"कैरेबियाई द्वीप पर लापता 9 गुजरातियों का कोई सुराग नहीं, हाईकोर्ट ने जनहित याचिका खारिज की; याचिकाकर्ता ने सरकार-अदालत की मदद की सराहना की, लेकिन लापता लोगों की तलाश व्यर्थ"

गुजरात हाईकोर्ट ने 9 लापता गुजरातियों के मामले में याचिका का निपटारा किया
मुख्य बिंदु:
9 गुजराती अवैध रूप से कैरेबियाई द्वीपों के रास्ते अमेरिका चले गए थे, लेकिन फरवरी 2023 से उनका कोई पता नहीं चला है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया, क्योंकि केंद्र सरकार और भारतीय दूतावासों के प्रयासों के बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला, लेकिन भविष्य में नई शिकायत दर्ज करने का अधिकार सुरक्षित रखा। लापता लोग आखिरी बार डोमिनिका से एंटीगुआ की यात्रा कर रहे थे और वहां से अमेरिका जाने की योजना बना रहे थे।

विवरण:
1. मामले की पृष्ठभूमि:
ये 9 गुजराती वीजा लेकर फ्रांसीसी कैरेबियाई द्वीप (गुआडेलोप) से डोमिनिका और एंटीगुआ गए थे, लेकिन 3 फरवरी 2023 के बाद उनका संपर्क टूट गया। परिवार ने लगातार भारत सरकार, फ्रांसीसी और अमेरिकी दूतावासों से संपर्क किया, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। भारतीय राजदूत ग्वाडेलोप गए थे, लेकिन असफल रहे।
2. हाईकोर्ट की टिप्पणियां: मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणब त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि सरकार ने पर्याप्त प्रयास किए, लेकिन लापता लोगों का पता लगाना संभव नहीं हो सका। याचिकाकर्ता के वकील यतिन ओझा ने दलील दी कि अदालत को मदद करनी चाहिए, क्योंकि फ्रांसीसी क्षेत्र में वीजा मिलना मुश्किल है, लेकिन अदालत ने विदेश मंत्रालय की मदद लेने का सुझाव दिया।
3. अवैध यात्रा की स्वीकृति: परिवार का मानना ​​था कि ये 9 लोग अमेरिका जाने के लिए एक छोटी नाव में अवैध रूप से यात्रा कर रहे थे। संभव है कि वे ग्वाडेलोप द्वीप पर एक हिरासत केंद्र में हों, जहां से जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है।
4. आगे की कार्रवाई: हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर नए सबूत मिलते हैं, तो नई अर्जी दाखिल की जा सकती है। परिवार ने फ्रांस के वकीलों की सेवाएं ली हैं, लेकिन मामले की प्रगति सीमित है।
निष्कर्ष: यह मामला अवैध यात्रा की खतरनाक स्थितियों को उजागर करता है। उच्च न्यायालय और सरकार के प्रयासों के बावजूद लापता व्यक्तियों को ढूंढना असंभव प्रतीत होता है, लेकिन परिवार के पास भविष्य के लिए कानूनी विकल्प खुले रखे गए हैं।

लेख प्रकाशित | Sat | 28 Jun 2025 | 8:26 PM