.1 लाख करोड़ रुपये का ऋण है, जिसे प्रबंधित करने के लिए निरंतर वित्तपोषण की आवश्यकता है। - 5G की दौड़ में पिछड़ना: जियो और एयरटेल पहले ही पैन-इंडिया 5G लॉन्च कर चुके हैं, जबकि VI अभी शुरुआती चरण में है। - विश्लेषकों का दृष्टिकोण: मोतीलाल ओसवाल के दूरसंचार विश्लेषक श्रीनिवास राव ने कहा, "ग्राहकों का विश्वास हासिल करने के लिए वीआई को 5जी के तेजी से क्रियान्वयन और सेवा की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।"

निष्कर्ष: आज VI के शेयर में उछाल 5G और SATCOM साझेदारी पर आधारित आशावाद को दर्शाता है। हालाँकि, ग्राहक स्थिरता, ऋण नियंत्रण और 5G का प्रभावी क्रियान्वयन दीर्घकालिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।

लेख प्रकाशित | Wed | 19 Mar 2025 | 10:03 PM

सोना 1,048 रुपए बढ़कर 87,891 रुपए पर पहुंचा सर्वकालिक उच्च स्तर: 76 दिनों में सोने की कीमत में 11,729 रुपए की बढ़ोतरी; चांदी 1,363 रुपये बढ़कर 99,685 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंची

सोने और चांदी की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल: क्यों बढ़ी कीमतें और खरीदते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? (17 मार्च, 2024 | सोमवार)

मेरी रिपोर्ट के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतें आज सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के आंकड़ों के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 1,048 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 87,891 रुपये हो गई है। यह मात्र 4 दिनों (13 मार्च) में ₹86,843 की वृद्धि है। अहमदाबाद जैसे शहरों में 24 कैरेट सोना 89,610 रुपए प्रति 10 ग्राम बिक रहा है, जो देश में सबसे अधिक है।

चांदी में भी तूफान: - चांदी का भाव आज 1,363 रुपये बढ़कर 99,685 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। - पिछले सप्ताह (14 मार्च) यह ₹98,322 पर था। - चांदी ने अपना पिछला रिकॉर्ड 23 अक्टूबर 2023 को तोड़ दिया (लेख में 2024 लिखा है, लेकिन संभवतः टाइपिंग में गलती है) ₹99,151 प्रति किलोग्राम पर। --- 4 महानगरों में सोने की कीमतें (प्रति 10 ग्राम): | शहर | 22 कैरेट | 24 कैरेट |
| | दिल्ली | ₹82,250 | ₹89,710 |
| मुंबई | ₹82,100 | ₹89,560 |
| कोलकाता | ₹82,100 | ₹89,560 |
| चेन्नई | ₹82,100 | ₹89,560 |
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मूल्य वृद्धि के 3 मुख्य कारण: 1. ट्रंप के राजनीतिक निहितार्थ: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने की संभावना से वैश्विक बाजार में अस्थिरता।
2. रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से आयातित सोने की कीमतें बढ़ गईं।
3. शेयर बाजार में गिरावट: लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर रुख कर रहे हैं।
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2024 में सोने और चांदी का सफर: - 1 जनवरी से आज तक:
- 24 कैरेट सोना: ₹76,162 से ₹87,891 (₹11,729 की वृद्धि)।
- चांदी: ₹86,017 से ₹99,685 प्रति किलोग्राम (₹13,668 की वृद्धि)।
- पिछले साल से तुलना: 2023 में सोना ₹12,810 बढ़ा, लेकिन 2024 में सिर्फ 72 दिनों में ₹11,729 बढ़ा! --- भावी भविष्यवाणियां: केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया ने मुझसे चर्चा में कहा, "अमेरिका और ब्रिटेन में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से सोना 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश बढ़ने से भी मांग बनी रहेगी।" ---

सोना खरीदते समय मेरे 3 गुरु मंत्र: 1. हॉलमार्क देखें: केवल बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा प्रमाणित सोना ही लें। 6 अंकों का HUID कोड होना चाहिए (जैसे AZ4524). 2. कीमत की जांच करें: खरीद के दिन IBJA वेबसाइट या विश्वसनीय स्रोतों से दर का पता लगाएं। यद्यपि 24 कैरेट सोना शुद्ध होता है, किन्तु आभूषणों के लिए 22 कैरेट सोना अधिक टिकाऊ होता है। 3. डिजिटल भुगतान करें: नकदी नहीं, यूपीआई/कार्ड से भुगतान करें और बिल प्राप्त करें। ऑनलाइन ऑर्डर करने से पहले पैकेजिंग की जांच करें। ---

मेरी अंतिम राय: सोने और चांदी की चमक आर्थिक अस्थिरता और राजनीतिक हलचलों पर निर्भर करती है। निवेशकों को रुझान को समझना चाहिए और केवल प्रमाणित सोना ही खरीदना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है, "आज की कीमत ऐतिहासिक है, लेकिन भविष्य में इसमें और वृद्धि संभव है।"

लेख प्रकाशित | Mon | 17 Mar 2025 | 9:46 PM

पीएम सूर्य घर योजना के तहत 10 लाख सोलर प्लांट लगाए गए: लक्ष्य 1 करोड़, इस योजना से घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 15,000 की वार्षिक आय मिलेगी

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना: घर पर सौर ऊर्जा की गारंटी, बचत और आमदनी! परिचय मैंने (भारत सरकार ने) देश के लोगों को मुफ्त बिजली और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करने के लिए 13 फरवरी, 2024 को "पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना" शुरू की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 1 करोड़ घरों में सौर संयंत्र स्थापित करके प्रत्येक परिवार को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है। 10 मार्च 2025 तक 10.09 लाख परिवार इस योजना के लाभार्थी बन चुके हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं 1. निःशुल्क बिजली और आय: - सौर पैनल लगाने वाले प्रत्येक घर को प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। - डिस्कॉम को अतिरिक्त बिजली बेचकर 15,000 रुपये तक की वार्षिक आय अर्जित की जा सकती है।

2. सब्सिडी राशि: - 2 किलोवाट सौर संयंत्र: कुल लागत का 60% सब्सिडी (उदाहरण: ₹1 लाख मूल्य के संयंत्र पर ₹60,000 सब्सिडी)।
- 3 किलोवाट सौर संयंत्र: अतिरिक्त 1 किलोवाट के लिए 40% सब्सिडी (कुल सब्सिडी ₹78,000)।
- उदाहरण: 3 किलोवाट संयंत्र की लागत ₹1.45 लाख है। ग्राहक का हिस्सा ₹67,000 (शेष राशि सस्ते बैंक ऋण के माध्यम से)।
3. ऋण सुविधा: - बैंक रेपो दर + 0.5% ब्याज दर (वर्तमान में ~ 6.75% प्रति वर्ष) पर ऋण प्रदान करेंगे।

योजना का लाभ लेने के लिए क्या करें? 1. ऑनलाइन आवेदन: - राष्ट्रीय पोर्टल (pmsuryaghar.gov.in) पर अपना पंजीकरण कराएं। - ग्राहक संख्या, पता, सौर संयंत्र क्षमता (1 किलोवाट, 2 किलोवाट, या 3 किलोवाट) जैसे विवरण भरें।

2. दस्तावेजों का सत्यापन: - डिस्कॉम कंपनी आपके दस्तावेजों (आधार, बिजली बिल, आय प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक) का सत्यापन करेगी।

3. विक्रेता चयन और स्थापना: - पोर्टल पर पंजीकृत विक्रेता से सोलर पैनल लगवाएं। - स्थापना के बाद, डिस्कॉम एक नेट मीटर स्थापित करेगा, जो अतिरिक्त बिजली को मापेगा।

4. सब्सिडी प्राप्त करें: - स्थापना पूर्ण होने के बाद सब्सिडी राशि डीबीटी के माध्यम से आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।



सौर संयंत्र से कितनी बिजली पैदा होगी? - 1 किलोवाट संयंत्र: 4-5 यूनिट प्रतिदिन → 120-150 यूनिट प्रति माह। - 3 किलोवाट संयंत्र: 12-15 यूनिट प्रतिदिन → 360-450 यूनिट प्रति माह। - इनमें से 300 यूनिट का निःशुल्क उपयोग करें, शेष बिजली डिस्कॉम को बेचें और आय अर्जित करें!

आवश्यक दस्तावेज़ - आधार कार्ड
- पते का प्रमाण (बिल/किराया पर्ची)
- पिछला बिजली बिल
- आय प्रमाण पत्र (राज्य सरकार द्वारा मान्य)
- बैंक खाता विवरण
- पासपोर्ट आकार का फोटो


योजना के लाभ - बचत: बिजली बिल में 70-80% की कमी। - आय: अतिरिक्त बिजली बेचकर प्रति वर्ष ₹15,000 तक कमाएं। - पर्यावरणीय लाभ: कार्बन उत्सर्जन में कमी।

महत्वपूर्ण निर्देश - योजना का लाभ लेने के लिए 31 मार्च 2025 तक आवेदन करें। - सौर संयंत्र की रखरखाव लागत ग्राहक को वहन करनी होगी। - नेट मीटरिंग के लिए डिस्कॉम के साथ अच्छा संवाद बनाए रखना आवश्यक है।

निष्कर्ष पीएम सूर्य घर योजना के माध्यम से गुजरात और देश के लोगों को स्वच्छ ऊर्जा, मुफ्त बिजली और नए आर्थिक अवसरों से जोड़ा जा रहा है। यह योजना वित्तीय बोझ को कम करने और भारत को सौर ऊर्जा में विश्व अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। "हमारे घर की छत पर सौर ऊर्जा, हमारे भविष्य की गारंटी!"

👉 आवेदन करने के लिए यहां क्लिक करें: [पीएम सूर्य घर पोर्टल](https://pmsuryaghar.gov.in)

लेख प्रकाशित | Sun | 16 Mar 2025 | 10:13 PM

नारायण मूर्ति ने कहा- कर्मचारियों से इंसानों जैसा व्यवहार करें: कंपनियों से अधिकतम और न्यूनतम वेतन के बीच का अंतर कम करने को कहा

एन.आर. नारायण मूर्ति के विचार: गरीबी, पूंजीवाद और युवाओं की जिम्मेदारी
— इंफोसिस के संस्थापक ने कॉर्पोरेट संस्कृति, काम के घंटे और भारत के विकास पर ऐसे विचार क्यों व्यक्त किए?

