केरल में इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले ब्रिटिश एफ-35बी फाइटर जेट की मरम्मत नहीं हो सकी, इसलिए अब उसे टुकड़ों में तोड़कर वापस ब्रिटेन भेजने की तैयारी चल रही है।

ब्रिटिश रॉयल नेवी का F35 लाइटनिंग II फाइटर जेट, जिसने 14 जून, 2024 को तिरुवनंतपुरम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (केरल) पर आपातकालीन लैंडिंग की, अभी भी हवाई अड्डे पर खड़ा है। 918 करोड़ रुपये (लगभग 110 मिलियन डॉलर) की पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट को तकनीकी गड़बड़ियों के कारण मरम्मत की आवश्यकता है।

मुख्य बिंदु:
1. अप्रत्याशित लैंडिंग:
यह जेट HMS प्रिंस ऑफ वेल्स एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ इंडो-पैसिफिक मिशन पर था और भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास पूरा करने के बाद इसे तिरुवनंतपुरम में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।

2. मरम्मत की चुनौतियाँ:
ब्रिटेन की एक इंजीनियरिंग टीम ने जेट को फिर से उड़ान भरने लायक बनाने का प्रयास किया, लेकिन F35B के संवेदनशील STOVL (शॉर्ट टेकऑफ़/वर्टिकल लैंडिंग) सिस्टम में गंभीर खराबी के कारण मरम्मत असफल रही।

3. वापसी की योजना:
ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स (RAF) अब जेट को अलग करेगी और एक बड़े सैन्य कार्गो विमान (जैसे C17 ग्लोबमास्टर III) का उपयोग करके इसे वापस यू.के. ले जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए स्पेयर पार्ट्स और विशेष उपकरणों की आवश्यकता होगी।

4. F35B की विशेषताएं:
STOVL क्षमता: ऊर्ध्वाधर/छोटे रनवे पर उतर सकता है, जो विमान वाहक के लिए आदर्श है।
स्टील्थ तकनीक: रडार को कम दिखाई देता है।
लागत: प्रत्येक F35B की कीमत ~$110 मिलियन (भारतीय रुपये में 900+ करोड़) है।

5. भारत के साथ संबंध:
यह घटना भारत-यू.के. रक्षा सहयोग को उजागर करती है। ब्रिटिश नौसेना वर्तमान में इंडो-पैसिफिक में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है, और भारतीय नौसेना के साथ इसकी निकटता मजबूत हुई है।

अगले कदम:
जेट को सुरक्षित तरीके से अलग किया जाएगा और आरएएफ द्वारा यू.के. भेजा जाएगा। लॉकहीड मार्टिन (निर्माता) अंतर्निहित दोष की जांच करेगा। यह घटना F35B के रसद और समर्थन प्रणालियों पर बहस को जन्म देगी।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के हिस्से के रूप में, भारतीय अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में सहायता की है। F35 से जुड़ी ऐसी घटनाएँ दुर्लभ हैं, लेकिन वे उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों की जटिलता को उजागर करती हैं।

लेख प्रकाशित | Thu | 03 Jul 2025 | 8:25 PM