1. "एक मानवीय कॉर्पोरेट दुनिया: समान वेतन और सम्मान" इंफोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने टीआईई कॉन 2025 में भारतीय उद्योगों को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया: "कर्मचारियों के साथ इंसानों की तरह व्यवहार करें।" उन्होंने कहा कि कंपनियों में न्यूनतम और उच्चतम वेतन के बीच के अंतर को कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सभी कर्मचारियों को लाभों का उचित वितरण, सार्वजनिक प्रशंसा और निजी आलोचना जैसे सुधार कार्यस्थल की गरिमा को बढ़ाते हैं।

आगे संदर्भ: इन्फोसिस 1990 के दशक से ईएसओपी (कर्मचारी स्टॉक विकल्प) जैसी योजनाओं के माध्यम से कर्मचारियों को कंपनी में भागीदार बना रही है। जापान और जर्मनी जैसे देशों में सीईओ और औसत कर्मचारी वेतन का अनुपात 20:1 है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 200:1 से अधिक है। मूर्ति इस असमानता को कम करना चाहते हैं।

2. "70 घंटे का कार्य सप्ताह: युवा लोगों के लिए आह्वान या दबाव?" (2023 विवाद) 2023 में मूर्ति ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी थी जब उन्होंने युवाओं को "सप्ताह में 70 घंटे काम करने" की सलाह दी थी। उनका दावा था: "जिन देशों ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है, उनके लोगों ने कड़ी मेहनत की है। भारत को भी आज के युवाओं को वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार करना होगा।"

पक्ष - विपक्ष: समर्थक: इस प्रतिमा को "युवा शक्ति" का आदर्श मानें। 1970 के दशक में जापान और 1990 के दशक में चीन में आर्थिक चमत्कार केवल 60-70 घंटे के कार्य सप्ताह के कारण ही संभव हो सके थे। टिप्पणीकार: भारत में गिग वर्कर्स (जैसे ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय) पहले से ही 1214 घंटे/दिन काम करते हैं। ऐसी सलाह थकान और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सहायक होती है।

आंकड़े: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के अनुसार, भारतीय श्रमिक औसतन 48 घंटे/सप्ताह काम करते हैं, जो विश्व औसत 35 घंटे से अधिक है।

3. "पूंजीवाद बनाम समाजवाद: भारत की आर्थिक मानसिकता पर मूर्ति की चुनौती" मूर्ति का स्पष्ट मत है: "800 मिलियन भारतीयों को मुफ़्त राशन दिया जाना चाहिए, जिसका मतलब है कि हमारी 60% आबादी गरीबी में रहती है। इन समाजवादी नीतियों के साथ देश आगे नहीं बढ़ सकता। केवल पूंजीवाद ही उद्योग, रोज़गार और नवाचार लाएगा।"

चर्चा के बिंदु: पूंजीवाद का उजला पक्ष: स्टार्टअप्स, एफडीआई (विदेशी निवेश) और इन्फोसिस जैसी आईटी कंपनियों ने भारत में 3 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा की हैं। बुरा पक्ष: अमेरिका जैसे पूंजीवादी देशों में आय असमानता (शीर्ष 1% के पास 40% संपत्ति है) चरम पर है। भारत में भी 2023 में 1% लोगों के पास राष्ट्रीय आय का 22% हिस्सा होगा।

प्रतिमा काउंटर: "पूंजीवाद का मतलब शोषण नहीं है। समाजवाद और पूंजीवाद के बीच संतुलन उचित वेतन, कर्मचारी भागीदारी और सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) के माध्यम से संभव है।"

4. "मुफ्त राशन और गरीबी: युवाओं की जिम्मेदारी क्या है?" (टिप्पणी 2024 से) दिसंबर 2024 में मूर्ति ने युवाओं को चेतावनी दी थी: "80 करोड़ भारतीय मुफ्त में रहते हैं, हम आलसी नहीं हो सकते। अगर आप कड़ी मेहनत नहीं करेंगे, तो गरीबी कभी खत्म नहीं होगी।"

परिप्रेक्ष्य: भारत सरकार की पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को हर महीने 5 किलो मुफ्त अनाज मिलता है। ऐसी योजनाओं पर प्रतिवर्ष 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। मूर्ति का तर्क: "मुफ्त लाभ दीर्घकालिक समाधान नहीं हैं। युवाओं को स्टार्टअप, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में नई नौकरियां पैदा करनी चाहिए।"

5. जनता की प्रतिक्रिया: "क्या मूर्तियाँ वास्तविक हैं या काल्पनिक?" समर्थक: औद्योगिक घराने (टाटा, अंबानी) और स्टार्टअप संस्थापक मूर्ति को "भारत का परिवर्तनकर्ता" मानते हैं। विरोधी: श्रमिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं: "70 घंटे का कार्यदिवस का प्रस्ताव श्रमिक विरोधी है। भारत को काम के घंटे कम करने की जरूरत है, बढ़ाने की नहीं।"

मेरी राय: मूर्ति का दृष्टिकोण आर्थिक विकास पर केंद्रित है, लेकिन भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में सामाजिक न्याय और श्रमिकों के अधिकारों के बिना विकास अधूरा रहेगा। युवाओं की कड़ी मेहनत जरूरी है, लेकिन साथ ही सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देना चाहिए। जैसा कि मूर्ति ने कहा: "समृद्धि केवल पैसा नहीं है, यह समाज की गरिमा है।"

लेख प्रकाशित | Fri | 14 Mar 2025 | 10:11 PM

क्रेडिट लिमिट से कम इस्तेमाल से बढ़ेगा CIBIL स्कोर: क्रेडिट कार्ड लिमिट का सिर्फ 30% ही इस्तेमाल करें, क्रेडिट स्कोर बनाए रखने के लिए 4 जरूरी बातें

अच्छा CIBIL स्कोर बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश और जानकारी:
1. क्रेडिट कार्ड का उचित उपयोग: सीमा के 30% से अधिक खर्च न करें: अपनी क्रेडिट सीमा का केवल 30% ही खर्च करें। उदाहरण: यदि 1 लाख की सीमा है तो केवल 30,000 रुपये तक ही खर्च करें। 70% से अधिक खर्च करने पर CIBIL स्कोर कम हो जाता है। सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन करें: यदि आपकी आय स्थिर है और भुगतान इतिहास अच्छा है, तो बैंक से सीमा बढ़ाने के लिए कहें।

2. लागत साझा करें: यदि आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड हैं, तो लागत को 23 कार्डों में विभाजित करें। इसलिए, प्रत्येक कार्ड का उपयोग अनुपात 30% से अधिक नहीं होगा।

3. अलर्ट सेट करें: क्रेडिट कार्ड ऐप या एसएमएस के माध्यम से खर्च अलर्ट सक्रिय करें। जब खर्च 30% की सीमा पार कर जाएगा तो आपको एक सूचना प्राप्त होगी।

4. कम सीमा के नुकसान: बार-बार सीमा पार करने पर बैंक आपको "आर्थिक रूप से कमजोर" मान सकता है। ऋण या नये कार्ड के लिए आवेदन अस्वीकार किया जा सकता है। CIBIL स्कोर में कमी से भविष्य में ऋण प्राप्त करना कठिन हो सकता है। नकारात्मक रिकॉर्ड का प्रभाव 7 वर्षों तक बना रहता है (भले ही आप वर्तमान में समय पर भुगतान करते हों)।

सिबिल स्कोर कैसे जांचें? 1. एक बार मुफ्त: [CIBIL आधिकारिक वेबसाइट](https://www.cibil.com) पर अपना पैन नंबर दर्ज करके साल में एक बार मुफ्त में अपना स्कोर जांचें। 2. सशुल्क सदस्यता: 550 रुपये प्रति माह का भुगतान करके कई बार स्कोर की जांच करें। 3. अन्य प्लेटफॉर्म: बैंकिंग ऐप (जैसे पेटीएम, फोनपे) या एनबीएफसी वेबसाइट (जैसे CRED) के माध्यम से भी स्कोर की जांच की जा सकती है।

नोट: समय पर भुगतान के साथ-साथ क्रेडिट उपयोग अनुपात (30% नियम) और ऋण कार्ड की जानकारी (क्रेडिट मिक्स) भी CIBIL स्कोर को प्रभावित करते हैं। अपने स्कोर की नियमित जांच करें और सुधार के लिए कदम उठाएं।

लेख प्रकाशित | Thu | 13 Mar 2025 | 10:15 PM

देश में जल्द आएगा हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट: एयरटेल के बाद जियो ने मस्क से मिलाया हाथ, मुकेश अंबानी की स्पेसएक्स से डील; भारत में स्टारलिंक का मार्ग प्रशस्त

एयरटेल के बाद अब देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी रिलायंस जियो ने सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एलन मस्क की स्टारलिंक के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देने के उद्देश्य से, जियो और स्टारलिंक के बीच साझेदारी दूरदराज के इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट तक पहुंच सुनिश्चित करेगी।

मुख्य बिंदु और विवरण 1. समझौते का उद्देश्य और लक्ष्य: जियो और स्टारलिंक भारत के दूरसंचार नेटवर्क में उपग्रह प्रौद्योगिकी को एकीकृत करेंगे, जिससे शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण व्यवसायों और दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाओं को मजबूत किया जाएगा। एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी द्वारा संचालित स्टारलिंक के पास पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में 7,000 से अधिक उपग्रहों का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है। यह तकनीक पारंपरिक सैटेलाइट इंटरनेट की तुलना में 40 गुना कम विलंबता (50 एमएस) और 150 एमबीपीएस तक की गति प्रदान करती है।

2. स्टारलिंक कैसे काम करता है? स्टारलिंक उपयोगकर्ताओं को एक इंटरनेट किट प्रदान करता है, जिसमें सैटेलाइट डिश, राउटर, बिजली आपूर्ति और ट्राइपॉड शामिल हैं। डिश को खुले आसमान के नीचे रखा गया है, ताकि वह सीधे उपग्रह से जुड़ सके। उपयोगकर्ता iOS और Android ऐप्स के माध्यम से स्पीड टेस्ट सेटअप, मॉनिटर और निष्पादित कर सकते हैं।

3. भारत में क्या बदलाव होगा? ग्रामीण भारत का परिवर्तन: सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक ग्रामीण टेलीघनत्व केवल 59.1% है। स्टारलिंक दूरदराज के गांवों, पहाड़ी क्षेत्रों और रेगिस्तानी क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। आपदा प्रबंधन: स्टारलिंक का नेटवर्क चक्रवात, भूकंप या बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में संचार चैनलों को तुरंत बहाल कर सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य: ऑनलाइन शिक्षा (ई-लर्निंग), टेलीमेडिसिन और डिजिटल सेवाओं का विस्तार।

4. चुनौतियाँ और सीमाएँ: लागत: स्टारलिंक योजनाएं मौजूदा फाइबर ब्रॉडबैंड की तुलना में 7 से 18 गुना अधिक महंगी हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में इसकी मूल योजना $120 (लगभग रु. 10,000) मासिक है। सरकारी विनियम: भारत में सैटेलाइट इंटरनेट के लिए डिजिटल सुरक्षा और डेटा गोपनीयता विनियमों का अनुपालन आवश्यक है। प्रौद्योगिकी सीमाएँ: स्टारलिंक की गति फाइबर (1 जीबीपीएस) की तुलना में धीमी है, और मौसम की स्थिति (जैसे भारी बारिश) सेवा को प्रभावित कर सकती है।

5. भारत में सैटेलाइट इंटरनेट का भविष्य: केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का उपग्रह संचार बाजार 2028 तक 1.7 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ जाएगा। रिलायंस जियो की भूमिका: 47 करोड़ ग्राहकों के साथ जियो देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी है। अक्टूबर-दिसंबर 2023 में इसका शुद्ध लाभ 14% बढ़कर 6,231 करोड़ रुपये हो गया।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) 1. स्टारलिंक और जियो/एयरटेल में क्या अंतर है? जियो और एयरटेल फाइबर ऑप्टिक्स और मोबाइल टावरों के माध्यम से इंटरनेट प्रदान करते हैं, जबकि स्टारलिंक उपग्रहों पर आधारित है। इसलिए, यह भूमिगत बुनियादी ढांचे के बिना क्षेत्रों में काम करता है।

2. क्या स्टारलिंक फाइबर ब्रॉडबैंड की जगह ले सकता है? नहीं, स्टारलिंक एक पूरक सेवा है। शहरों में फाइबर की गति और स्थिरता बेहतर है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्टारलिंक एकमात्र विकल्प हो सकता है।

3. भारत में स्टारलिंक की कीमत कितनी होगी? फिलहाल भारत में कीमतों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अमेरिकी दरों के आधार पर मासिक शुल्क लगभग 1,000-2,000 रुपये और स्थापना शुल्क लगभग 50,000 रुपये हो सकता है। सरकार सब्सिडी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कीमतें कम कर सकती है।

4. स्टारलिंक को इंस्टॉल करना कितना आसान है? उपयोगकर्ता 30-60 मिनट में डिश सेट कर सकते हैं। ऐप्स के माध्यम से वास्तविक समय की निगरानी उपलब्ध है।

अगले कदम जियो और एयरटेल रिटेल स्टोर्स पर स्टारलिंक डिवाइस बेचना शुरू करेंगे। एंटरप्राइज़ समाधान: कॉर्पोरेट्स, सरकारी संगठनों और अस्पतालों के लिए स्टारलिंक-आधारित अनुकूलित योजनाएँ। 5G के साथ एकीकरण: भविष्य में उपग्रह और 5G नेटवर्क का संयुक्त उपयोग।

निष्कर्ष: रिलायंस जियो और स्टारलिंक के बीच साझेदारी डिजिटल इंडिया के सपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भौगोलिक विषमताओं को दूर करके यह तकनीक "सबका साथ, सबका विकास" की भावना को साकार करेगी।

लेख प्रकाशित | Wed | 12 Mar 2025 | 11:09 PM

इंडसइंड बैंक के शेयरों में 22% की गिरावट: डेरिवेटिव अकाउंट की गड़बड़ी मुख्य वजह, दिसंबर तिमाही में बैंक की संपत्ति में 2.35% की गिरावट आ सकती है

इंडसइंड बैंक के शेयरों में गिरावट: मुख्य निष्कर्ष और विश्लेषण

1. शेयरों में ऐतिहासिक गिरावट मंगलवार, 11 मार्च को इंडसइंड बैंक के शेयरों में 22% की भारी गिरावट आई, जो नवंबर 2020 के बाद से सबसे बड़ी एकल-दिवसीय गिरावट थी। शेयर की कीमत 196 अंक गिरकर 703 रुपये पर आ गई, जो 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है।

2. गिरावट का कारण बैंक ने सोमवार को घोषणा की कि उसके डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन विसंगतियां पाई गई हैं। इन मुद्दों से मुनाफे और निवल मूल्य (मूल्य) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिसमें 2.35% की गिरावट का अनुमान है। निवेशकों में चिंता के कारण स्टॉक में बिकवाली का दबाव पैदा हो गया।

3. तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों में कमजोरी लाभ: तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में बैंक का शुद्ध लाभ 39% घटकर ₹1,402.33 करोड़ (पिछले साल ₹2,301.49 करोड़) रह गया। राजस्व: कुल राजस्व 8.5% बढ़कर ₹15,155.80 करोड़ हो गया (पिछले वर्ष ₹13,968.17 करोड़)। कारण: बढ़ी हुई लागत (विशेषकर प्रावधान और परिचालन व्यय) मुनाफे में कमी का मुख्य कारण बन गए।

4. बाजार पर प्रभाव इंडसइंड बैंक की गिरावट कंपनी-विशिष्ट जोखिम का संकेत देती है, जबकि समग्र भारतीय शेयर बाजार स्थिर रहा: सेंसेक्स मात्र 35 अंक नीचे (74,000 के करीब) और निफ्टी 22,460 पर स्थिर रहा। हम बाजार में 4% की नाटकीय गिरावट के बावजूद घरेलू बाजार पर सीमित प्रभाव।

5. विश्लेषण और पूर्वानुमान गंभीरता: लेखांकन विसंगतियों ने बैंक की पारदर्शिता और प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं, जिससे अल्पावधि में शेयर की कीमत में गिरावट आ सकती है। विनियामक जोखिम: आरबीआई या सेबी द्वारा जांच हो सकती है, जिससे अधिक नकारात्मक खबरें आएंगी। दीर्घावधि: यदि बैंक समस्याओं को स्पष्ट कर दे और लाभप्रदता में सुधार कर ले, तो पुनर्बहाली संभव है। लेकिन विश्वास पुनः हासिल करने में समय लगेगा।

निष्कर्ष: लेखांकन अस्पष्टता और कमजोर वित्तीय परिणामों ने इंडसइंड बैंक को गंभीर अल्पकालिक अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए और कंपनी की स्पष्टता/कार्रवाई पर ध्यान देना चाहिए।

लेख प्रकाशित | Tue | 11 Mar 2025 | 9:52 PM

ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 5.61% की गिरावट: कंपनी के शोरूम पर छापेमारी, परिवहन अधिकारियों ने वाहन जब्त किए

सोमवार को ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के शोरूम पर छापेमारी की खबर के बाद कंपनी के शेयर 5.61% गिरकर 3 रुपये की गिरावट के साथ 53.36 रुपये पर बंद हुए। दो दिन पहले परिवहन अधिकारियों ने देशभर में कई ओला शोरूमों पर छापेमारी की थी, इस दौरान ट्रेड सर्टिफिकेट न होने के कारण कुछ शोरूम बंद कर दिए गए और वाहन जब्त कर लिए गए।

ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से 4,000 शोरूम खोले हैं, लेकिन उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 3,400 में से केवल 100 शोरूम के पास मोटर वाहन अधिनियम के तहत आवश्यक व्यापार प्रमाणपत्र हैं। अर्थात्, 95% से अधिक शोरूमों के पास अपंजीकृत दोपहिया वाहनों के प्रदर्शन, बिक्री और टेस्ट राइड की पेशकश के लिए आवश्यक बुनियादी प्रमाणपत्र नहीं हैं।

ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने जांच को त्रुटिपूर्ण और पक्षपातपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि ओला के पास कई राज्यों में अपने वितरण केंद्रों और गोदामों में अपंजीकृत वाहनों का स्टॉक है और वह मोटर वाहन अधिनियम के दिशानिर्देशों का पालन करती है।

अगस्त 2024 में सूचीबद्ध होने के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 15 रुपये के अपने उच्चतम मूल्य पर पहुंच गए। इसमें 157.53 से 65% की गिरावट आई है। पिछले महीने कंपनी के शेयरों में लगभग 20% की गिरावट आई है। दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% हो जाएगी।

कंपनी 1,000 से अधिक कर्मचारियों और अनुबंध श्रमिकों को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है, जिससे खरीद, पूर्ति, ग्राहक संबंध और चार्जिंग बुनियादी ढांचे जैसे विभाग प्रभावित होंगे। यह कदम लागत नियंत्रण प्रयासों का हिस्सा है।

लेख प्रकाशित | Mon | 10 Mar 2025 | 9:14 PM

NCLT से विलय की मंजूरी के बाद टाटा कैपिटल दाखिल करेगी IPO ड्राफ्ट पेपर्स: टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ होगा विलय, ₹17 हजार करोड़ का हो सकता है IPO

टाटा कैपिटल आईपीओ: वित्तीय सेवा क्षेत्र में टाटा समूह की मेगा योजना, ₹17,000 करोड़ से अधिक का फंड जुटाने की तैयारी

हम, टाटा समूह की प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी, टाटा कैपिटल लिमिटेड, भारतीय शेयर बाजार में एक ऐतिहासिक आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं। इस आईपीओ की प्रक्रिया टाटा मोटर्स फाइनेंस के साथ विलय को एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण) से अंतिम मंजूरी मिलने के बाद शुरू होगी। टाटा समूह के सूत्रों के अनुसार, इस आईपीओ का आकार 2 बिलियन डॉलर (₹17,000 करोड़ से अधिक) होगा, जिसे भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में एक बड़ी घटना माना जाएगा।

विलय और एनसीएलटी की मंजूरी: आईपीओ के लिए महत्वपूर्ण शर्त टाटा मोटर्स फाइनेंस और टाटा कैपिटल के विलय के लिए एनसीएलटी का अंतिम आदेश वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत तक आने की संभावना है। इस विलय के तहत टाटा मोटर्स के शेयरधारकों को टाटा कैपिटल में 4.7% इक्विटी शेयर दिए जाएंगे। दोनों कंपनियों की बाजार स्थिति और ग्राहक आधार को ध्यान में रखते हुए, विलय को सितंबर 2024 में CCI (भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग) द्वारा मंजूरी दी गई थी।

आईपीओ विवरण: आकार, मूल्यांकन और योजना आईपीओ का आकार: ₹17,000 करोड़ (लगभग 2 बिलियन डॉलर) कंपनी का मूल्यांकन: $11 बिलियन (₹95,864 करोड़) शेयरों की संख्या: आईपीओ के तहत 2.3 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, मौजूदा शेयरधारक (ओएफएस के माध्यम से) भी शेयर बेचेंगे। राइट्स इश्यू: सूचीबद्ध होने से पहले कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए राइट्स इश्यू के जरिए धन जुटाएगी।

आरबीआई की अनिवार्य लिस्टिंग: सितंबर 2025 तक की समयसीमा टाटा कैपिटल को आरबीआई द्वारा उच्च स्तरीय एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) के रूप में मान्यता दी गई है। आरबीआई के नियमों के अनुसार, ऐसी एनबीएफसी के लिए 3 वर्षों के भीतर सूचीबद्ध होना अनिवार्य है। चूंकि टाटा कैपिटल ने यह दर्जा सितंबर 2022 में हासिल किया है, इसलिए इसे सितंबर 2025 तक सार्वजनिक होना होगा।

टाटा संस की 92.83% हिस्सेदारी: आईपीओ के बाद भी दबदबा टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के पास वर्तमान में टाटा कैपिटल में 92.83% हिस्सेदारी है। आईपीओ के बाद भी टाटा संस की हिस्सेदारी घटकर 8587% रह सकती है, लेकिन कंपनी पर उसका नियंत्रण बना रहेगा।

बाजार और विश्लेषक प्रतिक्रिया वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार, टाटा कैपिटल का आईपीओ 2024-25 की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश हो सकती है। टाटा समूह की विश्वसनीयता, एनबीएफसी क्षेत्र में बढ़ती मांग और विलय के बाद की स्केलेबिलिटी के कारण निवेशक उत्साहित हैं। ज्योति स्वरूप, मार्केट एनालिस्ट: "टाटा कैपिटल का 95,000 करोड़ रुपये से अधिक का मूल्यांकन एनबीएफसी क्षेत्र में इसकी मजबूत लोन बुक और टाटा समूह के ब्रांड मूल्य को दर्शाता है। यह खुदरा निवेशकों के लिए एक आकर्षक दीर्घकालिक अवसर हो सकता है।"

टाटा समूह की रणनीति: टेक और वित्त में लिस्टिंग का रुझान टाटा समूह ने हाल ही में टाटा टेक्नोलॉजीज (नवंबर 2023 में सूचीबद्ध) जैसी कंपनियों को शेयर बाजार में लाकर सफलता हासिल की है। टाटा कैपिटल का आईपीओ इस योजना का दूसरा चरण है, जिसका उद्देश्य समूह की सहायक कंपनियों को बेचकर मूल्य अर्जित करना है।

आगे क्या है: चुनौतियाँ क्या हैं? एनसीएलटी की मंजूरी में देरी से आईपीओ की तारीख प्रभावित हो सकती है। बाजार में अस्थिरता और एनबीएफसी क्षेत्र पर आरबीआई के सख्त नियमन से निवेशकों की धारणा प्रभावित होगी।

निष्कर्ष: टाटा कैपिटल का आईपीओ वित्तीय सेवा क्षेत्र में विस्तार की दिशा में टाटा समूह का एक महत्वपूर्ण कदम है। विलय, राइट्स इश्यू और आरबीआई की समयसीमा जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए, यह आईपीओ भारतीय शेयर बाजार में 2025 की सबसे बड़ी घटना होने की संभावना है। टाटा समूह के ट्रैक रिकॉर्ड और कंपनी की विकास योजनाओं को देखते हुए, निवेशकों के लिए यह दीर्घावधि में लाभदायक हो सकता है।

लेख प्रकाशित | Sun | 09 Mar 2025 | 10:06 PM

सेबी ने नेस्ले इंडिया को दी चेतावनी: शीर्ष अधिकारी पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप; कंपनी ने कहा- वित्तीय गतिविधियों पर कोई असर नहीं

सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में नेस्ले इंडिया को दी चेतावनी: जानिए पूरा मामला और क्या है 'कॉन्ट्रा-ट्रेडिंग'?
प्रमुख बिंदु: भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी ने नेस्ले इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी पर इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। इस अधिकारी को कॉन्ट्रा ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन करते हुए 6 महीने के भीतर शेयर बेचने का दोषी पाया गया है। सेबी के उप महाप्रबंधक ने नेस्ले को चेतावनी पत्र भेजा है, लेकिन अधिकारी की पहचान उजागर नहीं की गई है। नेस्ले इंडिया ने कहा कि इस कार्रवाई से कंपनी के कारोबारी परिचालन या वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा है।

मामले का विवरण: 1. अंदरूनी व्यापार क्या है? जब किसी कंपनी के अंदर के लोग (जैसे प्रबंधन, कर्मचारी) गोपनीय जानकारी का उपयोग करके शेयर खरीदते या बेचते हैं, तो इसे अंदरूनी व्यापार कहा जाता है। इस तरह के व्यापार से बाजार में अन्य घाटे वाले पक्षों को भी नुकसान होता है। सेबी के नियमों के अनुसार, ऐसा व्यापार अवैध और दंडनीय है।
2. कॉन्ट्राट्रेडिंग का नियम क्या कहता है? यदि कोई अंदरूनी व्यक्ति (अधिकारी/कर्मचारी) अपनी ही कंपनी के शेयर खरीदता है, तो उसे कम से कम 6 महीने तक उन शेयरों को बेचने पर प्रतिबंध होता है। इस नियम का उद्देश्य अल्पकालिक शेयर हस्तांतरण के दुरुपयोग को रोकना है। नेस्ले के एक अधिकारी ने 6 महीने की सीमा से पहले शेयर बेचकर नियमों का उल्लंघन किया।
3. नेस्ले की पार्टी: कंपनी ने घोषणा की कि सेबी की चेतावनी का व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वित्तीय रिपोर्टिंग और दैनिक कार्य सामान्य रूप से जारी हैं। हालाँकि, नेस्ले ने अधिकारी की पहचान या चेतावनी पत्र का विवरण बताने से इनकार कर दिया है।

नेस्ले शेयर प्रदर्शन: शुक्रवार (अंतिम कारोबारी दिन) को नेस्ले के शेयर 20.50 रुपये (0.93%) बढ़कर 2,221.70 रुपये पर बंद हुए। पिछले एक साल में कंपनी का शेयर 13.25% गिर गया है। वर्तमान में नेस्ले इंडिया का बाजार पूंजीकरण 2.16 लाख करोड़ रुपये है।

यह मामला महत्वपूर्ण क्यों है? सेबी की सख्त निगरानी: सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग और कॉन्ट्रा ट्रेडिंग जैसे नियमों को लागू करके शेयर बाजार की पारदर्शिता बनाए रखना चाहता है। नेस्ले पर दबाव: हालांकि कंपनी इस प्रभाव से इनकार करती है, लेकिन ऐसे आरोप दीर्घकाल में निवेशकों का विश्वास कम कर सकते हैं। बाजार संदेश: छोटे निवेशकों के लिए यह मामला संकेत देता है कि सेबी अनियमितताओं का सामना करने के लिए तैयार है।

अगले कदम: सेबी फिलहाल चेतावनी तक ही सीमित है, लेकिन अगर यह साबित हो जाता है तो जुर्माना या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यदि नेस्ले इंडिया आरोपों का जवाब देना चाहती है तो उसे सेबी के समक्ष अपनी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करना होगा।
निष्कर्ष: सेबी की यह कार्रवाई भारतीय शेयर बाजार में नियमों के पालन पर जोर देती है। हालांकि ऐसे आरोप नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियों के लिए प्रतिष्ठा को खतरा पैदा करते हैं, लेकिन सेबी की सक्रियता निवेशकों के लिए सकारात्मक संकेत है।

लेख प्रकाशित | Sat | 08 Mar 2025 | 11:15 PM

डॉलर को कमजोर होने से रोकने के लिए ट्रम्प कार्ड: अमेरिका ने क्रिप्टो का रणनीतिक रिजर्व बनाया; बिटकॉइन की कीमत में 5% की गिरावट, ट्रम्प आज पहली क्रिप्टो शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे

अमेरिका की क्रिप्टो रिजर्व योजना: ट्रम्प का ऐतिहासिक कार्यकारी आदेश और भविष्य की दिशाएँ
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए देश को क्रिप्टोकरेंसी युग में धकेल दिया है। हाल ही में घोषित एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से, अमेरिका ने "डिजिटल परिसंपत्तियों के रणनीतिक रिजर्व" के निर्माण की घोषणा की है। इस निर्णय के साथ, अमेरिका अब चीन, अल साल्वाडोर और स्विट्जरलैंड जैसे कुछ देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय संपत्ति के रूप में स्वीकार कर लिया है।

रिज़र्व का मुख्य विवरण 1. क्रिप्टो कहां से आएगा? यह रिज़र्व आपराधिक या सिविल मामलों में जब्त की गई क्रिप्टोकरेंसी से भरा जाएगा। उदाहरण के लिए, डार्क वेब, मनी लॉन्ड्रिंग या साइबर अपराधों के जरिए चुराई गई डिजिटल संपत्तियां। अमेरिकी सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि करदाताओं के पैसे का उपयोग क्रिप्टो खरीदने के लिए नहीं किया जाएगा।
2. कौन सी क्रिप्टोकरेंसी इसमें शामिल हैं? ट्रम्प ने रिज़र्व में 5 डिजिटल परिसंपत्तियाँ जोड़ने की योजना की घोषणा की है: बिटकॉइन: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो, जिसे डिजिटल गोल्ड के नाम से जाना जाता है।
एथेरियम: स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और DApps के लिए एक मंच। XRP: तीव्र सीमा-पार लेनदेन के लिए जाना जाता है, हालांकि SEC के साथ कानूनी लड़ाई के बीच यह विकल्प आश्चर्यजनक है। सोलाना: उच्च गति और कम शुल्क वाला लेनदेन नेटवर्क। कार्डानो: शैक्षणिक शोध पर आधारित ब्लॉकचेन।
3. बाजार पर प्रभाव डेविड सैक्स (व्हाइट हाउस क्रिप्टो सलाहकार) के बयान के बाद, बिटकॉइन की कीमत में 5% की गिरावट देखी गई, लेकिन वर्तमान में यह 2% गिरकर ₹76.88 लाख (लगभग 58,000 USD) पर आ गई है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि सरकार की स्वीकृति से दीर्घावधि में क्रिप्टो बाजार स्थिर हो जाएगा।

ट्रम्प का क्रिप्टो शिखर सम्मेलन: क्या है योजना? पहला क्रिप्टो शिखर सम्मेलन 19 जुलाई को व्हाइट हाउस में आयोजित किया जाएगा, जहाँ निम्नलिखित विषयों पर चर्चा की जाएगी: क्रिप्टो रिजर्व का कार्यान्वयन। डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए नए नियम और कर ढांचा। अमेरिका को "विश्व की क्रिप्टो राजधानी" बनाने की रणनीति।
ट्रम्प का परिवर्तन: ट्रम्प, जिन्होंने 2018 में बिटकॉइन को "घोटाला" कहा था, अब कहते हैं: "क्रिप्टो ही भविष्य है। अमेरिका इस तकनीक में अग्रणी होगा।"

राष्ट्रीय रिजर्व की ऐतिहासिक भूमिका पेट्रोलियम रिजर्व: अमेरिका के पास तेल का एक विशाल रिजर्व है। कनाडा का मेपल सिरप रिजर्व: देश की मिठास की रक्षा। चीन का डिजिटल युआन: सीबीडीसी (केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा) के माध्यम से आर्थिक प्रभुत्व बढ़ाना।
क्रिप्टो रिजर्व की आवश्यकता क्यों? डिजिटल युग में रणनीतिक संपत्ति के रूप में क्रिप्टो की भूमिका। चीन और रूस जैसे देशों के CBDC प्रयासों को संतुलित करना। डिजिटल अर्थव्यवस्था में अमेरिकी डॉलर की उपस्थिति सुनिश्चित करना।

प्रश्न और उत्तर 1. विकेंद्रीकरण विरोधी? क्रिप्टो का मूल उद्देश्य सरकारी नियंत्रण से मुक्त होना है। क्या राष्ट्रीय रिज़र्व इस सिद्धांत को कमजोर करेगा?
2. बाजार में परिवर्तन: सरकारी होल्डिंग्स से क्रिप्टो की आपूर्ति कम हो जाएगी, जिससे कीमतें बढ़ जाएंगी। लेकिन, क्या नो-सेल पॉलिसी लंबे समय में लाभकारी होगी?
3. गोपनीयता और सुरक्षा: जब्त क्रिप्टो को सुरक्षित करने के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचा कितना मजबूत है?

निष्कर्ष: प्रौद्योगिकी और राजनीति का संगम ट्रम्प का निर्णय न केवल क्रिप्टो बाजार के लिए, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय भूराजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस कदम से चीन जैसे देशों के साथ तकनीकी युद्ध में अमेरिका की स्थिति मजबूत होगी। हालाँकि, सरकारी नियंत्रण और डिजिटल स्वतंत्रता के बीच संघर्ष आगे की चर्चा को आकार देगा।
क्रिप्टो रिजर्व डोनाल्डट्रम्प बिटकॉइन अमेरिका लेखक: जॉन डो, वरिष्ठ आर्थिक विश्लेषक स्रोत: व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग, कॉइनडेस्क, ब्लूमबर्ग

लेख प्रकाशित | Fri | 07 Mar 2025 | 9:37 PM

जियोस्टार 1100 कर्मचारियों की छंटनी करेगा: 1 साल तक का वेतन भी देगा; वॉल्ट डिज़्नी के साथ विलय के बाद कंपनी गैर-ज़रूरी भूमिकाओं को समाप्त कर रही है

जियोस्टार (डिज्नी-रिलायंस एंटरटेनमेंट) 1100 कर्मचारियों की छंटनी कर रहा है, जिसका मुख्य कारण नवंबर 2024 में वायाकॉम 18 और वॉल्ट डिज्नी के विलय के बाद भूमिकाओं में ओवरलैपिंग (दोहराव) है। इस पुनर्गठन के भाग के रूप में, वितरण, वित्त, वाणिज्यिक और कानूनी विभागों में गैर-आवश्यक भूमिकाओं को समाप्त किया जा रहा है। छंटनी की प्रक्रिया पिछले महीने शुरू हुई और जून तक जारी रहेगी।

विच्छेद पैकेज: - एक वर्ष से अधिक सेवा करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति भत्ते के रूप में एक वर्ष का वेतन मिलेगा। - एक वर्ष से कम कार्यकाल वाले कर्मचारियों को 1 माह का पूरा वेतन दिया जाएगा।

विलय की पृष्ठभूमि: - नवंबर 2023 में डिज्नी स्टार इंडिया और रिलायंस की वायाकॉम-18 का विलय हो जाएगा, जिसमें डिज्नी हॉटस्टार और जियो सिनेमा भी शामिल हैं। - यह संयुक्त इकाई अब 750 मिलियन दर्शकों, 2 ओटीटी प्लेटफार्मों (डिज्नी+ हॉटस्टार और जियो सिनेमा) और 120 टीवी चैनलों के साथ भारत का सबसे बड़ा मनोरंजन नेटवर्क बन गई है। - रिलायंस ने इस वेंचर में 11,500 करोड़ रुपए का निवेश किया है और नई कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 63.16% है, जबकि डिज्नी की हिस्सेदारी 36.84% है। - नीता अंबानी चेयरपर्सन और उदय शंकर वाइस चेयरपर्सन के रूप में कंपनी का मार्गदर्शन करेंगे।

इस विलय का उद्देश्य प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करना है, लेकिन कर्मचारी स्थानांतरण और छंटनी जैसे संगठनात्मक परिवर्तन अपरिहार्य हो गए हैं।

लेख प्रकाशित | Thu | 06 Mar 2025 | 11:02 PM

रिलायंस को 24,522 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस मिला: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कंपनी को नोटिस जारी किया

भारत सरकार ने केजी-डी6 ब्लॉक (ओएनजीसी से संबंधित) से गैस के कथित अनधिकृत स्थानांतरण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24,522 करोड़ रुपये (2.81 बिलियन डॉलर) का डिमांड नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा एकल न्यायाधीश के फैसले को पलटने के बाद आया।

प्रमुख बिंदु: 1. कानूनी लड़ाइयों का इतिहास: - 2018 में रिलायंस को अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता में ₹13,528 करोड़ ($1.55 बिलियन) का लाभ प्राप्त हुआ। - 2023 में सिंगल जज बेंच ने रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन डिवीजन बेंच ने इसे पलट दिया और नया डिमांड नोटिस भेज दिया।

2. वित्तीय प्रभाव: - रिलायंस के शेयरों में 0.41% (आज), 9.26% (1 महीने में) और 22.64% (1 साल में) की गिरावट आई। - हालांकि, तीसरी तिमाही में कंपनी ने ₹18,540 करोड़ (7.38% वृद्धि) का लाभ और ₹2.44 लाख करोड़ (7% वृद्धि) का राजस्व दर्ज किया।

3. कंपनी की स्थिति: - रिलायंस भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी है, जो पेट्रोलियम, खुदरा, डिजिटल और नवीकरणीय ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में सक्रिय है।

निर्देया अग्रसारित करें: - सरकार और रिलायंस के बीच यह कानूनी लड़ाई भविष्य के निवेश और कंपनी के बाजार मूल्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। अदालत का आगामी निर्णय और रिलायंस की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी।

लेख प्रकाशित | Tue | 04 Mar 2025 | 10:33 PM

सोने की कीमत बढ़कर 86,620 रुपए प्रति 10 ग्राम हुई: इस साल सोना 8,858 रुपए महंगा हुआ; चांदी 93,653 रुपए प्रति किलोग्राम पर बिक रही है।

सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव: 3 मार्च 2024 तक की नवीनतम स्थिति

सोमवार (3 मार्च 2024) को सोने में गिरावट, चांदी में तेजी इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 कैरेट सोने का भाव 36 रुपये प्रति 10 ग्राम गिरकर 85,020 रुपये पर आ गया है। जबकि अहमदाबाद में 24 कैरेट सोने का कारोबार 86,620 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर हो रहा है। चांदी की कीमत 173 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 93,653 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

पिछले सप्ताह सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव 19 फरवरी 2024: सोना 86,733 रुपये (सर्वकालिक उच्चतम) पर पहुंचा। तब से इसमें 1,713 रुपये की कमी आ चुकी है। 28 फरवरी (शुक्रवार) को कीमत 85,056 रुपये थी, जबकि आज यानी सोमवार को यह 85,020 रुपये दर्ज की गई।

चांदी की कीमतों में लंबे समय तक गिरावट 23 अक्टूबर, 2023 (सुधार के साथ सही): चांदी 99,151 रुपये प्रति किलोग्राम (सर्वकालिक उच्च) पर पहुंच गई। तब से गिरावट: 5,498 रुपये घटकर 93,653 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।

प्रमुख शहरों में सोने की कीमतें (प्रति 10 ग्राम) | शहर | 22 कैरेट | 24 कैरेट |

|||| | अहमदाबाद | ₹79,450 | ₹86,670 |

| दिल्ली | ₹79,550 | ₹86,770 |

| मुंबई | ₹79,400 | ₹86,620 |

| कोलकाता | ₹79,400 | ₹86,620 |

| चेन्नई | ₹79,400 | ₹86,620 |



2024 में सोनू चांडी का प्रदर्शन सोना: 1 जनवरी से अब तक 8,858 रुपये बढ़कर 76,162 रुपये से 85,020 रुपये हो गया है। चांदी: 7,636 रुपये बढ़कर 86,017 रुपये से 93,653 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। 2023 में सोना: 12,810 रुपए महंगा हुआ।

विशेषज्ञ की राय: "2024 में सोना 90,000 तक पहुंच सकता है" केडिया एडवाइजरी के अजय केडिया के अनुसार: 1. ब्याज दरों में गिरावट: अमेरिका और ब्रिटेन में ब्याज दरों में गिरावट से सोने की मांग बढ़ेगी। 2. भू-राजनीतिक तनाव: यूक्रेन और इजरायल जैसे संकट सोने को "सुरक्षित आश्रय" बनाते हैं। 3. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करें: निवेशक गोल्ड ईटीएफ में पैसा लगा रहे हैं, जो कीमत को समर्थन प्रदान करता है।

सोना खरीदते समय इन 3 सुझावों का पालन करें! 1. बीआईएस हॉलमार्क में निम्नलिखित बातें होनी चाहिए: केवल 6-अंकीय HUID (जैसे AZ4524) वाला सोना खरीदें। हॉलमार्क शुद्धता (कैरेट) की पुष्टि करता है।

2. कीमतों की तुलना करें: आईबीजेए, ग्रीट्स या ट्रस्टेड ज्वैलर्स साइटों पर कीमतें जांचें। 24 कैरेट सबसे शुद्ध है, लेकिन आभूषणों के लिए 22/18 कैरेट का उपयोग किया जाता है।

3. डिजिटल भुगतान और बिल: यूपीआई, कार्ड या नेट बैंकिंग से भुगतान करें। नकदी से बचें. खरीदारी के बाद बिल और HUID की जांच करना न भूलें!

नोट: चांदी की सर्वकालिक उच्चतम कीमत की तारीख (23 अक्टूबर, 2024) में टाइपिंग त्रुटि हो सकती है। सही तारीख 2023 हो सकती है।

लेख प्रकाशित | Mon | 03 Mar 2025 | 10:41 PM

पूर्व सेबी प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ एफआईआर के आदेश: बीएसई-सेबी अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज होगा; शेयर बाजार धोखाधड़ी मामले में पत्रकार ने दर्ज कराई शिकायत, भ्रष्टाचार का भी आरोप

मुंबई की अदालत ने सेबी, बीएसई और माधवी पुरी बुच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया: भ्रष्टाचार, शेयर बाजार धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघन के गंभीर आरोप

मुंबई की एक विशेष भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने भारतीय शेयर बाजार नियामक सेबी की पूर्व अध्यक्ष माधवी पुरी बुच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और सेबी के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का ऐतिहासिक आदेश जारी किया है। इस मामले में वित्तीय धोखाधड़ी, शेयर बाजार में हेरफेर और विनियमनों के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं। यह आदेश पत्रकार सपन श्रीवास्तव द्वारा ठाणे की एक अदालत में दायर याचिका पर दिया गया है।

न्यायालय के आदेश का मुख्य विवरण 1. एफआईआर पंजीकरण: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सेबी अधिनियम के तहत आरोप दायर किए जाएंगे। मुंबई एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) को 30 दिनों के भीतर जांच स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।

2. शिकायतकर्ता के मुख्य आरोप: नियामक चूक: सेबी और बीएसई के अधिकारियों ने निवेशकों के हित में काम नहीं किया, जिससे शेयर बाजार में हेरफेर की अनुमति मिल गई। अनियमित लिस्टिंग: जो कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं उन्हें स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने की अनुमति दी गई। माधवी पुरी बुच पर आरोप: उन्होंने सेबी अध्यक्ष के पद पर रहते हुए अपतटीय कंपनियों के साथ संबंधों को छुपाया और हितों के टकराव में काम किया।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट: अडानी ग्रुप से संबंध का आरोप अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अगस्त 2023 में जारी दस्तावेजों में माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए: मॉरीशस ऑफशोर कंपनी: बुच दंपत्ति के पास "ग्लोबल डायनेमिक ऑपर्च्युनिटी फंड" में हिस्सेदारी है, जो अडानी समूह के विनोद अडानी से जुड़ी हुई है। स्टॉक मूल्य हेरफेर: इस फंड का कथित तौर पर अडानी कंपनियों के शेयर मूल्यों को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए उपयोग किया गया था। हितों का टकराव: माधवी ने सेबी की अध्यक्ष बनने के दो सप्ताह बाद ही सिंगापुर स्थित "अगोरा पार्टनर्स" के शेयर अपने पति के नाम पर स्थानांतरित कर दिए।

कांग्रेस पार्टी की ओर से और आरोप तीन वेतन घोटाला: कांग्रेस ने शिकायत की थी कि माधवी सेबी सदस्य होने के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक और अन्य संस्थाओं से वेतन ले रही हैं। सेबी और आईसीआईसीआई का जवाब: दोनों संस्थाओं ने इन आरोपों से इनकार किया। आईसीआईसीआई ने कहा, "माधवी को सेवानिवृत्ति के बाद कोई वेतन या लाभ नहीं दिया गया है।"

माधवी पुरी बुच कौन हैं? कैरियर: 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से शुरुआत की। वह 2007 से 2011 तक आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एमडी और सीईओ रहे। 2022 में सेबी की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। विवाद: सेबी के कार्यकाल के दौरान अडानी-हिंडेनबर्ग मामले और अपतटीय निवेश में निष्क्रियता को लेकर आलोचना हुई।

मामले की आगे की कार्यवाही एसीबी जांच: मुंबई एसीबी को बुच, बीएसई और सेबी अधिकारियों के फोन रिकॉर्ड, ईमेल, अपतटीय लेनदेन की जांच करनी होगी। वैश्विक चुनौती: मॉरीशस और सिंगापुर के साथ आर्थिक संबंधों के कारण जांच जटिल हो सकती है। सेबी की विश्वसनीयता पर सवाल: यह मामला भारत की नियामक प्रणाली की स्वतंत्रता और पारदर्शिता पर सवाल उठाता है।

निष्कर्ष यह मामला भारत के वित्तीय बाजारों में भ्रष्टाचार और नियामक विफलताओं का परीक्षण है। यदि आरोप सिद्ध हो गए तो सेबी और बीएसई जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता कम हो जाएगी। साथ ही, अपतटीय वित्तपोषण और राजनीतिक-औद्योगिक संबंधों को विनियमित करने के लिए नए नियमों की आवश्यकता स्पष्ट हो जाएगी।

लेख प्रकाशित | Sun | 02 Mar 2025 | 9:47 PM

मुंबई के BKC में खुलेगा टेस्ला का पहला शोरूम: अप्रैल से EV की बिक्री संभव, 35 लाख रुपए महीने के किराए पर लिया गया 4000 वर्ग फीट एरिया

टेस्ला का भारत में प्रवेश: मुंबई में पहला शोरूम, ईवी नीति और नए रोजगार के अवसर
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला इंक ने अब भारतीय बाजार की ओर नए कदम बढ़ाए हैं। अमेरिका की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता कंपनी टेस्ला ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने का फैसला किया है। यह शोरूम मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में स्थित होगा। टेस्ला इसके लिए एक वाणिज्यिक टावर के भूतल पर 4,000 वर्ग फुट जगह लेगी, जिसमें वह अपने कार मॉडल प्रदर्शित करेगी और बेचेगी। जारी सूचना के अनुसार, इस स्थान के लिए मासिक पट्टा किराया लगभग 900 रुपये प्रति वर्ग फुट होगा, यानी कुल लगभग 35 लाख रुपये का भुगतान करना होगा और पट्टा समझौता पांच साल के लिए होगा।
टेस्ला ने न केवल ईवी शोरूम खोलने का फैसला किया है; कंपनी की योजना दिल्ली और मुंबई में अपने स्टोर खोलने की है। रिपोर्टों के अनुसार, टेस्ला दिल्ली के एयरोसिटी कॉम्प्लेक्स में दूसरा शोरूम स्थापित करने की योजना बना रही है और उसने फिलहाल भारत में 13 नौकरियों के लिए रिक्तियां जारी की हैं। टेस्ला फिलहाल देश में विनिर्माण इकाई स्थापित करने की योजना नहीं बना रही है, बल्कि वह जर्मनी के बर्लिन-ब्रांडेनबर्ग स्थित अपने गीगाफैक्ट्री में निर्मित कारों का आयात करेगी।
इसके अलावा, टेस्ला वर्तमान में भारत में एक बजट सेगमेंट कार लाने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला सबसे सस्ती कार के रूप में मॉडल 3 को भी लेने पर विचार कर रही है, जिसे अमेरिका में $29,990 (लगभग 2.6 मिलियन) में बेचा जाता है और जो एक बार पूरी तरह चार्ज होने पर 535 किलोमीटर तक चलती है। चूंकि वैश्विक बाजार में दोनों मॉडलों की कीमत 44,000 डॉलर से अधिक है, इसलिए कंपनी ने इस कार को भारत में कम कीमत पर लाने की कोशिश की है।
इसके साथ ही भारत सरकार ने 2024 में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में बड़ी कटौती की है। केंद्र सरकार ने व्यापक ईवी नीति के तहत आयात शुल्क को 70% से घटाकर 15% कर दिया है। यह शुल्क छूट वर्ष के दौरान केवल 8,000 करों पर उपलब्ध होगी। इन उपायों से भारतीय निर्माताओं और आयातकों को बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करने तथा घरेलू बाजार में नई गति पैदा करने में मदद मिलेगी।
टेस्ला द्वारा भारत में नौकरियां और स्टोर खोलने के इन नए कदमों से उम्मीद है कि कंपनी भारतीय बाजार में अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करेगी और देश के उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाली इलेक्ट्रिक कार के विकल्प उपलब्ध कराएगी।

लेख प्रकाशित | Sat | 01 Mar 2025 | 9:56 PM

सोना ₹479 गिरकर ₹85,114 पर: चांदी ₹1,447 घटकर ₹93,601 प्रति किलो बिक रही है, कैरेट के हिसाब से देखें सोने का भाव

"28 फरवरी 2024: सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट; 24 कैरेट सोना ₹85,114/10 ग्राम और चांदी ₹93,601/किलोग्राम पर पहुंच गई"

आज (28 फरवरी, शुक्रवार) सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत 479 रुपये गिरकर 85,114 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। कल (27 फरवरी) यह कीमत ₹85,593 थी। 19 फरवरी 2024 को सोने की कीमतें ₹86,733/10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गईं, जिसके बाद से इनमें लगातार गिरावट आ रही है।

चांदी में भी एक चमकीली चमक होती है: चांदी की कीमतों में भी आज भारी गिरावट देखी गई। 1 किलोग्राम चांदी की कीमत ₹1,447 गिरकर ₹93,601 हो गई है। कल चांदी 95,048 रुपए प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। चांदी का ऐतिहासिक उच्चतम मूल्य 23 अक्टूबर 2023 को ₹99,151/किलोग्राम था, जिसके बाद से इसके मूल्य में उतार-चढ़ाव देखा गया है।

2024 में सोने और चांदी का प्रदर्शन: कितनी बढ़ोतरी? सोना: 1 जनवरी 2024 से आज तक 24 कैरेट सोने का भाव ₹8,952 बढ़कर ₹76,162 से ₹85,114/10 ग्राम हो गया है।

चांदी: इस साल चांदी की कीमत ₹86,017 से ₹7,584 बढ़कर ₹93,601/किलोग्राम हो गई है।

2023 कस्टम: पिछले साल (2023) सोना ₹12,810 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था।

कैरेट (10 ग्राम) के आधार पर सोने की कीमतें: 24 कैरेट: ₹85,114

22 कैरेट: ₹77,964

18 कैरेट: ₹63,836

विशेषज्ञ विश्लेषण: "2024 में सोना ₹90,000/10 ग्राम तक पहुंच जाएगा!" केडिया एडवाइजरी के निदेशक अजय केडिया के अनुसार, सोने में हालिया गिरावट एक "लाभ कमाने" की रणनीति है। उन्होंने कहा कि:

सहायक कारक: अमेरिका और ब्रिटेन में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें, भू-राजनीतिक तनाव (जैसे यूक्रेन-रूस युद्ध, मध्य पूर्व संघर्ष) और स्वर्ण ईटीएफ में निवेश में वृद्धि।

भविष्य का दृष्टिकोण: आर्थिक अनिश्चितता और निवेशक मांग के कारण 2024 में सोना ₹90,000/10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

क्या चांदी सोने की बराबरी कर पाएगी? चांदी की कीमतों में सोने की तुलना में अधिक उतार-चढ़ाव होता है क्योंकि वे औद्योगिक मांग (इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल) पर आधारित होते हैं। हालांकि चांदी की कीमतें 99,151 रुपए प्रति किलोग्राम के ऐतिहासिक उच्च स्तर के बाद स्थिर नहीं हुई हैं, लेकिन माना जा रहा है कि लंबी अवधि में सोने की तुलना में ये टिकाऊ रहेंगी।

निष्कर्ष: आज की गिरावट एक अल्पकालिक सुधार है, लेकिन बाजार विश्लेषकों के अनुसार, 2024 सोने का वर्ष हो सकता है! निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे भू-राजनीतिक जोखिमों और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए सोने में निवेश बढ़ाएं।

नोट: अक्टूबर 2024 में चांदी की ऐतिहासिक उच्च कीमत के संबंध में स्रोत में तिथि त्रुटि (संभवतः 2023) हो सकती है।

लेख प्रकाशित | Fri | 28 Feb 2025 | 9:51 PM

सिर्फ सरकारी कर्मचारियों ही नहीं, सभी भारतीयों के लिए नई पेंशन स्कीम ला सकती है सरकार, जानें क्या होंगे फायदे

सरकार की नई यूनिवर्सल पेंशन योजना: असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा आधार

हमारी केंद्र सरकार अब सभी भारतीय नागरिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों (जैसे निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार, दिहाड़ी मजदूर, छोटे व्यापारी, स्वरोजगार करने वाले) और वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक "सार्वभौमिक पेंशन योजना" लाने की तैयारी कर चुकी है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक व्यक्ति को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय की गारंटी देना है। आइये इस योजना के विवरण तथा मौजूदा योजनाओं से इसके अंतर को समझें।

सार्वभौमिक पेंशन योजना की मुख्य विशेषताएं 1. सामान्य लक्ष्य: 18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी भारतीय (चाहे वह कार्यरत हो या स्वरोजगार में लगा हो) स्वेच्छा से इस योजना में शामिल हो सकता है। खासतौर पर उन लोगों को लाभ मिलेगा जो अभी ईपीएफओ, एनपीएस जैसी योजनाओं से वंचित हैं।

2. सरकारी सहयोग: पीएमएसवाईएम जैसे मॉडल का अनुसरण करते हुए, सरकार व्यक्ति के मासिक अंशदान की राशि के बराबर राशि देगी (उदाहरण के लिए, यदि आप 55 रुपये का योगदान करते हैं, तो सरकार भी 55 रुपये जोड़ देगी)। इससे छोटी बचत को बड़ी पेंशन में बदलने में मदद मिलेगी।

3. पेंशन राशि: 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3,000 से ₹5,000 की न्यूनतम मासिक पेंशन की गारंटी। अंशदान और योजना के प्रकार के आधार पर राशि अधिक भी हो सकती है।

4. असंगठित क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित: निर्माण मजदूर, घरेलू कामगार, रेहड़ी-पटरी वाले, किसान जैसे असंगठित क्षेत्र के 94 फीसदी कामगार जो ईपीएफओ या कॉरपोरेट पेंशन से बाहर हैं, उन्हें पहली बार सुरक्षा मिलेगी।

यह मौजूदा योजनाओं से अलग क्यों है? मानक यूनिवर्सल पेंशन योजना ईपीएफओ/एनपीएस/एपीवाई लक्ष्य समूह सभी भारतीय (संगठित + असंगठित) केवल संगठित क्षेत्र या विशिष्ट समूह (जैसे, किसान) वित्तपोषण सरकार + व्यक्तिगत योगदान मुख्यतः कर्मचारी-स्वामी-सरकार त्रिकोणीय मॉडल स्वैच्छिकता हाँ, कोई भी ईपीएफओ में शामिल हो सकता है फर्जी है; एनपीएस/एपीवाई स्वैच्छिक योजनाओं के एकीकरण से PMSYM, NPSTraders, APY जैसी योजनाओं का विलय हो जाएगा। प्रत्येक योजना अलग-अलग चलती है।

धन कहां से आएगा? निर्माण श्रमिकों के लिए: भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (BoCW) अधिनियम के तहत एकत्रित 55,000 करोड़ रुपये के फंड का एक हिस्सा पेंशन के लिए उपयोग किया जाएगा। सरकारी अंशदान: सरकार PMSYM जैसी योजनाओं में योगदान के बराबर योगदान देती है। नई योजना में भी इस मॉडल का विस्तार किया जाएगा।

किसे लाभ होगा? असंगठित श्रमिक: प्रतिदिन ₹200500 कमाने वाले मजदूर, जिनके पास कोई पेंशन योजना नहीं है। स्वरोजगार: ऑटोरिक्शा चालक, छोटे दुकानदार, फ्रीलांसर। युवा: 18-40 वर्ष की आयु के लोग जो दीर्घावधि में नियमित योगदान देकर अपनी सेवानिवृत्ति को सुरक्षित कर सकते हैं।

चुनौतियाँ और प्रश्न अनियमित आय: दैनिक वेतन भोगियों के लिए मासिक अंशदान का भुगतान करना कठिन हो सकता है। जागरूकता का अभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में योजना के बारे में जानकारी का अभाव है। राज्यों का सहयोग: केंद्र सरकार को अपनी पेंशन योजनाओं को इस योजना में विलय करने के लिए राज्यों का इस्तीफा लेना होगा।

आगे इंतज़ार है श्रम मंत्रालय फिलहाल इस योजना का मसौदा तैयार कर रहा है। जल्द ही सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और गैर सरकारी संगठन मिलकर इस योजना के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे। जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए ईपीएफओ जैसे संगठनों द्वारा परीक्षण परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं।

निष्कर्ष: यह सार्वभौमिक पेंशन योजना भारत में 50 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का द्वार खोलेगी। यदि सरकार पर्याप्त धनराशि, जागरूकता और एकीकृत मंच उपलब्ध कराए तो यह योजना देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण क्रांति लाएगी।

लेख प्रकाशित | Thu | 27 Feb 2025 | 10:11 PM

मार्च में 14 दिन बंद रहेंगे बैंक: 5 रविवार और 2 शनिवार को छोड़कर 7 दिन अलग-अलग स्थानों पर नहीं होगा काम

मार्च 2025 में बैंक और शेयर बाजार की छुट्टियां: पूरी जानकारी और अधिसूचना आगामी मार्च माह में बैंकिंग और शेयर बाजार से जुड़े कामों की योजना बनाने से पहले छुट्टियों की जानकारी होना जरूरी है। मार्च 2025 में बैंक 14 दिन बंद रहेंगे, जबकि शेयर बाजार 12 दिन बंद रहेगा। आइये विस्तार से जानते हैं:

1. बैंक अवकाश (कुल 14 दिन): रविवार (5 दिन): 2, 9, 16, 23 और 30 मार्च। शनिवार (2 दिन): दूसरे और चौथे शनिवार, यानी 8 और 22 मार्च। त्यौहार और राजकीय अवकाश (7 दिन): होली: 14 मार्च (शुक्रवार)। ईद-उल-फितर: 31 मार्च (सोमवार)। अन्य राज्य अवकाश: विभिन्न राज्यों में स्थानीय त्योहारों या समारोहों (जैसे, गुजरात में दरबार/जिला स्तर की छुट्टियां) के कारण बैंक 5 और दिनों के लिए बंद रहेंगे। नोट: राज्य के अनुसार छुट्टियाँ अलग-अलग हो सकती हैं। अपने शहर की बैंक शाखा से पुष्टि करें।

2. शेयर बाजार अवकाश (कुल 12 दिन): सप्ताहांत (10 दिन): 5 शनिवार: 1, 8, 15, 22, 29 मार्च। 5 रविवार: 2, 9, 16, 23, 30 मार्च। त्यौहार (2 दिन): होली (14 मार्च)। ईद-उल-फितर (31 मार्च)। पंजीकरण के बिना कुल दिन: 12.

3. महत्वपूर्ण निर्देश: 1. बैंकिंग कार्य के लिए: 14 मार्च (होली) और 31 मार्च (ईद) को बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे। इन दिनों में कोई भी आवश्यक लेन-देन, भुगतान की जांच या ऋण संबंधी कार्य जल्दी पूरा कर लें। राज्य की छुट्टियों की जांच करें: उदाहरण के लिए, गुजरात में गुड़ी पड़वा (30 मार्च) जैसी छुट्टी हो सकती है। 2. शेयर बाजार के लिए: 14 और 31 मार्च को शेयर बाजार में कोई कारोबार नहीं होगा। इन दिनों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक निवेश योजना बनाएं।

4. छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन सेवाएं: बैंक बंद होने पर भी आप निम्नलिखित सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं: ऑनलाइन बैंकिंग: फंड ट्रांसफर, बिल भुगतान, ऋण ईएमआई। एटीएम: कैश बैक, बैलेंस जांच। मोबाइल ऐप्स: यूपीआई, पेटीएम, गूगल पे के माध्यम से लेवदेव। सुझाव: यदि आपको ऑनलाइन लेनदेन में कोई कठिनाई आती है, तो बैंक के ग्राहक सेवा से संपर्क करें।

5. मार्च 2025 के प्रमुख त्यौहार: होली (14 मार्च): रंगों का त्योहार, उत्तर भारत में विशेष धूमधाम। ईद-उल-फितर (31 मार्च): रमजान के बाद मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार।

निष्कर्ष: मार्च 2025 में बैंक और शेयर बाजार की छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए अपनी वित्तीय योजना बनाएं। यदि आपका काम हमारे राज्य के अवकाशों पर निर्भर करता है, तो स्थानीय बैंक शाखा या सरकारी कैलेंडर की जांच करें। ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाकर आप छुट्टियों में भी आसानी से काम करवा सकते हैं!

लेख प्रकाशित | Wed | 26 Feb 2025 | 10:30 PM

अडानी-अंबानी असम में करेंगे 50-50 करोड़ का निवेश: एयरपोर्ट, रोड प्रोजेक्ट और सीमेंट सेक्टर में निवेश, मुकेश बोले- AI का मतलब होगा असम इंटेलिजेंस

अडानी और रिलायंस ने असम में मेगा निवेश की घोषणा की: 1 लाख करोड़ की परियोजना, मुकेश अंबानी ने AI को असम इंटेलिजेंस बताया
मंगलवार, 23 फरवरी को गुवाहाटी में आयोजित एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में भारत के दो महत्वाकांक्षी उद्योगपतियों गौतम अडानी और मुकेश अंबानी ने असम के विकास के लिए ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की। शिखर सम्मेलन में 60 से अधिक देशों के राजदूतों ने भाग लिया, जिनमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भाग लिया।

अडानी ग्रुप: 50 हजार करोड़ की योजना अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने घोषणा की, "आज मुझे बहुत गर्व है कि हमारा समूह असम में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह निवेश एयरपोर्ट, एयरो सिटी, सड़क परियोजनाओं और सीमेंट क्षेत्र में होगा, जिससे रोजगार और बुनियादी ढांचे को गति मिलेगी।" इसके साथ ही अडानी ने सोमवार को मध्य प्रदेश में 1.10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना की भी घोषणा की। इस राशि का उपयोग खनन, स्मार्ट वाहन और तापीय ऊर्जा में किया जाएगा तथा इससे 2030 तक 1.20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

रिलायंस का फोकस तकनीक और एआई पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, "2018 में हमने असम में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जो आज बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो गया है। अब हम अगले 5 सालों में टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेक्टर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। असम के युवा AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) क्रांति में सबसे आगे होंगे। मेरे लिए AI का मतलब होगा असम इंटेलिजेंस!"

शिखर सम्मेलन का वैश्विक प्रभाव प्रधानमंत्री मोदी ने निवेश शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, "असम अब सिर्फ भारत का हिस्सा नहीं बन रहा है, बल्कि एक्ट ईस्ट नीति के माध्यम से दुनिया का भी हिस्सा बन रहा है।" चीन, जापान और आसियान देशों सहित 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने शिखर सम्मेलन में रुचि दिखाई। असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "अब तक राज्य को एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।"

रोजगार और बुनियादी ढांचा: नई उम्मीदें - अडानी समूह असम में एयरो सिटी और स्मार्ट एयरपोर्ट विकसित करेगा, जिससे पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। - 5जी, डिजिटल समाधान और एआई पर रिलायंस की योजनाएं युवाओं को वैश्विक तकनीकी केंद्रों से जोड़ेंगी। - अडानी ग्रुप मध्य प्रदेश में स्मार्ट सिटी और कोल बेड मीथेन परियोजनाओं पर भी काम करेगा।

निष्कर्ष: असम और मध्य प्रदेश में यह विशाल निवेश गुजरात-महाराष्ट्र की ओर एशियाई आर्थिक गलियारे को भारत के "दोहरे आर्थिक इंजन" के रूप में मजबूत करेगा। अंबानी और अडानी की इन घोषणाओं से राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद में 15-20% की वृद्धि और युवाओं के लिए 2 लाख से अधिक नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है।

लेख प्रकाशित | Tue | 25 Feb 2025 | 10:23 PM

सेंसेक्स 856 अंक गिरकर 74,454 पर बंद: निफ्टी 242 अंक गिरा; आईटी और मेटल में सबसे ज्यादा गिरावट

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार (24 फरवरी) को गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 856 अंक गिरकर 74,454 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 242 अंक गिरकर 22,553 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 23 शेयरों में गिरावट आई और 7 शेयरों में तेजी आई। निफ्टी के 50 शेयरों में से 38 शेयरों में गिरावट और 12 शेयरों में तेजी रही।

एनएसई सेक्टोरल इंडेक्स में आईटी सेक्टर में 2.71% और निफ्टी मेटल में 2.17% की गिरावट आई, जबकि ऑटो, एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर में मामूली बढ़त देखी गई।

वैश्विक बाजार में गिरावट एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखी गई। जापान का निक्केई 0.26%, कोरिया का कोस्पी 0.62%, हांगकांग का हैंगसेंग 0.54% तथा चीन का शंघाई कम्पोजिट सूचकांक 0.11% गिरा।

अमेरिकी बाजार भी गिरावट में था। डाऊ जोन्स 1.69% गिरकर 43,428 पर आ गया, एसएंडपी 500 सूचकांक 1.71% गिरकर 6,013 पर आ गया तथा नैस्डैक 2.20% गिरकर 19,524 पर आ गया।

एफआईआई और डीआईआई की गतिविधियां 21 फरवरी को विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 3,449.15 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,884.61 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

पिछले सप्ताह का परिणाम पिछले सप्ताह (21 फरवरी) शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 424 अंक गिरकर 75,311 पर और निफ्टी 117 अंक गिरकर 22,795 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 22 शेयरों में गिरावट आई और 8 शेयरों में तेजी आई। निफ्टी के 50 शेयरों में से 37 शेयरों में गिरावट और 13 शेयरों में बढ़त रही। एनएसई क्षेत्रीय सूचकांक में ऑटो सेक्टर में 2.58% की गिरावट आई।

इस प्रकार, वैश्विक और घरेलू दोनों बाजारों में गिरावट का रुख देखा जा रहा है।

लेख प्रकाशित | Mon | 24 Feb 2025 | 6:00 PM

ट्रंप की एक और धमकी से फार्मा कंपनियों को खतरा, शेयर बाजार में हलचल का अनुमान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ और व्यापार नीतियां दुनिया भर में चिंता का कारण बन रही हैं। विशेषकर, फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में उनके निर्णयों से भारत जैसे देशों को भारी नुकसान होने की संभावना है। ट्रम्प ने दवा कंपनियों को उच्च टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की सलाह दी है। इस निर्णय से भारतीय फार्मा कम्पनियों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि भारत अमेरिका को फार्मा निर्यात का एक बड़ा हिस्सा प्रदान करता है।

भारतीय फार्मा क्षेत्र पर प्रभाव - निर्यात पर प्रभाव: भारत ने 2023-24 में अमेरिका को 27.9 बिलियन डॉलर मूल्य की फार्मा कंपनियों का निर्यात किया, जो भारत के कुल फार्मा निर्यात का 31% है। ट्रम्प की टैरिफ नीतियों का इन निर्यातों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। - जेनेरिक दवाओं की मांग: भारत अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की 50% से अधिक मांग को पूरा करता है। उच्च टैरिफ से इन दवाओं की कीमत बढ़ सकती है, जिससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है। - विनिर्माण बदलाव: यदि कंपनियां ट्रंप की सलाह के अनुसार अमेरिका में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करती हैं, तो इसका भारत में रोजगार और उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

अमेरिकी दवा कंपनियों की प्रतिक्रिया फाइजर, एली लिली और मर्क जैसी अमेरिकी दवा कंपनियों ने ट्रम्प से दवा की कीमतों में सरकारी हस्तक्षेप की नीति को वापस लेने की अपील की है। उनका दावा है कि यह नीति दवा उद्योग के विकास में बाधा उत्पन्न कर सकती है तथा दवाइयां अधिक महंगी बना सकती है। हालांकि ट्रंप ने इस अपील को खारिज कर दिया है और कहा है कि अमेरिका में दवाओं की कीमत अन्य देशों की तुलना में अधिक है।

टैरिफ और कीमतों पर प्रभाव यदि ट्रम्प अधिक टैरिफ लगाते हैं तो भारत से निर्यात की जाने वाली दवाओं की कीमत अमेरिका में बढ़ जाएगी। इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय फार्मा कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो सकती है। विश्लेषकों के अनुसार, इस निर्णय से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है, क्योंकि अमेरिका दवाओं की आपूर्ति के लिए भारत पर निर्भर है।

भारतीय फार्मा कंपनियों की चिंता ट्रम्प की नीतियों ने भारतीय फार्मा कंपनियों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है। शेयर बाजार में दवा कंपनियों के शेयरों में अस्थिरता देखी जा सकती है, क्योंकि ट्रम्प की नीतियां और उनके प्रभाव स्पष्ट नहीं हैं। भारतीय कंपनियां द्विपक्षीय चर्चा के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

निष्कर्ष ट्रम्प की टैरिफ और फार्मा नीतियों के कारण भारतीय फार्मा उद्योग को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। उच्च टैरिफ और विनिर्माण में बदलाव के दबाव से भारतीय कंपनियों के निर्यात और मुनाफे में कमी आ सकती है। इस स्थिति में, भारत सरकार और फार्मा कंपनियों को अमेरिका के साथ बातचीत करके इन चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।

लेख प्रकाशित | Sun | 23 Feb 2025 | 9:03 PM